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21 साल पहले आज ही के दिन गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा था संसद भवन, सांसदों ने दी श्रद्धांजलि

आतंकी संसद परिसर में घुसकर सांसदों और मंत्रियों को निशाना बनाने की फिराक में थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनके मंसूबे नाकाम कर दिए थे.

Etv Bharat 21st anniversary of terrorist attack on Parliament
Etv Bharat संसद पर आतंकी हमले की 21वीं बरसी
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Published : Dec 13, 2022, 9:38 AM IST

Updated : Dec 13, 2022, 10:56 AM IST

नई दिल्ली: तेरह दिसंबर का दिन इतिहास में देश विदेश की कई बड़ी घटनाओं के साथ दर्ज है. 2001 में 13 दिसंबर की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था. देश की राजधानी के बेहद महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़े संसद भवन में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एम्बेसडर का इस्तेमाल किया और सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहे, लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें ढेर कर दिया.

शहीदों को दी श्रद्धांजलि

संसद पर हमले की 21वीं बरसीं पर आज सभी सांसदों ने श्रद्धांजलि दी. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत तमाम लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए.

  • Delhi | Vice President and Rajya Sabha chairman Jagdeep Dhankhar, Lok Sabha Speaker Om Birla, Prime Minister Narendra Modi and other leaders pay tribute to the fallen jawans, at the Parliament, on the 21 years of the Parliament Attack. pic.twitter.com/Fh3GYsn2p0

    — ANI (@ANI) December 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, संसद भवन में हुए आतंकवादी हमले की आज 21वीं बरसी है. 13 दिसंबर को, 21 साल पहले लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली भारतीय संसद (Parliament) पर आतंकी हमला (Terrorist Attack) हुआ था. आज ही के दिन संसद भवन पर उस समय आतंकी हमला हुआ था, जब शीतकालीन सत्र (Winter Session) चल रहा था. पाकिस्तान (Pakistan) से आए पांच दहशतगर्दों ने संसद भवन परिसर में घुसकर गोलीबारी की थी.

इस आतंकी हमले में देश के 9 वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था. आज इस मौके पर इन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. इन जवानों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके संसद भवन में घुसने के मंसूबे को नाकाम कर दिया था. हमला उस वक्त हुआ जब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तमाम विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित की गई थी. उसी समय गोलियों को गड़गड़ाहट से संसद परिसर गूंज उठा.

सफेद एम्बेसडर कार में आए थे आतंकी
21 साल पहले आज सुबह के वक्त सफेद रंग की एम्बेसडर कार में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी पूरी तैयारी के साथ संसद भवन में घुस गए थे. परिसर में आतंकियों की एम्बेसडर कार ने उपराष्ट्रपति के काफिले की गाड़ी को हड़बड़ी में टक्कर मार दी, जिससे सुरक्षाकर्मियों को उन पर शक हुआ. इससे पहले कि सुरक्षाकर्मी कुछ समझ पाते, कार में सवार आतंकियों ने गोलीबारी शुरु कर दी थी. उसके बाद संसद भवन की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की.

संसद भवन में मौजूद थे 200 सांसद
आतंकी संसद भवन में घुसकर सांसदों और मंत्रियों को निशाना बनाने की फिराक में थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनके मंसूबे को नाकाम कर दिया. उस दौरान संसद में कई सांसद और मंत्री मौजूद थे. हमले के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद संसद परिसर में मौजूद थे. सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही उन्हें कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया था.

एक आतंकवादी ने गोली लगते ही खुद को उड़ा दिया था. दूसरे आतंकवादी इस दौरान हथगोला भी फेंक रहे थे. सुरक्षाकर्मियों ने आतंकवादियों को चारों तरफ से घेरकर उन्हें ढेर कर दिया. इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला और संसद सुरक्षा के दो सुरक्षा सहायक शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले में एक माली की भी मौत हो गई थी.

पढ़ें: संसद पर हमले के 20 साल : खौफ की यादें अभी भी ताजा

पाकिस्तान के साथ बढ़ा तनाव
आतंकी हमले की जांच में सामने आया कि इसका मास्टरमाइंड अफजल गुरु था, जो पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में आईएसआई के कैंप में ट्रेनिंग भी ले चुका था. जांच में यह भी सामने आया की संसद हमले में मारे गए पांचों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे. इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अफजल गुरु को हमले का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.

नई दिल्ली: तेरह दिसंबर का दिन इतिहास में देश विदेश की कई बड़ी घटनाओं के साथ दर्ज है. 2001 में 13 दिसंबर की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था. देश की राजधानी के बेहद महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़े संसद भवन में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एम्बेसडर का इस्तेमाल किया और सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहे, लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें ढेर कर दिया.

शहीदों को दी श्रद्धांजलि

संसद पर हमले की 21वीं बरसीं पर आज सभी सांसदों ने श्रद्धांजलि दी. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत तमाम लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए.

  • Delhi | Vice President and Rajya Sabha chairman Jagdeep Dhankhar, Lok Sabha Speaker Om Birla, Prime Minister Narendra Modi and other leaders pay tribute to the fallen jawans, at the Parliament, on the 21 years of the Parliament Attack. pic.twitter.com/Fh3GYsn2p0

    — ANI (@ANI) December 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, संसद भवन में हुए आतंकवादी हमले की आज 21वीं बरसी है. 13 दिसंबर को, 21 साल पहले लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली भारतीय संसद (Parliament) पर आतंकी हमला (Terrorist Attack) हुआ था. आज ही के दिन संसद भवन पर उस समय आतंकी हमला हुआ था, जब शीतकालीन सत्र (Winter Session) चल रहा था. पाकिस्तान (Pakistan) से आए पांच दहशतगर्दों ने संसद भवन परिसर में घुसकर गोलीबारी की थी.

इस आतंकी हमले में देश के 9 वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था. आज इस मौके पर इन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. इन जवानों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके संसद भवन में घुसने के मंसूबे को नाकाम कर दिया था. हमला उस वक्त हुआ जब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तमाम विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित की गई थी. उसी समय गोलियों को गड़गड़ाहट से संसद परिसर गूंज उठा.

सफेद एम्बेसडर कार में आए थे आतंकी
21 साल पहले आज सुबह के वक्त सफेद रंग की एम्बेसडर कार में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी पूरी तैयारी के साथ संसद भवन में घुस गए थे. परिसर में आतंकियों की एम्बेसडर कार ने उपराष्ट्रपति के काफिले की गाड़ी को हड़बड़ी में टक्कर मार दी, जिससे सुरक्षाकर्मियों को उन पर शक हुआ. इससे पहले कि सुरक्षाकर्मी कुछ समझ पाते, कार में सवार आतंकियों ने गोलीबारी शुरु कर दी थी. उसके बाद संसद भवन की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की.

संसद भवन में मौजूद थे 200 सांसद
आतंकी संसद भवन में घुसकर सांसदों और मंत्रियों को निशाना बनाने की फिराक में थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनके मंसूबे को नाकाम कर दिया. उस दौरान संसद में कई सांसद और मंत्री मौजूद थे. हमले के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद संसद परिसर में मौजूद थे. सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही उन्हें कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया था.

एक आतंकवादी ने गोली लगते ही खुद को उड़ा दिया था. दूसरे आतंकवादी इस दौरान हथगोला भी फेंक रहे थे. सुरक्षाकर्मियों ने आतंकवादियों को चारों तरफ से घेरकर उन्हें ढेर कर दिया. इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला और संसद सुरक्षा के दो सुरक्षा सहायक शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले में एक माली की भी मौत हो गई थी.

पढ़ें: संसद पर हमले के 20 साल : खौफ की यादें अभी भी ताजा

पाकिस्तान के साथ बढ़ा तनाव
आतंकी हमले की जांच में सामने आया कि इसका मास्टरमाइंड अफजल गुरु था, जो पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में आईएसआई के कैंप में ट्रेनिंग भी ले चुका था. जांच में यह भी सामने आया की संसद हमले में मारे गए पांचों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे. इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अफजल गुरु को हमले का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.

Last Updated : Dec 13, 2022, 10:56 AM IST
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