नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress chief Mallikarjun Kharge) पार्टी के पारंपरिक दलित वोट बैंक को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, इसी कड़ी में 212 चुनिंदा विधानसभा और 61 संसदीय क्षेत्रों में समुदाय को एकजुट करने के लिए 5 जुलाई को एक अभियान की शुरुआत करेंगे. बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में, कांग्रेस ने दलित नेता खड़गे के चुनाव को पार्टी के सर्वोच्च पद पर अपनी लोकतांत्रिक साख और समावेशी राजनीति के संकेतक के रूप में प्रदर्शित किया था. वहीं कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, खड़गे ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से राज्यों में क्षेत्रीय दलों में चले गए हाशिए पर रहने वाले समुदायों को वापस लाने और उन्हें वापस लाने के लिए एक दीर्घकालिक कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए कहा था.
इस संबंध में एआईसीसी के राष्ट्रीय समन्वयक (एसटी, एससी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक विभाग) के राजू ने बताया कि खड़गे जी 5 जुलाई को राष्ट्रीय नेतृत्व विकास मिशन (LDM) लॉन्च करेंगे. हम कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं और यह शुरू होने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख देश भर के एलडीएम प्रबंधकों को संबोधित करेंगे और एक ऐप लॉन्च करेंगे जिसके माध्यम से कार्यक्रम की निगरानी की जाएगी.
राजू के अनुसार, हालांकि एलडीएम एक दीर्घकालिक योजना है, लेकिन अल्पावधि में इसे चार राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना की 212 आरक्षित विधानसभा सीटों पर शुरू किया जाएगा, जहां इस साल चुनाव होंगे. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन 61 आरक्षित लोकसभा क्षेत्रों में भी शुरू किया जाएगा जहां 2024 में चुनाव होंगे. इन 61 आरक्षित लोकसभा सीटों में कांग्रेस 2019 के चुनावों में दूसरे स्थान पर रही थी और जहां पार्टी 2024 में भी चुनाव लड़ेगी. राजू ने कहा कि हमने उन्हें इसलिए चुना क्योंकि ये सीटें किसी भी सीट-बंटवारे के तहत नहीं आएंगी और कांग्रेस 2024 में वहां चुनाव लड़ेगी.
एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, एलडीएम का विचार 2022 के चिंतन शिविर के दौरान सामने आया था और बाद में इसे उदयपुर घोषणा में जगह मिली, जिसमें 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार की गई थी. राजू ने कहा कि अनिवार्य रूप से, एलडीएम कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे देश में कांग्रेस के सामाजिक न्याय एजेंडे का विस्तार करना है. एलडीएम समन्वयक गांव और ब्लॉक स्तर पर शुरुआत करेंगे. वे स्थानीय लोगों के साथ काम करेंगे, उनके मुद्दे उठाएंगे और उनका विश्वास जीतेंगे. वे कांग्रेस के लिए विधानसभा सीट जीतने के लिए जमीन तैयार करेंगे लेकिन उम्मीदवारों के चयन में उनकी कोई भूमिका नहीं होगी. वहीं नियमित पार्टी प्रणाली उस मुद्दे का ध्यान रखेगी.
एआईसीसी के राष्ट्रीय समन्वयक राजू ने आगे कहा कि खड़गे योजना को लेकर बहुत गंभीर थे और इसलिए उन्होंने अभियान को चलाने के लिए पूर्णकालिक समन्वयक नियुक्त किए थे. उन्होंने कहा कि इसका कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है. हमने चुनाव वाले चार राज्यों में चयनित प्रत्येक आरक्षित विधानसभा सीट पर गतिविधि के समन्वय के लिए एक पूर्णकालिक राजनीतिक नेता नियुक्त किया है. मैंने स्वयं सभी 212 सीटों का दौरा किया और समन्वयकों को प्रशिक्षित किया. संसदीय सीटों के लिए एलडीएम कार्यक्रम के समन्वय के लिए एक बोर्ड का गठन किया गया है. इस पहल में जिला इकाई प्रमुखों के साथ-साथ फ्रंटल संगठन भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पास एक संस्थागत व्यवस्था है. इससे पहल को न केवल ऊर्जा मिलेगी बल्कि यह नियमित हो जाएगी. चुनाव से पहले, हम उम्मीदवार को एक डॉकेट सौंपेंगे जिसमें उस सीट पर पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रासंगिक मुद्दों का सारा डेटा होगा.