सूरत: 14 साल की सौतेली बेटी से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने दोषी पिता को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मामला तब सामने आया था जब बेटी गर्भवती हो गई थी. 2022 में मां की शिकायत पर सलाबतपुरा पुलिस स्टेशन में पॉक्सो एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था. इसी केस में अब फैसला आया है.
सरकारी वकील दीपेश दवे ने बताया कि ये घटना 2022 में सलाबतपुरा इलाके में घटी थी. परिवार की 14 साल की बेटी को पेट में दिक्कत थी. मां अस्पताल ले गई तो डॉक्टर ने दवा देकर भेज दिया. दोबारा चेकअप कराने पर पता चला कि बेटी 3 महीने की गर्भवती है. जब मां ने बेटी से पूछा तो पता चला की आरोपी पिता अनिल राजपूत हर रात उसकी मर्जी के खिलाफ उसके साथ गंदा काम कर रहा था. बेटी की इस बात को लेकर दंपत्ति के बीच झगड़ा हो गया. मामला पुलिस तक पहुंचा.
पुलिस जांच के बाद आरोपी पिता अनिल राजपूत को पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने नामदार अदालत में आरोप पत्र दायर किया और फिर मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला गया और आखिरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश किशोर कुमार हिरपारा ने सभी सबूतों के आधार पर आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई.
कोर्ट में बहस के दौरान सरकारी वकील दीपेश दवे ने दलील दी कि बच्ची ने एक नाजायज बच्चे को जन्म दिया है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी उस पर आ गई है. इस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी सौतेला पिता है और बच्ची की सुरक्षा करना उसकी जिम्मेदारी थी लेकिन उसने भारतीय संस्कृति, संस्कार, समाज के खिलाफ एक घृणित और गंभीर कार्य किया है. किसी बच्चे के सम्मान को ठेस पहुंचाना समाज में एक घृणित अपराध है.