धौलपुर. जिला मुख्यालय से बाड़ी होते हुए उत्तर प्रदेश के तांतपुर को जोड़ने वाली नैरो गेज ट्रेन शुक्रवार को इतिहास बन गई. इस ट्रेन ने शुक्रवार को अपना अंतिम सफर पूरा किया. ट्रेन के अंतिम सफर के दौरान मौजूद यात्री मायूस दिखाई दिए. पिछले 150 साल से यह नैरोगेज ट्रेन अपनी रफ्तार बनाए हुए था.
इस रूट को ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया जा रहा है, जिसके कारण नैरोगेज ट्रेन को बंद किया गया है. धौलपुर से करौली तक के लिए ब्रॉडगेज लाइन मंजूर हुई है, इसका काम चल रहा है. इसी के कारण इलाहाबाद जोन ने आगरा मंडल को इसके संचालन को बंद करने के आदेश जारी किए थे. ऐसे में शुक्रवार को इस ट्रेन ने अंतिम सफर पूरा किया. इस ट्रेन से सालों से यात्रा करने वाले लोग ट्रेन के बंद होने के मायूस हो गए. यात्रियों ने कहा कि ये ट्रेन हमेशा यादों में बसी रहेगी. उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन ब्रॉडगेज में परिवर्तित होगी तो आने वाले समय में क्षेत्र का विकास होगा.
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1917 में शुरू हुई थी ट्रेनः इस ट्रेन की शुरुआत 1917 में हुई थी. धौलपुर स्टेट टाइम पर इस ट्रेन को राजाओं की ओर से शुरू किया गया था. जानकारों की मानें तो ब्रिटिश हुकूमत ने इस ट्रेन का संचालन किया था. जिसके पीछे बंसी पहाड़पुर के पत्थर का ट्रांसपोर्टेशन कारण रहा. बता दें बंसी पहाड़पुर में निकलने वाला लाल और सफेद पत्थर बहुत ही उच्च क्वालिटी का होता है. इसे दूसरे स्थानों पर ले जाने के लिए इस ट्रेन को शुरू किया गया था. इस ट्रेन को जनता गाड़ी के नाम से जाना जाता था. अंतिम सफर के दौरान इस ट्रेन का बाड़ी रेलवे स्टेशन पर स्वागत किया गया.
कलेक्टर ने भी की यात्राः ट्रेन के अंतिम सफर के दौरान धौलपुर जिला मुख्यालय से आए अधिकारी भी नजर आए. जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया नैरो गेज ट्रेन से धौलपुर जिले के लोगों का भावनात्मक लगाव रहा है, लेकिन विकास की दृष्टि से नैरोगेज लाइन का रूपांतरण ब्रॉडगेज में किया जा रहा है. धौलपुर जिले के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया इस ऐतिहासिक ट्रेन की करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व शुरुआत हुई थी. कलेक्टर ने कहा कि मैंने भी शुक्रवार को इस ट्रेन में अंतिम सफर किया है. विदाई देते समय अलग प्रकार की फीलिंग्स हो रही थी.