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Monsoon session 2023: जल व मौसम संबंधी आपदा से 1224 लोगों की गई जान, 61,000 से अधिक घर हुए क्षतिग्रस्त : केंद्र

राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने बताया कि इस साल चक्रवात के अलावा मौसम संबंधी आपदा की वजह से 1224 लोगों की मौत हो गई. वहीं 61 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए.

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Published : Aug 2, 2023, 6:57 PM IST

नई दिल्ली : देश में इस वर्ष आए चक्रवात सहित जल-मौसम संबंधी आपदाओं की वजह से भारत में अब तक 1,224 लोगों की जान चली गई है और 61,136 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसमें सबसे अधिक लोगों की मौत बिहार (502) में हुई है, इसके बाद मध्य प्रदेश (97), गुजरात (94), हिमाचल प्रदेश (88) और कर्नाटक (78) हैं. वहीं इसी अवधि के दौरान देश भर में 25,558 मवेशी मारे गए हैं और 4,04,676.54 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है.

उक्त जानकारी राज्यसभा देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए उचित तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया उपाय करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर अच्छी तरह से स्थापित संस्थागत तंत्र हैं. उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि केंद्र सरकार ने एक मजबूत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित की है और मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता में काफी वृद्धि की है. इसके अलावा लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए मॉक अभ्यास और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं.

राय ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए उपायों से आपदा प्रबंधन प्रथाओं, तैयारियों, रोकथाम और प्रतिक्रिया तंत्र में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आपदा प्रबंधन को मजबूत करना शासन की एक सतत और विकासशील प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत राहत व्यय के वित्तपोषण की योजना क्रमिक वित्त आयोगों की सिफारिशों पर आधारित है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में प्रभावित लोगों को भारत सरकार की अनुमोदित वस्तुओं और मानदंडों के अनुसार पहले से ही उनके निपटान में मौजूद एसडीआरएफ से वित्तीय राहत प्रदान करती हैं.

हालांकि, गंभीर प्रकृति की आपदा की स्थिति में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार एनडीआरएफ से अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) की यात्रा के आधार पर मूल्यांकन शामिल है. इसके अलावा अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के तहत वित्तीय सहायता राहत के रूप में दी जाती है, न कि नुकसान और दावे के अनुसार मुआवजे के लिए. उन्होंने कहा कि मानव जीवन की हानि के मामले में मौजूदा मानदंड मृत व्यक्तियों के परिवारों को प्रति मृतक 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है. वहीं पीड़ितों या पीड़ितों के परिजनों को दिए गए मुआवजे की जानकारी इस मंत्रालय द्वारा केंद्रीय रूप से नहीं रखी जाती है, क्योंकि जमीन पर राहत गतिविधियों का कार्यान्वयन संबंधित राज्य की जिम्मेदारी है.

ये भी पढ़ें - राज्यसभा में भाजपा सदस्य ने उठाया OTT पर कार्यक्रमों में अश्लीलता का मुद्दा, नियमन की मांग की

नई दिल्ली : देश में इस वर्ष आए चक्रवात सहित जल-मौसम संबंधी आपदाओं की वजह से भारत में अब तक 1,224 लोगों की जान चली गई है और 61,136 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसमें सबसे अधिक लोगों की मौत बिहार (502) में हुई है, इसके बाद मध्य प्रदेश (97), गुजरात (94), हिमाचल प्रदेश (88) और कर्नाटक (78) हैं. वहीं इसी अवधि के दौरान देश भर में 25,558 मवेशी मारे गए हैं और 4,04,676.54 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है.

उक्त जानकारी राज्यसभा देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए उचित तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया उपाय करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर अच्छी तरह से स्थापित संस्थागत तंत्र हैं. उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि केंद्र सरकार ने एक मजबूत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित की है और मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता में काफी वृद्धि की है. इसके अलावा लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए मॉक अभ्यास और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं.

राय ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए उपायों से आपदा प्रबंधन प्रथाओं, तैयारियों, रोकथाम और प्रतिक्रिया तंत्र में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आपदा प्रबंधन को मजबूत करना शासन की एक सतत और विकासशील प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत राहत व्यय के वित्तपोषण की योजना क्रमिक वित्त आयोगों की सिफारिशों पर आधारित है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में प्रभावित लोगों को भारत सरकार की अनुमोदित वस्तुओं और मानदंडों के अनुसार पहले से ही उनके निपटान में मौजूद एसडीआरएफ से वित्तीय राहत प्रदान करती हैं.

हालांकि, गंभीर प्रकृति की आपदा की स्थिति में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार एनडीआरएफ से अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) की यात्रा के आधार पर मूल्यांकन शामिल है. इसके अलावा अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के तहत वित्तीय सहायता राहत के रूप में दी जाती है, न कि नुकसान और दावे के अनुसार मुआवजे के लिए. उन्होंने कहा कि मानव जीवन की हानि के मामले में मौजूदा मानदंड मृत व्यक्तियों के परिवारों को प्रति मृतक 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है. वहीं पीड़ितों या पीड़ितों के परिजनों को दिए गए मुआवजे की जानकारी इस मंत्रालय द्वारा केंद्रीय रूप से नहीं रखी जाती है, क्योंकि जमीन पर राहत गतिविधियों का कार्यान्वयन संबंधित राज्य की जिम्मेदारी है.

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