नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस में फर्जी लाइसेंस पर भर्ती हुए 12 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त (12 policemen terminated) कर दिया गया है. यह पुलिसकर्मी फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर वर्ष 2007 में भर्ती हुए थे. फिलहाल यह पुलिसकर्मी पीसीआर यूनिट में तैनात थे. इनके खिलाफ अगस्त 2020 में मॉडल टाउन थाने में FIR दर्ज की गई थी. 13 साल तक नौकरी करने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस में 2007 में ड्राइवर पद पर सिपाहियों की भर्ती की गई थी. इसमें सभी टेस्ट के बाद कुल 600 से ज्यादा ड्राइवर भर्ती किए गए थे. पुलिस को इस भर्ती के बारे में कुछ शिकायतें मिलीं, जिसमें बताया गया कि फर्जी दस्तावेजों पर ड्राइवर भर्ती हुए हैं. साल 2012 में सुल्तान सिंह नामक शख्स ने ड्राइवर पद के लिए आवेदन किया. उसने मथुरा स्थित RTO से लाइसेंस बनवाया था. उसके लाइसेंस की जब वेरिफिकेशन की गई तो पता चला कि मथुरा ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से यह लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. इसके बाद पुलिस के अधिकारियों को शक हुआ. उन्होंने 2007 में भर्ती हुए उन सभी उम्मीदवारों के ड्राइविंग लाइसेंस की जांच करवाई, जिन्होंने मथुरा अथॉरिटी के ड्राइविंग लाइसेंस दिए थे.
इससे पुलिस को पता चला कि 31 कॉन्स्टेबल के ड्राइविंग लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड मथुरा अथॉरिटी में नहीं है. इसे लेकर उन पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग वाली यूनिट को जानकारी दी गई. इसमें मॉडल टाउन स्थित पीसीआर के हेड ऑफिस में कार्यरत 12 कॉन्स्टेबल का भी नाम था. उनके खिलाफ अगस्त 2021 में मॉडल टाउन थाने में FIR दर्ज हुई थी. इसके साथ ही विभागीय जांच भी शुरू की गई. इस विभागीय जांच में यह सामने आया कि 12 कॉन्स्टेबल फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस (Fake Driving licence) के आधार पर भर्ती हुए हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मथुरा के लाइसेंस से भर्ती हुए अन्य ड्राइवरों के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है. उनके विभाग द्वारा भी विभागीय जांच चल रही है. इनकी रिपोर्ट आने के बाद कुछ अन्य पुलिसकर्मियों पर भी एक्शन हो सकता है.
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