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संयुक्त किसान मोर्चा के विरोध प्रदर्शन को 12 दलों का समर्थन

आगामी 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए देशव्यापी प्रदर्शन को देश के 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने समर्थन देने की घोषणा की है.

संयुक्त किसान मोर्चा
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Published : May 23, 2021, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : देश के 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत देशव्यापी प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की है. एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई है.

बयान पर सोनिया गांधी (कांग्रेस), एच डी देवेगौड़ा (जद-एस), शरद पवार (राकांपा), ममता बनर्जी (टीएमसी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), एम के स्टालिन (द्रमुक), हेमंत सोरेन (झामुमो), फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए), अखिलेश यादव (सपा), तेजस्वी यादव (राजद), डी राजा (भाकपा) और सीताराम येचुरी (माकपा) ने हस्ताक्षर किए हैं.

बयान में कहा गया है, 'हमने 12 मई को संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था, 'महामारी का शिकार बन रहे हमारे लाखों अन्नदाताओं को बचाने के लिए कृषि कानून निरस्त किए जाएं, ताकि वे अपनी फसलें उगाकर भारतीय जनता का पेट भर सकें.'

बयान के अनुसार, 'कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी2+ 50 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अमलीजामा पहनाने की मांग करते हैं.'

इसे भी पढ़ें : जानें 26 मई काे क्याें काला दिवस मनाएगा किसान मोर्चा

बयान में यह भी कहा गया है कि केन्द्र सरकार को अहंकार छोड़कर तत्काल संयुक्त किसान मोर्चा से वार्ता शुरू करनी चाहिए.

नई दिल्ली : देश के 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत देशव्यापी प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की है. एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई है.

बयान पर सोनिया गांधी (कांग्रेस), एच डी देवेगौड़ा (जद-एस), शरद पवार (राकांपा), ममता बनर्जी (टीएमसी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), एम के स्टालिन (द्रमुक), हेमंत सोरेन (झामुमो), फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए), अखिलेश यादव (सपा), तेजस्वी यादव (राजद), डी राजा (भाकपा) और सीताराम येचुरी (माकपा) ने हस्ताक्षर किए हैं.

बयान में कहा गया है, 'हमने 12 मई को संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था, 'महामारी का शिकार बन रहे हमारे लाखों अन्नदाताओं को बचाने के लिए कृषि कानून निरस्त किए जाएं, ताकि वे अपनी फसलें उगाकर भारतीय जनता का पेट भर सकें.'

बयान के अनुसार, 'कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी2+ 50 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अमलीजामा पहनाने की मांग करते हैं.'

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बयान में यह भी कहा गया है कि केन्द्र सरकार को अहंकार छोड़कर तत्काल संयुक्त किसान मोर्चा से वार्ता शुरू करनी चाहिए.

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