सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कोरोना संक्रमण से दो महिला समेत कुल 11 शिक्षकों की मौत हो चुकी है, जिसके चलते चुनाव ड्यूटी कर घर लौटे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि पिछले 13 दिन से ज्यादातर शिक्षक खुद को होम आइसोलेट किये हुए हैं. बीएसए रमेन्द्र कुमार चुनाव ड्यूटी से लौटे प्राथमिक विद्यालय के चार शिक्षकों की मौत की बात स्वीकार रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं.
चुनाव ड्यूटी के बाद पॉजिटिव हुए शिक्षक
पहले चरण के लिए सहारनपुर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बीते 15 अप्रैल को हुआ था. 884 ग्राम पंचायतों में बनाये गए 1236 मतदान केंद्रों के लिए 3283 पोलिंग टीमें रवाना की गईं, जबकि 328 पोलिंग टीमें सभी विकास खंडों पर रिजर्व रखी गई थी. मतदान कराने के लिए सात अप्रैल से ही शिक्षकों की ट्रेनिंग ड्यूटी लगाई गई थी. कोरोना संक्रमण के बीच ड्यूटी करने के बाद कई शिक्षकों की तबीयत बिगड़ गई. टेस्ट कराया तो कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिनमें से कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्हें रिजर्व पोलिंग टीम में रखा गया था.
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11 शिक्षकों की मौत
पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए दो महिला समेत कुल 11 शिक्षकों की मौत हो गई, जिससे सरकारी शिक्षकों में हड़कंप मचा गया. वहीं, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को अपनी और अपने परिवार की चिंता सता रही है. हालांकि, चुनाव ड्यूटी के बाद से ही ज्यादातर शिक्षकों ने खुद को घरों में आइसोलेट कर लिया है. बुधवार को मृतक शिक्षिका के परिजनों ने हो रही मौतों का खुलासा किया. मृतका के परिजनों ने बताया कि ऐसे कई शिक्षक हैं, जिनकी तबीयत चुनाव के पहले से ही खराब चल रही थी. लिखित प्रार्थना पत्र देने के बाद भी अधिकारियों ने ड्यूटी हटाना तो दूर, उनका कोविड टेस्ट कराना भी जरूरी नहीं समझा.
बीमार शिक्षिका की नहीं हटी ड्यूटी, हुई मौत
शिक्षिका सीमा रानी को भी चुनाव के दौरान सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. बावजूद इसके अधिकारियों ने 15 अप्रैल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उसकी ड्यूटी लगाई थी. परिजनों के मुताबिक, सीमा को रिजर्व पोलिंग टीम में विकासखंड पर रखा गया था, जहां उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी थी. जैसे-तैसे ड्यूटी करने के बाद 17 अप्रैल को कोविड-19 टेस्ट कराया तो 19 अप्रैल को RT-PCR रिपोर्ट में शिक्षिका पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद 26 अप्रैल को शिक्षिका की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई.
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4 अध्यापकों की मौत मान रहा शिक्षा विभाग
जानकारी के मुताबिक, 15 अप्रैल को चुनाव होने से पहले ट्रेनिंग पीरियड के दौरान और उसके बाद कई शिक्षकों को सांस लेने में दिक्कत थी, जिसके चलते चुनाव ड्यूटी से लौटे शिक्षकों को अलग-अलग कोविड-19 अस्पतालो में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दौरान कोरोना से संक्रमित शिक्षकों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया. पिछले 13 दिनों में एक के बाद एक 11 शिक्षकों की मौत हो गई. हैरत की बात तो यह है कि जहां जिला विद्यालय निरीक्षक अरुण दुबे शिक्षकों की मौत होने से इंकार कर रहे हैं, वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी केवल चार शिक्षकों की मौत की पुष्टि कर रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने आने से कन्नी काट रहे हैं.
मृतक शिक्षकों की सूची
- जय चंद सैनी- प्राथमिक विद्यालय, हलवाना
- सुनीता रानी- UPS सहजवा
- सीमा रानी- UPS मोहमदपुर
- मेघनाथ सिंह- PS देहरी
- नाथीराम मैनपाल- प्राथमिक विद्यालय बडुली
- राहुल कुमार- प्राथमिक विद्यालय, शाहपुर दाऊद
- पवन कुमार- प्राथमिम विद्यालय, चतरसाली
- राकेश कुमार- प्रा. विद्यालय, टबरा अहतमाल
- सत्यापाल वर्मा- पूर्व माध्यमिक विद्यालय, रामपुर मनिहारान
- अतुल जैन- प्राचार्य जैन इंटर कॉलेज
- डेल सिमलाई- प्रधानाचार्य इफेंट जीएस स्कूल