नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के परिणास्वरूप सोमवार को न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में अमेरिकी पक्ष द्वारा 105 तस्करी वाले पुरावशेष सौंपे गए. इस अवसर पर प्रत्यावर्तन समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने अमेरिकी पक्ष, विशेष रूप से मैनहट्टन जिला अटॉर्नी, एल्विन ब्रैग और उनकी तस्करी विरोधी इकाई और होमलैंड सुरक्षा जांच टीम को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने आगे कहा कि भारत के लोगों के लिए ये केवल कला के टुकड़े नहीं बल्कि उनकी जीवित विरासत और संस्कृति का हिस्सा हैं. पुरावशेषों को जल्द ही भारत लाया जाएगा. प्रत्यावर्तन समारोह में मैनहट्टन जिला अटॉर्नी कार्यालय और होमलैंड सुरक्षा जांच टीम के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. राजकीय यात्रा के दौरान, भारत और अमेरिका एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर काम करने पर सहमत हुए हैं जो सांस्कृतिक कलाकृतियों की अवैध तस्करी को रोकने में मदद करेगा.
इस तरह की समझ से होमलैंड सिक्योरिटी और दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच गतिशील द्विपक्षीय सहयोग में और अधिक मूल्य जुड़ जाएगा. 105 कलाकृतियाँ भारत में अपनी उत्पत्ति के संदर्भ में व्यापक भौगोलिक विस्तार का प्रतिनिधित्व करती हैं. इनमें 47 कलाकृतियाँ पूर्वी भारत से, 27 दक्षिणी भारत से, 22 मध्य भारत से, 6 उत्तरी भारत से और 3 पश्चिमी भारत से है.
दूसरी-तीसरी शताब्दी ईस्वी से 18वीं-19वीं शताब्दी ईस्वी तक की अवधि में फैली कलाकृतियाँ टेराकोटा, पत्थर, धातु और लकड़ी से बनी हैं. लगभग 50 कलाकृतियाँ धार्मिक विषयों, हिंदू धर्म, जैन धर्म और इस्लाम से संबंधित हैं और बाकी सांस्कृतिक महत्व की हैं. भारत सरकार चोरी हुई भारतीय पुरावशेषों, समृद्ध भारतीय विरासत और संस्कृति के जीवंत प्रतीकों को विदेशों से वापस लाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है.
ये भी पढ़ें-चोरी हुई प्राचीन कलाकृतियां स्कॉटलैंड संग्रहालय से भारत वापस भेजी जाएंगी
पीएम मोदी के शासन काल में प्राचीन वस्तुओं को अमेरिका से वापस लाने में अमेरिकी शासन का बड़ा सहयोग मिला है. पहली बार 2016 में अमेरिका की ओर से 16 प्राचीन वस्तुएं लौटाई गईं थीं. इसके बाद 2021 में 157 प्राचीन वस्तुएं वापस की गईं. इन 105 पुरावशेषों के साथ, अमेरिकी पक्ष ने 2016 से भारत को कुल 278 सांस्कृतिक कलाकृतियाँ सौंपी हैं.