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Gujarat Elections: कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी, नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलने का वादा

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 करीब आने के साथ ही कांग्रेस ने आज घोषणा पत्र जारी कर दिया. घोषणा पत्र राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जारी किया, जो गुजरात चुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक हैं. गुजरात में 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को होगा तथा मतगणना आठ दिसंबर को होगी. राज्य में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में है.

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Published : Nov 12, 2022, 10:47 AM IST

Updated : Nov 16, 2022, 4:09 PM IST

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गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: कांग्रेस आज जारी करेगी घोषणा पत्र

अहमदाबाद: गुजरात प्रदेश कांग्रेस की ओर से आगामी विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) को लेकर घोषणा पत्र जारी कर दिया गया. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot Rajasthan CM) ने कांग्रेस भवन में पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र (Congress Manifesto Gujarat 2022) लॉन्च किया. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में युवा, महिला, किसान, सबके लिए लोकलुभावन वादे किए हैं.

साथ ही कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह गुजरात चुनाव में सत्ता में आती है तो अहमदाबाद के मोटेरा क्षेत्र में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम फिर से सरदार पटेल स्टेडियम कर देगी. अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा 2002 के बिलकीस बानो मामले में 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने की छूट को रद्द कर देगी. बता दें, बिलकीस बानो मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था.

10 लाख नौकरी, 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में सरकारी और अर्द्धसरकारी विभागों में 10 लाख नौकरियां, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, बेरोजगारी भत्ता और प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. गुजरात में दो दशकों से अधिक समय से सत्ता से बाहर कांग्रेस ने सभी मछुआरों का तीन लाख रुपये तक का ऋण माफ करने, साथ ही 3,000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता, दिव्यांगों, विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंद महिलाओं को 2,000 रुपये पेंशन देने का भी वादा किया.

कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष दीपक बाबरिया ने कहा कि इस चुनावी दस्तावेज को तैयार करने से पहले पार्टी ने लगभग 65 लाख लोगों से बातचीत की. गहलोत ने कहा, 'जैसा कि पार्टी नेता राहुल गांधी ने सुझाव दिया था, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हम अपने घोषणापत्र के क्रियान्वयन के लिए एक आयोग बनाएंगे और इसे एक सरकारी दस्तावेज में बदल देंगे. हम अपने घोषणा पत्र की शुचिता बनाए रखेंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर गुजरात में नयी पेंशन योजना को खत्म कर दिया जाएगा और पुरानी पेंशन योजना को उसके स्थान पर लागू किया जाएगा.

पार्टी ने घोषणापत्र में सरकारी और अर्द्ध-सरकारी विभागों में लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने, 500 रुपये की रियायती दर पर एलपीजी सिलेंडर और हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सरकारी अस्पतालों में 10 लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा उपचार, जरूरतमंद छात्रों को 20,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति, स्कूलों और कॉलेजों द्वारा वर्तमान में ली जाने वाली फीस में 25 प्रतिशत की कटौती का वादा किया है.

2,000 रुपये पेंशन का वादा
बाबरिया ने कहा, 'कांग्रेस दिव्यांगों, विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंद महिलाओं को 2,000 रुपये पेंशन देगी. वेतनभोगी वर्ग के साथ-साथ आयकर के अंतर्गत आने वाले अन्य पेशेवरों को पेशेवर कर का भुगतान करने से छूट दी जाएगी.' उन्होंने कहा कि पार्टी सभी मछुआरों का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ करेगी और गाय तथा पशु आश्रयों के रख-रखाव के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. बाबरिया ने कहा कि राज्य में सरकारी भर्तियों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को समाप्त करने के लिए कांग्रेस एक विशेष कानून लाएगी और ऐसे मामलों से निपटने के लिए ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट’ स्थापित करेगी.

दीपक बाबरिया ने कहा, 'आज करमसाद कस्बे (सरदार वल्लभ भाई पटेल का पैतृक स्थान) के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हमें एक ज्ञापन देकर स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल स्टेडियम करने की मांग की जो इसका मूल नाम था. हम वादा करते हैं कि हमारी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल स्टेडियम कर दिया जाएगा.'

ये भी पढ़ें-गुजरात चुनाव 2022 : बीजेपी ने 6 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने स्टेडियम का नाम इसलिए बदला क्योंकि वह खुद को सरदार पटेल के समकक्ष रखना चाहते हैं. प्रधानमंत्री खुद की तुलना पटेल से करते हैं, लेकिन वह सरदार पटेल की तुलना में कहीं नहीं टिकते हैं. हम कैबिनेट की पहली बैठक में स्टेडियम का नाम बदल देंगे.'

भाजपा का पलटवार
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विपक्षी दल को सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जो स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री थे. त्रिवेदी ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, सरदार पटेल सभी की पसंद होने के बावजूद स्वतंत्रता के बाद जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने. मुझे याद नहीं है कि किसी कांग्रेसी नेता ने अभी तक ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का दौरा किया हो, जिसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने के रूप में बनाया गया है. (इनपुट-भाषा)

अहमदाबाद: गुजरात प्रदेश कांग्रेस की ओर से आगामी विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) को लेकर घोषणा पत्र जारी कर दिया गया. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot Rajasthan CM) ने कांग्रेस भवन में पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र (Congress Manifesto Gujarat 2022) लॉन्च किया. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में युवा, महिला, किसान, सबके लिए लोकलुभावन वादे किए हैं.

साथ ही कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह गुजरात चुनाव में सत्ता में आती है तो अहमदाबाद के मोटेरा क्षेत्र में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम फिर से सरदार पटेल स्टेडियम कर देगी. अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा 2002 के बिलकीस बानो मामले में 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने की छूट को रद्द कर देगी. बता दें, बिलकीस बानो मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था.

10 लाख नौकरी, 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में सरकारी और अर्द्धसरकारी विभागों में 10 लाख नौकरियां, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, बेरोजगारी भत्ता और प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. गुजरात में दो दशकों से अधिक समय से सत्ता से बाहर कांग्रेस ने सभी मछुआरों का तीन लाख रुपये तक का ऋण माफ करने, साथ ही 3,000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता, दिव्यांगों, विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंद महिलाओं को 2,000 रुपये पेंशन देने का भी वादा किया.

कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष दीपक बाबरिया ने कहा कि इस चुनावी दस्तावेज को तैयार करने से पहले पार्टी ने लगभग 65 लाख लोगों से बातचीत की. गहलोत ने कहा, 'जैसा कि पार्टी नेता राहुल गांधी ने सुझाव दिया था, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हम अपने घोषणापत्र के क्रियान्वयन के लिए एक आयोग बनाएंगे और इसे एक सरकारी दस्तावेज में बदल देंगे. हम अपने घोषणा पत्र की शुचिता बनाए रखेंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर गुजरात में नयी पेंशन योजना को खत्म कर दिया जाएगा और पुरानी पेंशन योजना को उसके स्थान पर लागू किया जाएगा.

पार्टी ने घोषणापत्र में सरकारी और अर्द्ध-सरकारी विभागों में लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने, 500 रुपये की रियायती दर पर एलपीजी सिलेंडर और हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सरकारी अस्पतालों में 10 लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा उपचार, जरूरतमंद छात्रों को 20,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति, स्कूलों और कॉलेजों द्वारा वर्तमान में ली जाने वाली फीस में 25 प्रतिशत की कटौती का वादा किया है.

2,000 रुपये पेंशन का वादा
बाबरिया ने कहा, 'कांग्रेस दिव्यांगों, विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंद महिलाओं को 2,000 रुपये पेंशन देगी. वेतनभोगी वर्ग के साथ-साथ आयकर के अंतर्गत आने वाले अन्य पेशेवरों को पेशेवर कर का भुगतान करने से छूट दी जाएगी.' उन्होंने कहा कि पार्टी सभी मछुआरों का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ करेगी और गाय तथा पशु आश्रयों के रख-रखाव के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. बाबरिया ने कहा कि राज्य में सरकारी भर्तियों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को समाप्त करने के लिए कांग्रेस एक विशेष कानून लाएगी और ऐसे मामलों से निपटने के लिए ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट’ स्थापित करेगी.

दीपक बाबरिया ने कहा, 'आज करमसाद कस्बे (सरदार वल्लभ भाई पटेल का पैतृक स्थान) के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हमें एक ज्ञापन देकर स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल स्टेडियम करने की मांग की जो इसका मूल नाम था. हम वादा करते हैं कि हमारी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल स्टेडियम कर दिया जाएगा.'

ये भी पढ़ें-गुजरात चुनाव 2022 : बीजेपी ने 6 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने स्टेडियम का नाम इसलिए बदला क्योंकि वह खुद को सरदार पटेल के समकक्ष रखना चाहते हैं. प्रधानमंत्री खुद की तुलना पटेल से करते हैं, लेकिन वह सरदार पटेल की तुलना में कहीं नहीं टिकते हैं. हम कैबिनेट की पहली बैठक में स्टेडियम का नाम बदल देंगे.'

भाजपा का पलटवार
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विपक्षी दल को सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जो स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री थे. त्रिवेदी ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, सरदार पटेल सभी की पसंद होने के बावजूद स्वतंत्रता के बाद जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने. मुझे याद नहीं है कि किसी कांग्रेसी नेता ने अभी तक ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का दौरा किया हो, जिसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने के रूप में बनाया गया है. (इनपुट-भाषा)

Last Updated : Nov 16, 2022, 4:09 PM IST
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