दुर्ग में कोरोना को लेकर लापरवाही पड़ेगी महंगी ! - दुर्ग में कोरोना को लेकर लापरवाही पड़ेगी महंगी
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दुर्ग: दुर्ग में लगातार कोरोना पैर पसार रहा (Number of corona patients increased in Durg) है. यहां जून के महीने में 20 तारीख तक 45 से अधिक कोरोना मरीजों की पहचान हुई है. अप्रैल और मई महीने की तुलना की जाए तो यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा ( rising figures of Corona in Durg) रही है. जिले में बढ़ते कोरोना केसों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पर कई गंभीर आरोप (chhattisgarh corona update) लग रहे हैं. लोगों ने मांग की है कि शहर में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को अनिवार्य किया जाए. क्योंकि साल 2021 में दुर्ग में कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. दुर्ग में कोरोना मरीजों का आंकड़ा लोगों की चिंताएं बढ़ा (rising figures of Corona in Durg raised concern) रहा है. यहां महज दो दिनों में 45 कोरोना मरीजों की पहचान हुई है. जो सबसे ज्यादा चिंता का विषय है. जिला प्रसाशन दो हजार ऑक्सीजन बेड और लगभग 300 आईसीयू बेड का लक्ष्य रखने के बाद भी तैयारियों में पीछे है. दुर्ग जिले में कोरोना से लड़ने की तैयारी की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार दुर्ग जिला अस्पताल में कुल 260 बेड हैं. 260 में से 20 आईसीयू, 16 एचडीयू, 224 ऑक्सीजन युक्त बेड और 5 बच्चों के लिए आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है. इसी प्रकार चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में कुल 625 बेड हैं. जिसमें से 25 आईसीयू, 25 एचडीयू, 575 ऑक्सीजन युक्त और 25 बच्चों के लिए आईसीयू बेड का प्रबंध किया गया है. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला में 100 बेड में 78 ऑक्सीजन युक्त, 22 सामान्य बेड हैं. आयुर्वेदिक अस्पताल दुर्ग में 40 बेड सभी ऑक्सीजन युक्त हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झीट में 30 बेड में से 10 आईसीयू और 20 ऑक्सीजन युक्त हैं. पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 बेड सभी ऑक्सीजन युक्त हैं. स्वास्थ्य विभाग की माने तो पूरे जिले में कोरोना से निपटने की तैयारी की गई है. लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि यह तैयारी नाकाफी है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग को और ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है.