'बुल्टू' बना बस्तर के बच्चों के लिए वरदान, गांव-गांव पहुंचेगा शिक्षा का 'उजियारा'
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बीच ग्रामीण इलाकों में बच्चों की पढ़ाई सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही थी. जिसे देखते हुए 'पढ़ई तुंहर दुआर' योजना की शुरूआत की गई, जो शहरी इलाकों में सफल रही, लेकिन ग्रामीण अंचलों में योजना दम तोड़ दी. ऐसा ही हाल बस्तर के सुदूर इलाकों का है. जहां स्कूल है, शिक्षक हैं...छात्र हैं, इतना ही नहीं छात्रों में पढ़ाई के लिए जुनून भी है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण बच्चों के हाथों से कागज कलम दूर होते जा रहे हैं. इसे देखते हुए सरकार ने फिर एक नई योजना शुरू करने की तैयारी की है, जो बिना नेटवर्क और बिना स्मार्ट फोन के बच्चों को स्मार्ट बनाएगी.