मुंह से नहीं हवा से बजती है ये बांसुरी, देखिए कैसे बनती है - flute
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नारायणपुर के अबूझमाड़ की जादुई बांसुरी, जो मुंह से नहीं बल्कि हवा से बजती है. गढ़बेंगाल गांव के रहने वाले पंडीराम मंडावी वर्षों से बांस की कई कलाकृतियां बनाते हैं. इन्हीं में से एक ये बांसुरी भी है. पंडीराम बताते हैं कि उन्होंने बचपन में अपने पिता को ये बांसुरी बनाते देखा था. पहले घर में इस्तेमाल करने के लिए इसे बनाया जाता था. उनके पिता रात में जब घोटुल जाते थे, तब इसे बजाते थे, जिससे सांप और जंगली जानवर रास्ते से हट जाएं. बाद में धीरे-धीरे लोगों ने इसे पसंद करना शुरू किया. जब डिमांड आने लगी तब उनका परिवार हवा से बजने वाली ये बांसुरी बनाने लगा. आज देश ही नहीं विदेश में भी इसे पसंद करने वाले लोग हैं.