Bijapur News :इंटरनेशनल सॉफ्ट बॉल एशिया कप में बीजापुर के खिलाड़ी दिखाएंगे जौहर - Players of Bijapur show talent
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बीजापुर : बस्तर में नक्सलवाद का दंश झेलने वाले परिवारों की कमी नहीं है. लेकिन नक्सलवाद के साये के बीच भी कुछ परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से मुकाम हासिल किया है. इस जिले में इन दिनों सॉफ्ट बॉल खिलाड़ियों का जलवा है. ये वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया. नक्सलियों ने बच्चों के सिर से पिता का साया छीना. इसके बाद सीआरपीएफ के जवानों ने ऐसे बच्चों को टुमारो फाउंडेशन के बाल गृह में भर्ती कर दिया, ताकि उनका आने वाला कल बेहतर हो सके. ऐसे बच्चों ने पढ़ाई के साथ-साथ अपने हुनर को खेलों में निखारा.
राकेश 8 बार खेल चुके हैं नेशनल: राकेश कड़ती बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी में सॉफ्ट बाल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अब तक 8 नेशनल गेम्स खेल चुके हैं. उन्होंने 5 पदक भी जीते हैं. राकेश शासकीय विद्यालय बीजापुर में 9वीं कक्षा में हैं और पढ़ाई के बाद सॉफ्ट बाल कोच बनना चाहते हैं. सुशील कुड़ियम ने भी 5 नेशनल गेम खेले हैं. सुशील भैरमगढ़ के अंदरूनी क्षेत्र में रहते हैं. पिता के न होने पर भी मां ने हिम्मत नहीं हारी. बच्चे का पालन पोषण करती रही, जिसका नतीजा ये है कि बेटे ने देश का नाम रोशन किया है. वहीं त्रिलेश उद्दे सॉफ्ट बाल खेल के सीनियर खिलाड़ी हैं. अपने पिता की मौत के बाद अनुकंपा में वन रक्षक के पद पर नौकरी मिली है. त्रिलेश अब छोटे बच्चों को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं.