शराब नहीं खराब, थोड़ी थोड़ी पिया करो, बस्तर में मेरे जिंदा रहते नहीं होगी शराबबंदी : मंत्री कवासी लखमा - शराबबंदी हमारे घोषणा पत्र में थी
🎬 Watch Now: Feature Video
![ETV Thumbnail thumbnail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/640-480-18219039-thumbnail-16x9-imgdaru.jpg)
बस्तर: बस्तर में कवासी लखमा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने एक तरह से शराब के सेवन को सही बताया है. लखमा ने कहा कि "विदेश में सौ फीसदी लोग दारू पीते हैं. बस्तर में 90 फीसदी लोग दारू पीते हैं. लेकिन दारू पीने का स्टाइल नहीं जानते हैं. शराब पीने से लोग मजबूत होते हैं. दारू या दवाई का सही इस्तेमाल करना चाहिए. थोड़ा पीने से कोई बीमारी नहीं होता है. लेबर लोग दारू नहीं पीएंगे तो काम नहीं कर पाएंगे. उद्योग, फैक्ट्री, नगरनार प्लांट, और खेती किसानी में लेबर लोग काम करते हैं. बड़े लोगों को क्या तकलीफ है. बृजमोहन अग्रवाल और रमन सिंह को क्या तकलीफ. इन लोगों को तकलीफ नहीं है. मैंने मेहनत किया है. खेती किसानी की है. मैं जानता हूं कितना मेहनत करना पड़ता है. मैं ताड़ी काटा हूं, मैं खेती किया हूं. मेरे को तकलीफ है. जानता हूं कि कितना हाथ पैर में तकलीफ होता है. ये सब दर्द का रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल को कैसे मालूम होगा. इसलिए शराबबंदी पर सीएम भूपेश बघेल जो बोले हैं. मैं उसका समर्थन करता हूं. मैं शुरू में बोलता था कि पूरे राज्य में शराबबंदी हो सकती है. लेकिन बस्तर में शराबबंदी नहीं हो सकती है. शराबबंदी हमारे घोषणा पत्र में थी. लेकिन जब तक मैं जिंदा हूं, बस्तर में शराबबंदी नहीं हो सकती. क्योंकि यहां आदिवासियों की हर परंपरा में, जीवन से मरण तक के रिवाज में शराब की जरूरत होती है. शराब के बिना हमारे यहां जात्रा, मंडई और पूजा नहीं होती है. यहां हर कार्य पंचायत के फैसले के तहत किए जाते हैं. अगर पंचायत शराबबंदी करती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है."
source: ANI