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गौरेला पेंड्रा मरवाही में छेरछेरा की धूम, बच्चों ने घूम घूमकर मांगा छेरछेरा

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Published : Jan 6, 2023, 5:03 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:38 PM IST

पौष माह की पूर्णिमा Paush purnima 2023 को अन्न दान का महापर्व छेरछेरा मनाया जाता है. आदिवासी बाहुल्य गौरेला पेंड्रा मरवाही में इसे धूमधाम से मनाया जा रहा है. Chhattisgarhi Mahaparva Chherchera छत्तीसगढ़ में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आने की खुशी में मनाया जाता है. इस दौरान लोग घर-घर जाकर लोगों से अन्न का दान मांगते हैं. ग्रामीण भी खुशी-खुशी अन्न का दान करते हैं. वहीं गांव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य करते हैं. जबकि महिलाएं सुआ नृत्य करती हैं. यह पर्व छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की पहचान है. परंपरा के अनुसार किसान छेरछेरा के पूर्व अपने खेतों से धान काट कर खलिहान में मिस कर घर ले आते हैं. paush purnima उसके बाद ग्रामीण बच्चे युवा एवं बुजुर्ग घर-घर जाकर किसानों से छेरछेरा बोलकर अन्य का दान मांगते हैं. Chherchera celebrated in tribal area GPM किसान एवं ग्रामीण भी खुले मन से अन्य का दान करते हैं लोक परंपरा के अनुसार युवा इस दिन डंडा नृत्य करते हैं. Shakambhari Jayanti. महिलाएं सुआ नृत्य करती हैं. युवा भी घर-घर जाकर नृत्य करते हैं. इस दिन मां शाकंभरी का जन्म उत्सव भी मनाया जाता है. GPM news update मान्यता के अनुसार भगवान शंकर ने इस दिन मां अन्नपूर्णा से अन्य का दान मांगा था. इसलिए ग्रामीण भी इसी भावना से दान करते हैं. Chhattisgarhi Mahaparva Chherchera "छेरछेरा कोठी के धान का हेर हेरा होगा" इस तरह की कहावत बोलकर दान मांगा जाता है. ग्रामीण भी भेंट स्वरूप धान, चावल, रुपये, सब्जी, मिठाई जो भी घर पर होता है. उसे दान करते हैं. बच्चों में इस त्यौहार को लेकर काफी उत्साह रहता है. बच्चे टोली बनाकर छेरछेरा का दान मांगने निकलते हैं. ग्रामीण भी खुश मन से उन्हें दान करते हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:38 PM IST

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