Bageshwar Sarkar: बहन की शादी के लिए धीरेंद्र शास्त्री के पास नहीं थे पैसे, फिर लिया ये प्रण - बागेश्वर धाम की दान पेटी
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रायपुर: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने राजधानी रायपुर में राम कथा के दौरान अपने जीवन के कई पहलुओं का जिक्र भी किया. उन्होंने अपनी बहन की शादी की भी चर्चा की. धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि "एक समय उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि बहन की शादी में 20 हजार रुपए लग्न पत्री पर रख सकें. किसी ने उनका सहयोग नहीं किया."
सिवा राम के कोई नहीं देता साथ: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "हम किसी भी धर्म के विरोधी नहीं हैं. हमारे जो खास मित्र हैं वह मुसलमान धर्म के हैं. जब हमारी बहन की शादी हुई, तो किसी ने हमारा सहयोग नहीं किया. कुछ लोगों ने जरूर थोड़ा बहुत सहयोग किया. उस दौरान लग्न पत्रिका में रखने के लिए जब हमें 20 हजार की जरूरत पड़ी तो किसी ने उधार नहीं दिया. क्योंकि उधार भी अमीरों काे मिलता है, गरीबों को नहीं. रिश्ते नाते सब कहने का बात है, कोई किसी का नहीं होता. सिवा राम के कोई साथ नहीं देता माई बाप. गरीब का सिर्फ परमात्मा होता है."
मंच पर नेताओं और पैसेवालों को बुलाना मजबूरी: धीरेंद्र शास्त्री ने मंच पर आने वाले नेताओं का भी जिक्र किया. कहा कि "मंच पर वही आते हैं जो सामान्य नहीं होते बल्कि नेता, अभिनेता और रुपया वाले होते हैं. गरीब सिर्फ ताली बजाने का ही काम करता है. ये कड़वी बात है लेकिन हमारी मजबूरी है. यदि उन्हें नहीं बुलाएंगे, माला नहीं पहनाएंगे, सीताराम नहीं कहेंगे तो यह पंडाल कौन लगाएगा. यदि हमारे श्रीमान कहने से पंडाल लगकर 4-5 लाख लोगों को कथा सुनने का लाभ मिलता है और बालाजी की कृपा का लाभ मिलता है तो 10 मिनट देने में क्या जाता है."
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किसी और भाई को बहन के लिए नहीं खाने दूंगा ठोकर: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "जब हमने अपनी बहन की पीड़ा सही, उसी दिन प्रण लिया था कि यदि बालाजी की कृपा हम पर हुई तो जिस प्रकार हमने अपनी बहन के लिए दर-दर ठोकर खाई, किसी और भाई को खाने नहीं दूंगा. बागेश्वर धाम की दान पेटी में आने वाले रुपयों से हम मठ या मंदिर नहीं बनवाते हैं बल्कि जरूरतमंद गरीब बहन बेटियों की शादी कराते हैं."