ETV Bharat / state

नर्स की लापरवाही ने एक महिला से छीना मां बनने का सुख

जिले के एक नर्स की लापरवाही ने एक महिला से मां बनने का सुख छीन लिया है. पीड़ित महिला अब कभी मां नहीं बन सकती है. वहीं नर्स की इस लापरवाही पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है.

नर्स की लापरवाही महिला पर भारी
author img

By

Published : Nov 1, 2019, 3:33 PM IST

Updated : Nov 1, 2019, 6:33 PM IST

सूरजपुर: स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही तो आए दिन सामने आते रहती है. लेकिन इन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाती है. ऐसा ही एक मामला प्रतापपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का सामने आया है. यहां पर कार्यरत एक नर्स पर आरोप है कि वह निजी रूप से गर्भवती महिलाओं का इलाज करती है. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

नर्स की लापरवाही महिला पर भारी

दरअसल बलरामपुर जिले के बरतीकला में रहने वाली पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 'तीन महीने पहले वह पांच महीने की गर्भवती थी, जिसका इलाज प्रतापपुर अस्पताल मे कार्यरत एक महिला नर्स अपने निजी क्लीनिक में कर रही थी. वहीं तीन माह पहले वह जब इलाज कराने नर्स के पास पहुंची तो नर्स ने गर्भ में बच्चे की मरने की बात कह कर गर्भपात करा दिया. जिससे पीड़िता का अंदरूनी अंग और बच्चेदानी डैमेज हो गए. इसके बाद वह गंभीर हो गई जिसे आनन-फानन में अंबिकापुर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. जहां तीन महीने तक उसका इलाज चला और बच्चेदानी में 16 टांके लगाए गए.

नर्स की लापरवाही ने छीना मां बनने का सुख

नर्स के इस लापरवाही से पीड़िता अब कभी मां नही बन सकती है. वहीं पीड़िता अभी भी घर पर बीमार पड़ी हुई है, जिसका सुध लेने वाला कोई नहीं है. अवैध रूप से गर्भवती महिलाओं का इलाज कर पैसे के लालच में एक शासकीय स्वास्थ्य कर्मचारी ने आज पीड़िता को उम्र भर के लिए संतान सुख से वंचित कर दिया है. लेकिन उस पर कोई प्रशासनिक कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.

पीड़िता को कब मिलेगा न्याय

वहीं अब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मामले की जानकारी होने की बात कर खुद जांच कर कार्रवाई करने की बात कहते नजर आ रहे हैं. बता दें कि यह जिले का पहला मामला नहीं है इस तरह के कई मामले जिले में सामने आ चुके हैं. लेकिन इन कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. जिसके कारण इनके हौसले और भी बुलंद होते रहते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़िता को न्याय कब तक मिल पाता है.

सूरजपुर: स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही तो आए दिन सामने आते रहती है. लेकिन इन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाती है. ऐसा ही एक मामला प्रतापपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का सामने आया है. यहां पर कार्यरत एक नर्स पर आरोप है कि वह निजी रूप से गर्भवती महिलाओं का इलाज करती है. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

नर्स की लापरवाही महिला पर भारी

दरअसल बलरामपुर जिले के बरतीकला में रहने वाली पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 'तीन महीने पहले वह पांच महीने की गर्भवती थी, जिसका इलाज प्रतापपुर अस्पताल मे कार्यरत एक महिला नर्स अपने निजी क्लीनिक में कर रही थी. वहीं तीन माह पहले वह जब इलाज कराने नर्स के पास पहुंची तो नर्स ने गर्भ में बच्चे की मरने की बात कह कर गर्भपात करा दिया. जिससे पीड़िता का अंदरूनी अंग और बच्चेदानी डैमेज हो गए. इसके बाद वह गंभीर हो गई जिसे आनन-फानन में अंबिकापुर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. जहां तीन महीने तक उसका इलाज चला और बच्चेदानी में 16 टांके लगाए गए.

नर्स की लापरवाही ने छीना मां बनने का सुख

नर्स के इस लापरवाही से पीड़िता अब कभी मां नही बन सकती है. वहीं पीड़िता अभी भी घर पर बीमार पड़ी हुई है, जिसका सुध लेने वाला कोई नहीं है. अवैध रूप से गर्भवती महिलाओं का इलाज कर पैसे के लालच में एक शासकीय स्वास्थ्य कर्मचारी ने आज पीड़िता को उम्र भर के लिए संतान सुख से वंचित कर दिया है. लेकिन उस पर कोई प्रशासनिक कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.

पीड़िता को कब मिलेगा न्याय

वहीं अब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मामले की जानकारी होने की बात कर खुद जांच कर कार्रवाई करने की बात कहते नजर आ रहे हैं. बता दें कि यह जिले का पहला मामला नहीं है इस तरह के कई मामले जिले में सामने आ चुके हैं. लेकिन इन कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. जिसके कारण इनके हौसले और भी बुलंद होते रहते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़िता को न्याय कब तक मिल पाता है.

Intro:सूरजपुर मे स्वास्थ्य कर्मचारीयो कि मनमानी और लापरवाही तो आए दिन सामने आते रहती है,,,लेकिन इन पर कार्यवाही नही होती,,,ऐसा ही मामला सामने आया है प्रतापपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का जहां पर कार्यरत एक नर्स पर आरोप है कि वह निजि रुप से गर्भवती महिलाओ का इलाज करती है ,,,जिस पर कोई कार्यवाही नही होती,,,Body:दरअसल बलरामपुर जिले के बरतीकला मे रहने वाली पीङिता ने आरोप लगाया है कि तीन माह पुर्व वह पांच माह कि गर्भवति थी,,,जिसका इलाज प्रतापपुर अस्पताल मे कार्यरत एक महिला नर्स अपने निजि क्लिनिक मे कर रही थी,,,ऐसे मे तीन माह पुर्व जब इलाज कराने नर्स के पास पहुंची तो उसने गर्भ मे बच्चे कि मरने कि बात कर गर्भपात करा दिया,,,और पीङिता के अंदरुनी पार्ट और बच्चे दानी डैमेज हो गया,,,जिसके बाद वह गंभीर हो गई जिसे आनन फानन मे अंबिकापुर अस्पताल मे इलाज के लिए ले जाया गया,,,जहां तीन माह तक उसका इलाज चला और बच्चेदानी मे 16 टाके लगाए गए,,,जहां अब पीङिता कभी मां नही बन सकती,,,जहां पीङिता आज भी बिमार घर पर पङी हुई है,,,वही उसकी सुध लेने वाला कोई नही,,,अवैध रुप से गर्भवती महिलाओ का इलाज कर पैसे कि लालच मे एक शासकिय स्वास्थ्य कर्मचारी ने आज पीङिता को उम्र भर के लिए संतान सुख से वंचित कर दिया लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही नजर नही आती,,,Conclusion:वही अब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मामले कि जानकारी होने कि बात कर खुद जांच कर कार्यवाही का दावा करते नजर आए,,, यह जिले का पहला मामला नहीं है इस तरह के कई मामले जिले में सामने आ चुके हैं लेकिन इस तरह के दरिंदों पर कार्रवाई नहीं होती है जिसके कारण इनके हौसले और भी बुलंद होते रहते हैं अब देखने वाली बात होगी कि इस पीड़िता को न्याय कब तक मिलती है

बाईट-1- पीङिता,,,
बाईट-2- आर एस सिंह,,,जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी सूरजपुर


Last Updated : Nov 1, 2019, 6:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.