सूरजपुर: स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही तो आए दिन सामने आते रहती है. लेकिन इन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाती है. ऐसा ही एक मामला प्रतापपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का सामने आया है. यहां पर कार्यरत एक नर्स पर आरोप है कि वह निजी रूप से गर्भवती महिलाओं का इलाज करती है. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
दरअसल बलरामपुर जिले के बरतीकला में रहने वाली पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 'तीन महीने पहले वह पांच महीने की गर्भवती थी, जिसका इलाज प्रतापपुर अस्पताल मे कार्यरत एक महिला नर्स अपने निजी क्लीनिक में कर रही थी. वहीं तीन माह पहले वह जब इलाज कराने नर्स के पास पहुंची तो नर्स ने गर्भ में बच्चे की मरने की बात कह कर गर्भपात करा दिया. जिससे पीड़िता का अंदरूनी अंग और बच्चेदानी डैमेज हो गए. इसके बाद वह गंभीर हो गई जिसे आनन-फानन में अंबिकापुर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. जहां तीन महीने तक उसका इलाज चला और बच्चेदानी में 16 टांके लगाए गए.
नर्स की लापरवाही ने छीना मां बनने का सुख
नर्स के इस लापरवाही से पीड़िता अब कभी मां नही बन सकती है. वहीं पीड़िता अभी भी घर पर बीमार पड़ी हुई है, जिसका सुध लेने वाला कोई नहीं है. अवैध रूप से गर्भवती महिलाओं का इलाज कर पैसे के लालच में एक शासकीय स्वास्थ्य कर्मचारी ने आज पीड़िता को उम्र भर के लिए संतान सुख से वंचित कर दिया है. लेकिन उस पर कोई प्रशासनिक कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.
पीड़िता को कब मिलेगा न्याय
वहीं अब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मामले की जानकारी होने की बात कर खुद जांच कर कार्रवाई करने की बात कहते नजर आ रहे हैं. बता दें कि यह जिले का पहला मामला नहीं है इस तरह के कई मामले जिले में सामने आ चुके हैं. लेकिन इन कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. जिसके कारण इनके हौसले और भी बुलंद होते रहते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़िता को न्याय कब तक मिल पाता है.