सूरजपुर: जिले में हाथियों की लगातार हो रही मौत से वन विभाग तो परेशान है ही, लेकिन ग्रामीणों और किसानों के लिए भी हाथी कई दिक्कतों का कारण बना हुआ है. हाथी-मानव द्वंद्व की खबरें सूरजपुर वन परिक्षेत्र से लगातार आती रही हैं. साल 2020 की अगर बात करें तो अब तक सूरजपुर में 4 से 5 हाथियों की मौत हो गई है. हाथियों की लगातार मौत ने वन विभाग पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस बीच बुधवार को फिर 12 से ज्यादा हाथियों ने गांव में उत्पात मचा दिया है. हाथियों ने किसानों की कई एकड़ में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाया है.
16 अगस्त को प्रतापपुर के करंजवार में एक हाथी की करंट लगने से मौत हो गई, जिस पर पुलिस ने दो ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेजे दिया. क्षेत्र के ग्रामीण पुलिस की इस कार्रवाई से गुस्साए हुए हैं. उसके बाद अब वन विभाग की टीम और पुलिस के साथ ग्रामीणों की कहा-सुनी हो गई.
ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया आरोप
सूत्रों के मुताबिक इस बार ग्रामिणों का आक्रोश एक वनकर्मी पर निकला, जहां रात के वक्त उसके गांव पहुंचने पर गांववालों ने उसे खदेड़ दिया. दूसरे दिन ग्रामीण रेंजर कार्यालय प्रतापपुर पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और हाथियों को अपने जंगलों में बांधकर रखने की चेतावनी भी दी. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के कान में जीपीएस सिस्टम लगाए जाने की बात झुठी है. वन विभाग हाथियों की निगरानी करने को लेकर कई तरह के दावे करता है, जिसे ग्रामीणों ने झूठा साबित किया है. ग्रामीणों ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हाथियों के होने की जानकारी खुद वन विभाग को भी नहीं होती है और विभाग अब ग्रामीणों को चुप कराने में जुटी हुई है.
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इस मामले में DFO का कहना है कि हाथी के होने की जानकारी ग्रामीणों को दी जाती है और चिन्हांकित क्षेत्रों से दूर रहने की हिदायत भी दी जाती है. वहीं अधिकारी का कहना है कि हाथियों पर सतत निगरानी रखी जा रही है.