सरगुजा: धान खरीदी अब अंतिम चरण में है. 31 जनवरी को धान की खरीदी पूरे प्रदेश में बंद हो जाएगी. लेकिन धान की कीमत को लेकर संशय अब तक बना हुआ है. 31 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी का वादा करने वाली भाजपा सत्ता में है लेकिन धान, 23 सौ रुपये क्विंटल ही खरीदा जा रहा है. अधिकारी ये जरूर कह रहे हैं कि खरीदी हो जाने के बाद सरकार सभी किसानों को अंतर की राशि एक साथ देगी. लेकिन किसान चिंतित हैं और इस उम्मीद में हैं कि उन्हें कब अपने धान पर पूरा 31 सौ रुपये मिलेगा.
सरगुजा संभाग में धान खरीदी और लोन के वसूली की क्या स्थिति है. ये जानने के लिए ETV भारत सरगुजा में सरगवां धान खरीदी केंद्र पहुंचा. वहां धान बेचने आए किसानों से बात की. साथ ही धान खरीदी प्रभारी से अब तक की धान खरीदी, धान उठाव और कर्ज वसूली की स्थिति के बारे में जाना.
बोनस नहीं मिला है. बोले थे कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मिलेगा लेकिन 2300 रुपये के हिसाब से ही मिल रहा है. बाकी पैसा मिलेगा बोले थे तो मिलना चाहिए.-फूलचन्द्र, किसान
अभी तो 23 सौ मिल रहा है 31 सौ बोले थे वो तो नहीं मिल रहा है. कब मिलेगा ये पता ही नही हैं सरकार देगी तब ना संतुष्टि होगी.-रामेश्वर, किसान
अभी 23 सौ में धान खरीदा जा रहा है. बोनस का कोई पैसा नहीं मिल रहा है. अब पता नहीं कितने दिन में मिल पाता है.-इंद्रकुमार, किसान
2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी: छत्तीसगढ़ में भाजपा ने सरकार बनाने से पहले वादा किया था कि 31 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी जाएगा. लेकिन हकीकत में किसानों से 2300 रुपये में ही धान खरीदी की जा रही है. मोटा धान 2300 रुपये में खरीदी जा रहा है. पतला धान 2320 रुपये में खरीदा जा रहा है.अब देखना होगा कि सरकार अंतर की राशि 8 सौ रुपये प्रति क्विंटल बोनस कब और कैसे देती है.
सरगुजा संभाग में धान खरीदी की स्थिति: सरगुजा संभाग में धान की खरीदी, उठाव और अन्य स्थितियों के बारे में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रभारी पीसी गुप्ता ने बताया. उन्होंने बताया "हमारे बैंक के अंतर्गत 5 जिले हैं. जिनमे 153 समिति और 203 उपार्जन केंद्र है. इनमे पंजीकृत किसानों की संख्या दो लाख 22 हजार 96 है. इस खरीफ वर्ष में 12 लाख 31 हजार टन का लक्ष्य है."
सरगुजा में अब तक इतने किसानों ने बेचा धान: पीसी गुप्ता ने बताया कि अब तक सरगुजा में कुल 1 लाख 87 हजार 426 किसानों ने धान बेचा है. 11 लाख 94 हजार 128 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है. समितियों से अब तक 73 लाख 45 हजार 98 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है. 46 लाख 35 हजार 529 टन धान अभी भी समितियों में पड़ा हुआ है. अभी भी 2 लाख 74 हजार 622 क्विंटल धान की खरीदी बची हुई है.
पीसी गुप्ता ने कर्ज वसूली को लेकर बताया कि खरीफ के सीजन में 4 करोड़ 53 लाख का कर्ज 1 लाख 85 हजार 951 किसानों ने लिया है. खरीफ सीजन का 4 करोड़ 29 लाख की रिकवरी हो चुकी है. लेकिन कालातीत कर्ज 172 करोड़ का है. कुल मिलाकर 626 करोड़ का लोन है. 2018 में किसानों के सभी कर्ज माफ हो गए. जिससे चुनावी वर्ष में लोगों ने ज्यादा कर्ज ले लिया. लेकिन उसके बाद सरकार ही बदल गई.