सूरजपुर: ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर किसान के लिए वनोंपज तेंदूपत्ता का संग्रहण चालू होने की खबर खुशियों की सौगात है. जिले के प्रतापपुर रेंज में 20 मई से वन विभाग ने तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू करने वाला है. तेंदूपत्ता लघु वनोपज संग्रहण का कार्य शुरू होने से ग्रामीणों के रोजगार और आय के स्त्रोत बढ़ सकेंगे. बता दें 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरे की दर पर छत्तीसगढ़ सरकार तेंदूपत्ते की खरीदी करता है.
ग्रामीण गर्मी में सुबह से ही तेंदूपत्ता संग्रहण के काम में जुट जाते हैं. सुबह से ही यह गरीब मजदूर परिवार जंगलों में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए चले जाते हैं और फिर उसकी गड्डियां बनाकर शाम को तेंदूपत्ता फड़ पर ले जाकर बेचते हैं. बता दें कि तेंदूपत्ता से बीड़ी का निर्माण किया जाता है. प्रतापपुर रेंज प्राकृतिक रूप से वनों से आच्छादित क्षेत्र है. यहां के जंगलों में तेंदूपत्ता भारी मात्रा में पाया जाता है, जिससे ग्रामीणों को भी संग्रहण में आसानी होती है. वहीं वन विभाग की ओर से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप इसकी खरीदी की जाती है. अब देखना ये है कि तेंदूपत्ता संग्रह पर लॉकडाउन का कितना असर पड़ता है. इसे ग्रमीणों का आय का एक अच्छा स्रोत माना जाता है.
किसानों के चहरे पर आई खुशी
छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण ग्रामीण आजीविका संवर्धन का महत्वपूर्ण माध्यम है. तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को नकद रकम मिलती है और बोनस भी मिलता है. प्रतापपुर रेज में 20 मई से शुरू होने वाले वनोंपज तेंदूपत्ता का संग्रहण कार्य की खबर किसानों और मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है. हालांकि इस बार लॉकडाउन के चलते इस कार्य के शुरू होने में देरी हुई है, जिससे इन परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था. वहीं लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर वापस प्रदेश में लौट आए हैं. गांवों में भी उन्हें रोजगार का अवसर नहीं मिल रहा है, इसलिए प्रशासन से तेंदूपत्ता संग्रहण कराने की मांग की जा रही थी, ताकि उन्हें राहत मिल सके.