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लॉकडाउन इफेक्ट्स: गन्ना रस व्यापारियों का रोजगार ठप, आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार

कोरोना लॉकडाउन की वजह से सूरजपुर के गन्ना रस व्यापारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों की पूरी दुकानदारी चौपट हो गई है. वहीं शुगर फैक्ट्री दूर होने और पंजीयन नहीं होने की वजह से किसानों का गन्ना खेत में ही सूख रहा है.

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आर्थिक तंगी से जूझ रहे गन्ना रस व्यापारी
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Published : May 11, 2020, 3:06 PM IST

Updated : May 11, 2020, 4:49 PM IST

सूरजपुर: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते आंकड़े को देखकर पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन से देश का लगभग हर वर्ग परेशान है. मजदूरों और किसानों के साथ-साथ सड़क किनारे ठेले लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले छोटे दुकानदारों का भी रोजगार ठप हो गया है.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे गन्ना रस व्यापारी

गर्मी का मौसम आते ही लोगों के बीच गन्ने की रस की डिमांड काफी बढ़ जाती है, लेकिन इस बार सड़क सूने पड़े हैं और इनका व्यवसाय पूरी तरह से खत्म हो गया है. इन्हीं दुकानों के जरिए गर्मी के 3 से 4 महीने में ये गन्ना जूस व्यापारी अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए राशि इकट्ठा कर लेते थे.

पूरी बिक्री हुई चौपट

गन्ना रस व्यापारी ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से इस बार सारी दुकानें बंद हैं. पूरी बिक्री चौपट हो गई है. वहीं शुगर फैक्ट्री दूर होने और पंजीयन नहीं होने की वजह से गन्ना खेत में ही सूख रहा है.

प्रवासी मजदूर: पैदल चलना नियति बन गई हो जिनकी

जीवनयापन में हो रही समस्या

वहीं गन्ना रस बेचने वाले दूसरे दुकानदार ने बताया कि पहले गर्मी का मौसम आते ही वे रोजाना 1000 से 1200 रुपये कमा लेते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन की मार से इनके सामने जीवनयापन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

कोरोना वॉरियर की पीठ पर हुए छाले, फिर भी कर रहे सफाई

बहरहाल, ये हाल सिर्फ गन्ना रस व्यापारियों का ही नहीं आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक व्यापारियों का भी है. अब बस यही उम्मीद है कि जल्द से जल्द ये संकट खत्म हो फिर से इनके रोजगार में तेजी आए.

सूरजपुर: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते आंकड़े को देखकर पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन से देश का लगभग हर वर्ग परेशान है. मजदूरों और किसानों के साथ-साथ सड़क किनारे ठेले लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले छोटे दुकानदारों का भी रोजगार ठप हो गया है.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे गन्ना रस व्यापारी

गर्मी का मौसम आते ही लोगों के बीच गन्ने की रस की डिमांड काफी बढ़ जाती है, लेकिन इस बार सड़क सूने पड़े हैं और इनका व्यवसाय पूरी तरह से खत्म हो गया है. इन्हीं दुकानों के जरिए गर्मी के 3 से 4 महीने में ये गन्ना जूस व्यापारी अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए राशि इकट्ठा कर लेते थे.

पूरी बिक्री हुई चौपट

गन्ना रस व्यापारी ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से इस बार सारी दुकानें बंद हैं. पूरी बिक्री चौपट हो गई है. वहीं शुगर फैक्ट्री दूर होने और पंजीयन नहीं होने की वजह से गन्ना खेत में ही सूख रहा है.

प्रवासी मजदूर: पैदल चलना नियति बन गई हो जिनकी

जीवनयापन में हो रही समस्या

वहीं गन्ना रस बेचने वाले दूसरे दुकानदार ने बताया कि पहले गर्मी का मौसम आते ही वे रोजाना 1000 से 1200 रुपये कमा लेते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन की मार से इनके सामने जीवनयापन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

कोरोना वॉरियर की पीठ पर हुए छाले, फिर भी कर रहे सफाई

बहरहाल, ये हाल सिर्फ गन्ना रस व्यापारियों का ही नहीं आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक व्यापारियों का भी है. अब बस यही उम्मीद है कि जल्द से जल्द ये संकट खत्म हो फिर से इनके रोजगार में तेजी आए.

Last Updated : May 11, 2020, 4:49 PM IST
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