सूरजपुर: प्रदेश में अभी स्कूल खुले 1 हफ्ता भी नहीं हुआ है और स्कूली बच्चों में कोरोना के मामले सामने आने लगे हैं. कभी राजधानी में तो कभी राजनांदगांव में और अब सूरजपुर में शुक्रवार को प्रतापपुर इलाके में 2 स्कूली छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद जिला प्रशासन ने स्कूलों के लिए कई गाइडलाइन भी जारी किए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी जिले के कई निजी स्कूल बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी लापरवाह दिख रहे हैं. ETV भारत ने जिले के कई स्कूलों का रियालिटी चेक किया और पाया कि, कुछ स्कूलों को छोड़कर करीब सभी स्कूलों में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
कुछ स्कूल तो सरकार के नियमों को ठेंगा दिखाकर क्लास संचालित कर रहे हैं. जिले के विश्रामपुर इलाके में स्थित एक स्कूल में छोटे बच्चों की भी क्लास संचालित हो रही है. जबकि राज्य सरकार का साफ निर्देश है कि अभी केवल नौवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स के लिए ही स्कूल संचालित किए जाएंगे. लेकिन निजी स्कूल फीस वसूली के फिराक में बच्चों की जान जोखिम में डालने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं.
बिलासपुर : छात्रों में दिख रहा कोरोना का डर, स्कूल आने से बच रहे छात्र
नहीं किया जा रहा नियमों का पालन
स्कूल प्रबंधन यह भी मान रहा है कि स्कूल में बच्चे सुरक्षित नहीं है. न तो वह मास्क पहन रहे हैं, न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, न ही स्कूल में हाथ धोने के लिए कोई व्यवस्था की गई है.
शिक्षकों पर ठीकरा फोड़ रहा प्रबंधन
स्कूल प्रबंधन से सवाल पूछने पर वे अपने ही शिक्षकों पर ठीकरा फोड़ते नजर आ रहे हैं. कार्रवाई की बात कर रहे हैं. अधिकारियों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये से तो यही लगता है कि जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.