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सूरजपुर: अनलॉक के बावजूद पोखरी पर्यटन केंद्र को शुरू करने की नहीं मिली अनुमति, प्रशासन से गुहार - पोखरी पर्यटन केंद्र

कोरोना के चलते जहां हर क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. वहीं सूरजपुर जिले में महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते इनकी गतिविधियां बंद हो गई है. इनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया.

Pokhari tourism center in Surajpur district not allowed to start
पोखरी पर्यटन केंद्र
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Published : Nov 2, 2020, 12:30 PM IST

सूरजपुर: युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं की हालत में महिलाएं और बच्चे ही सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. दुनिया भर में महामारी का रूप लेने वाला कोरोनावायरस भी इसका अपवाद नहीं है. लॉकडाउन के चलते सूरजपुर जिले की शक्ति महिला समूह की महिलाओं के लिए ये महामारी आर्थिक संकट का सबब बना हुआ है.

पोखरी पर्यटन केंद्र
सूरजपुर के तत्कालीन कलेक्टर केसी देवसेना की पहल पर SECL की बंद पड़ी पोखरी ओपनकास्ट कोल माइंस को माइंस प्रबंधन और जिला प्रशासन के सहयोग से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था. यहां पर मछली पालन के साथ बोटिंग, रेस्टोरेंट की शुरूआत की गई थी. जिसके संचालन शक्ति महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया था. सबकुछ ठीक भी चल रहा था. लेकिन कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन से स्व सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है.

कोरोना के चलते 17 मार्च से यहां बोटिंग, रेस्टोरेंट समेत तमाम गतिविधियां बंद कर दी गई. जिससे समूह की महिलाओं के सामने आर्थिक संकट की स्थिति निर्मित हो गई है. महिलाओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कोरोनाकाल में जब सभी तरह के व्यवसाय की शुरुआत हो गई है. ऐसे में होटल रेस्टोरेंट्स समेत अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी खुल गए हैं, तो बोटिंग को भी शुरू किया जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके.

बाहरहाल अब देखने वाली बात होगी कब तक यहां फ्लोटिंग रेस्टोरेंट और बोटिंग की गतिविधियां शुरू हो पाती है. कब तक इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति ठीक हो पाती है, यह तो देखने वाली बात होगी.

सूरजपुर: युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं की हालत में महिलाएं और बच्चे ही सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. दुनिया भर में महामारी का रूप लेने वाला कोरोनावायरस भी इसका अपवाद नहीं है. लॉकडाउन के चलते सूरजपुर जिले की शक्ति महिला समूह की महिलाओं के लिए ये महामारी आर्थिक संकट का सबब बना हुआ है.

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सूरजपुर के तत्कालीन कलेक्टर केसी देवसेना की पहल पर SECL की बंद पड़ी पोखरी ओपनकास्ट कोल माइंस को माइंस प्रबंधन और जिला प्रशासन के सहयोग से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था. यहां पर मछली पालन के साथ बोटिंग, रेस्टोरेंट की शुरूआत की गई थी. जिसके संचालन शक्ति महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया था. सबकुछ ठीक भी चल रहा था. लेकिन कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन से स्व सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है.

कोरोना के चलते 17 मार्च से यहां बोटिंग, रेस्टोरेंट समेत तमाम गतिविधियां बंद कर दी गई. जिससे समूह की महिलाओं के सामने आर्थिक संकट की स्थिति निर्मित हो गई है. महिलाओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कोरोनाकाल में जब सभी तरह के व्यवसाय की शुरुआत हो गई है. ऐसे में होटल रेस्टोरेंट्स समेत अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी खुल गए हैं, तो बोटिंग को भी शुरू किया जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके.

बाहरहाल अब देखने वाली बात होगी कब तक यहां फ्लोटिंग रेस्टोरेंट और बोटिंग की गतिविधियां शुरू हो पाती है. कब तक इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति ठीक हो पाती है, यह तो देखने वाली बात होगी.

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