सूरजपुर: कोरोना काल में एक ओर स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं, वहीं कोरोना काल में लगभग 15 साल से कलेक्टर दर पर कार्यरत चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है. जिसकी वजह से वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
दरअसल, सूरजपुर जिले के विभिन्न छात्रावासों और आश्रमों में 10 से 15 साल से लगभग 400 चतुर्थ वर्ग कर्मचारी कलेक्टर दर पर पदस्थ थे. ऐसे में कोविड-19 के कारण इन्हें शुरुआती दौर में ही काम से निकाल दिया गया. लेकिन अब तक इन्हें वापस काम पर नहीं रखा गया है.
जिले के छत्तीसगढ़ लघु वेतन चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप अपनी पारिवारिक हालातों से अवगत कराया और काम पर वापस रखने की मांग की है. वहीं संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जिले के विभिन्न शासकीय कार्यालयों में कलेक्टर दर पर और आकस्मिक निधि पर बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्यरत हैं. लेकिन उन्हें इस महामारी के दौर में भी नियमित वेतन का भुगतान नहीं किया गया है.
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यहां विगत कई महीनों से वेतन नहीं मिलने के चलते उन्हें आर्थिक समस्याओं जूझना पड़ रहा है. संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कई विभागों में कार्यरत कर्मचारी दूरदराज से कार्यालय आते थे. लेकिन कई महीने से काम पर बैठा देने और वेतन भुगतान नहीं किए जाने से उन्हें उधार लेकर गुजर-बसर करना पड़ रहा है.