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बिश्रामपुर नगर पंचायत: 17 साल से विकास की आस में बैठे हैं लोग

नगर पंचयत के लोग बीते 17 साल से शहर की सफाई और सौंदर्यीकरण की राह देख रहे हैं. नगर पंचायत बिश्रामपुर का गठन हुए 17 साल हो गए, लेकिन विकास के नाम पर आज भी नगर पंचायत में कुछ नहीं  हुआ है. हालांकि, आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सक्रियता तेज हो गई है, वहीं 17 साल से बदहाली की जिंदगी जी रहे नगरवासियों में आक्रोश है.

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Published : Nov 20, 2019, 7:21 PM IST

सूरजपुर: बिश्रामपुर नगर पंचायत एसईसीएल कंपनी के क्षेत्र में आता है. बावजूद इसके अभी तक नगर पंचायत में एक भी विकास कार्य पूरा नहीं हुआ है. एसईसीएल क्षेत्र में आने के कारण नगर की सौंदर्यीकरण और साफ सफाई की व्यवस्था को एसईसीएल भी देखता है, लेकिन नगर पंचायत में साफ सफाई कहीं नहीं दिखता है.

17 साल से विकास की आस में बैठे हैं लोग

नगर पंचयत के लोग बीते 17 साल से शहर की सफाई और सौंदर्यीकरण की राह देख रहे हैं. नगर पंचायत बिश्रामपुर का गठन हुए 17 साल हो गए, लेकिन विकास के नाम पर आज भी नगर पंचायत में कुछ नहीं हुआ है. हालांकि, आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सक्रियता तेज हो गई है, वहीं 17 साल से बदहाली की जिंदगी जी रहे नगरवासियों में आक्रोश है.

कोयलांचल के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले सूरजपुर का बिश्रामपुर नगर पंचायत में यूं तो विकास के नाम पर कई निर्माण कार्य हुए, लेकिन सभी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. मुक्तिधाम से लेकर खेल परिसर और सामुदायिक भवन निर्माण में पैसों का जमकर बंदरबांट किया गया है.

17 साल में कई सरकारें बदली, लेकिन बिश्रामपुर नगर पंचायत की तस्वीर नहीं बदली. शहरवासी आज भी पीने की पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. कई वार्डों में बिजली-सड़क पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है.

सूरजपुर: बिश्रामपुर नगर पंचायत एसईसीएल कंपनी के क्षेत्र में आता है. बावजूद इसके अभी तक नगर पंचायत में एक भी विकास कार्य पूरा नहीं हुआ है. एसईसीएल क्षेत्र में आने के कारण नगर की सौंदर्यीकरण और साफ सफाई की व्यवस्था को एसईसीएल भी देखता है, लेकिन नगर पंचायत में साफ सफाई कहीं नहीं दिखता है.

17 साल से विकास की आस में बैठे हैं लोग

नगर पंचयत के लोग बीते 17 साल से शहर की सफाई और सौंदर्यीकरण की राह देख रहे हैं. नगर पंचायत बिश्रामपुर का गठन हुए 17 साल हो गए, लेकिन विकास के नाम पर आज भी नगर पंचायत में कुछ नहीं हुआ है. हालांकि, आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सक्रियता तेज हो गई है, वहीं 17 साल से बदहाली की जिंदगी जी रहे नगरवासियों में आक्रोश है.

कोयलांचल के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले सूरजपुर का बिश्रामपुर नगर पंचायत में यूं तो विकास के नाम पर कई निर्माण कार्य हुए, लेकिन सभी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. मुक्तिधाम से लेकर खेल परिसर और सामुदायिक भवन निर्माण में पैसों का जमकर बंदरबांट किया गया है.

17 साल में कई सरकारें बदली, लेकिन बिश्रामपुर नगर पंचायत की तस्वीर नहीं बदली. शहरवासी आज भी पीने की पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. कई वार्डों में बिजली-सड़क पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है.

Intro:जिले में विश्रामपुर सहित कई नगर पंचायत एसईसीएल कंपनी के क्षेत्र में आता है बावजूद इसके अभी तक इन नगर पंचायतों का विकास अधूरा है वही एसईसीएल भी नगर की सौंदर्य करण और साफ सफाई की व्यवस्था देखता है तो वही नगर पंचायत भी साफ सफाई और सौंदर्य करण के दावे करता है इसके बाद भी 17 साल बीत जाने के बाद भी आज तक इन नगर पंचायतों के नगरवासी विकास का इंतजार कर रहे हैं


Body:नगर पंचायत बिश्रामपुर को गठन हुए 17 साल बीत गए लेकिन विकास के नाम पर आज भी नगर पंचायत वासी अछूते हैं जहां आगामी नगरी निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों नेताओं में सक्रियता तेज हो गई है तो वही नगरवासी नेताओं के खोखले वादे से आक्रोशित हैं कोयलांचल नगरी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला सूरजपुर का नगर पंचायत विश्रामपुर में यूं तो विकास के नाम पर कई निर्माण कार्य हुए लेकिन सभी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए चाहे वह मुक्तिधाम हो या फिर खेल परिसर या फिर सामुदायिक भवन सभी में पैसे की बंदरबांट साफ नजर आती है जहां नगर पंचायत भटगांव में नगरी निकाय चुनाव मैं 2004 में कांग्रेसमें जीत हासिल की थी तो वहीं 2009 में भाजपा सिंहासन नसीब हुआ था तो वही 2014 में यहां निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी थी लेकिन नगर पंचायत बिश्रामपुर की तस्वीर नहीं बदली जहां आज भी पीने की पानी की समस्या नगर पंचायत बिश्रामपुर के लिए बड़ी समस्या है जिसके लिए कोई पहल नहीं की गई है तो दूसरी ओर स्वास्थ्य विधा पर्याप्त ना होने के कारण आज भी नगर के लोगों को दूसरे संभाग का सहारा लेना पड़ता है वही ग्रामीण वार्डों में बिजली सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नगरवासी आज भी परेशान है जहां आगामी नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर अब फिर से 5 साल बाद नेता चौक चौराहों और नगर वासियों से संपर्क कर एक बार फिर भरोसा जीतना चाहते हैं 15 साल बाद सत्ता में काबिज कांग्रेस के नेता भी नगर पंचायत बिश्रामपुर में अब नगर वासियों को आश्वासन देने में पीछे नहीं है जहां नगर पंचायत के आधे से ज्यादा वार्ड एसईसीएल कंपनी के कोयला खदान क्षेत्र में आने से समय-समय पर एसईसीएल भी विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभाती नजर आती है बावजूद इसके नगर पंचायत बिश्रामपुर का विकास थमा हुआ है तो वही नगर वासियों की समस्या बरकरार है अब राजनीतिक दलों की सक्रियता भी दिख रही है


Conclusion:बाहरहाल कॉन्ग्रेस सरकार के पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया की शुरुआत से ही भले ही कई अध्यक्ष पद के दावेदार के सपने चूर हो गए हो लेकिन दोनों ही राजनीतिक दलों के जोड़-तोड़ के समीकरण पर नगर पंचायत बिश्रामपुर नगर वासियों का आगामी दिनों में कितना विकास हो पाता है यह देखने वाली बात होगी
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