सूरजपुर: जिले के विकास के लिए कई पहल किए गए हैं. छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने जिला मुख्यालय से सटे नयनपुर और गिरवरगंज ग्राम पंचायत में विकास को रफ्तार देने की बात कही थी. इसके तहत यहां उद्योग लगाया गया. अविभाजित सरगुजा के दौरान साल 2007-08 में गिरवरगंज और नयनपुर को औद्योगिक क्षेत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. ऐसे में लोगों को लगा कि नए उद्योगों के साथ आसपास के क्षेत्र गांव का विकास होगा और रोजगार मिलेगा.
बीते समय के साथ साल 2012 में सूरजपुर जिला अस्तित्व में आया और देखते ही देखते कई उद्योग शुरू हो गए. लेकिन समय के साथ गिरवरगंज और नयनपुर के ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ती गई. गांव के युवकों को न तो रोजगार मिला और न हीं इलाके का विकास हुआ. यहां की फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए, प्रदूषण और गंदे पानी ने गांव को बीमारियों का भंडार दिया.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी ने गांव को गोद लेने के साथ ही मूलभूत सुविधा के साथ इसे स्मार्ट गांव बनाने के सपने दिखाए थे. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में उद्योगों की शुरुआत से पहले उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके लिए रोजगार, स्कूल, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी. लेकिन इसका उल्टा हुआ. यही कारण है कि गांव में अनियमितता दिखाई दे रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उद्योग लगाने से न तो इस गांव में चलने के लिए सड़क है और न पीने के लिए पानी. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का हाल भी बेहाल है.
पढ़ें- जगदलपुर: NMDC के निजीकरण के खिलाफ मजदूरों ने खोला मोर्चा, MLA ने लगाया छलावा का आरोप
युवाओं को नहीं मिली नौकरी
ग्रामीणों का कहना है कि भू-अधिग्रहित लोगों को कोई सहायता नहीं मिली. जिनकी जमीन ली गई है, उनके घर में नौकरी के लिए युवा बरसों से भटक रहे हैं. बेरोजगार युवकों ने बताया कि दूसरे राज्य से आए ग्रामीणों को नौकरी दी जाती है, लेकिन उनके ही क्षेत्र के युवाओं को नौकरी नहीं मिलती
पढ़ें- SPECIAL: कोरोना काल में ई-रिक्शा बनी चालकों के लिए वरदान, हो रही है अच्छी कमाई
जल्द होगी कार्रवाई
जनपद सीईओ ने कहा कि वे जल्द ही ग्रामीणों की समस्या सुलझाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य शासन के मानक के अंदर ही काम करना पड़ेगा. लेकिन ऐसा नहीं होता है तो इंडस्ट्रीज पर जल्द कार्रवाई होगी.