सूरजपुर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से किसानों के धान की समर्थन मूल्य में खरीदी जाएगी. प्रशासन का दावा है कि तैयारी पूरी कर ली गई है, लेकिन इलाके में किसानों के टोकन काटने में दिक्कत आ रही है. प्रशासन के दावों के विपरीत धान खरीदी के टोकन देर से काटे जा रहे हैं, साथ ही धान उपार्जन केंद्र में अव्यवस्था नजर आ रही है.
जिले में धान खरीदी को लेकर 48 धान उपार्जन केंद्र और 45 समितियां हैं. जिसमें दर्जनभर नए धान उपार्जन केंद्र और समितियां बनाई गई हैं. वहीं 19 लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य इस बार रखा गया है. प्रशासन कई बार खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगा हुआ है, लेकिन किसानों की परेशानी खत्म नहीं हो रही है. संयुक्त कलेक्टर शिव बनर्जी ने बताया कि धान उपार्जन केंद्र में अव्यवस्थाओं के कारण किसानों को टोकन देरी से जारी किए गए हैं. जिले के अधिकारी धान खरीदी केंद्रों में विद्युत व्यवस्था समेत सभी व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं.
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अन्य जिलों में भी यही हाल
धान खरीदी से ठीक पहले विभिन्न जिलों से किसानों के बीच टोकन को लेकर समस्या सामने आ रही है. बेमेतरा में भी किसान रात से ही टोकन के लिए लाइन में लग गए थे. बीजा गांव के धान खरीदी केंद्र पर टोकन लेने के लिए भारी संख्या में किसान पहुंचे.
छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 नवंबर से धान बेचने के लिए टोकन कटवाने की प्रक्रिया शुरू तो कर दी, लेकिन हालात यह है कि 27 नवंबर को ही कोरबा फड़ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग शुरू हुई है. इसी दिन नोडल अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है. बारदानों की व्यवस्था से लेकर सॉफ्टवेयर अपडेट करने तक की प्रक्रिया फिलहाल अधूरी है. यहां के किसान भी टोकन के लिए परेशान हैं.