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सूरजपुरः हाथियों ने कुचल कर दो युवकों को उतारा मौत के घाट

सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में सोमवार की रात दो युवकों को हाथियों ने कुचल डाला, जिससे उनकी मौत हो गई.

Elephant terror
हाथियों का आतंक
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Published : Apr 28, 2020, 12:05 PM IST

Updated : Apr 28, 2020, 4:05 PM IST

सूरजपुर: देश में एक ओर जहां कोरोना वायरस का डर छाया हुआ है वहीं दूसरी ओर प्रतापपुर वन क्षेत्र में लोग हाथियों के कारण दहशत में हैं. बंशीपुर में सोमवार की रात 9 बजे ढाबे के पास बैठे दो युवक को प्यारे नाम के हाथी ने कुचल कर मार दिया.

मरने वाले दोनों युवक चेतन और सीता बंशीपुर के पास के गांव करौंधा के बताए जा रहे हैं. मंगलवार की सुबह मामले की जानकारी होते ही वन विभाग की टीम और DFO घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कागजी कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को 25 हजार रुपए का मुआवजा दिया.

हाथियों का आतंक

बता दें कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का दहशत है. आए दिन यहां हाथियों के चपेट में आने से लोगों की जान जाती रहती है, लेकिन वन विभाग ने अब तक कोई ऐसा कदम नहीं उठाया है, जिससे हाथियों की दहशत कम हो.

हाथियों की जानकारी वाट्सएप ग्रुप तक सीमित
हाथियों की लोकेशन बताने के लिए वन विभाग ने वाट्सएप ग्रुप बनाया है, लेकिन इसका लाभ गांव के गरीब लोगों को नहीं मिल पाता है. ग्रामीणों के पास स्मार्ट फोन नहीं होने की वजह से उन्हें हाथियों के लोकेशन के बारे में पता नहीं चल पाता है, जिसके कारण वे हाथियों की चपेट में आ जाते हैं.

वन विभाग के सभी दावे खोखले!
वन विभाग चाहे हाथियों को रोकने के लाख दावे करे लेकिन इसका कोई प्रभाव जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा है. वन विभाग की ओर से हाथियों की तात्कालिक लोकेशन न तो गांववालों को बताई जाती है और न ही सही समय पर मुनादी कराई जाती है, जिसका खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ता है.

सूरजपुर: देश में एक ओर जहां कोरोना वायरस का डर छाया हुआ है वहीं दूसरी ओर प्रतापपुर वन क्षेत्र में लोग हाथियों के कारण दहशत में हैं. बंशीपुर में सोमवार की रात 9 बजे ढाबे के पास बैठे दो युवक को प्यारे नाम के हाथी ने कुचल कर मार दिया.

मरने वाले दोनों युवक चेतन और सीता बंशीपुर के पास के गांव करौंधा के बताए जा रहे हैं. मंगलवार की सुबह मामले की जानकारी होते ही वन विभाग की टीम और DFO घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कागजी कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को 25 हजार रुपए का मुआवजा दिया.

हाथियों का आतंक

बता दें कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का दहशत है. आए दिन यहां हाथियों के चपेट में आने से लोगों की जान जाती रहती है, लेकिन वन विभाग ने अब तक कोई ऐसा कदम नहीं उठाया है, जिससे हाथियों की दहशत कम हो.

हाथियों की जानकारी वाट्सएप ग्रुप तक सीमित
हाथियों की लोकेशन बताने के लिए वन विभाग ने वाट्सएप ग्रुप बनाया है, लेकिन इसका लाभ गांव के गरीब लोगों को नहीं मिल पाता है. ग्रामीणों के पास स्मार्ट फोन नहीं होने की वजह से उन्हें हाथियों के लोकेशन के बारे में पता नहीं चल पाता है, जिसके कारण वे हाथियों की चपेट में आ जाते हैं.

वन विभाग के सभी दावे खोखले!
वन विभाग चाहे हाथियों को रोकने के लाख दावे करे लेकिन इसका कोई प्रभाव जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा है. वन विभाग की ओर से हाथियों की तात्कालिक लोकेशन न तो गांववालों को बताई जाती है और न ही सही समय पर मुनादी कराई जाती है, जिसका खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ता है.

Last Updated : Apr 28, 2020, 4:05 PM IST
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