सूरजपुर: करंजवार गांव के ग्रमीणों के खेतों में 15 हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया है. हाथियों ने धान, मक्का, गन्ना, उड़द के फसल को नुकसान पहुंचाया है. प्रतापपुर के जिस जंगल मे रविवार को हाथी की मौत हुई है घटना उसी गांव की है. बता दें कि प्रतापपुर से लगे ग्राम करंजवार में 15 हाथियों का दल विचरण कर रहा है. मंगलवार की रात में बांसा पारा, गेल्हा चुवा, पटेलपारा में ग्रमीणों के खेतों हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. ग्रमीणों ने बताया कि उनके कई एकड़ में लगे फसल बर्बाद हो गए हैं. हाथियों के उत्पात से उनका काफी नुकसान हुआ है.
प्रतापपुर वन क्षेत्र में हाथियों के कई दल विचरण कर रहे हैं. जहां हाथियों का दल रहता है वहां वन विभाग गांव में मुनादी करवाती है. यहां भी हाथियों का विचरण क्षेत्र है जिसके बाद भी विभाग लापरवाह बना हुआ है. प्रतापपुर रेंज के SDO मनोज विश्कर्मा ने कहा कि जानकारी मिलने पर हमारे विभाग के कर्मचारी फसलों के नुकसान का जायजा ले चुके हैं. 17 प्रकरणों में राशि के लिए आंकलन किया जा चुका है. अन्य प्रभावित क्षेत्रों का भी आंकलन किया जाएगा.
जिम्मेदार नदारद
ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में हाथियों के पहुंचने के बाद वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारियों को फोन लगाकर सूचना दी गई लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा. ग्रमीणों का आरोप है कि इतने सवेदनशील एरिया में इतना होने के बाद भी कर्मचारी अपनी ड्यूटी नहीं करते हैं. यहां अब तक दो हाथियों की मौत भी हो चुकी है इसके बाद भी कर्मचारी नहीं आते हैं.
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आक्रोशित हैं ग्रामीण
करंजवार के जंगल मे मृत हाथी को लेकर आरोपी बनाये गए 2 ग्रामीणों को लेकर ग्रामवासी नाराज हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी जांच पड़ताल किए निर्दोष को दोषी बना दिया गया है. जबकि एक के यहां से जीआई तार और एक के घर से 3 मीटर डिक्स के तार की जब्ती बनाई गई है. इसके आधार पर उनपर कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा जो खूंटा जब्त करने की बात की जा रही है. उसमे इनके विभाग का चौकीदार ही जब्ती पत्रक में दस्तखत करने से इंकार कर चुका है.