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सूरजपुर में क्यों नहीं थम रहा हाथियों की मौत का सिलसिला ? - हाथियों की मौत का सिलसिला

हाथियों के बच्चे में फैलने वाला हरपस वायरस (herpes virus) सूरजपुर जिले के हाथियों के बच्चों पर कहर बन कर (havoc on elephants) टूट रहा है. पिछले 1 महीने में इस खतरनाक वायरस (dangerous virus) ने तीन हाथियों के शावकों की जान ले ली है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर इस वायरस के नियंत्रण में अभी तक विभाग को कोई सफलता क्यों नहीं मिल पाई है.

Elephants die in Surajpur
सूरजपुर में हाथियों की मौत
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Published : Oct 19, 2021, 6:27 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 10:35 PM IST

सूरजपुरः हाथियों के बच्चे में फैलने वाला हरपस वायरस सूरजपुर जिले के हाथियों के बच्चे पर कहर बनकर टूट रहा है. पिछले 1 महीने में इस खतरनाक वायरस ने तीन हाथियों के शावकों की जान ले ली है. ताजा मामला सूरजपुर के ओड़गी वन परिक्षेत्र (Surajpur Odgi Forest Zone) के जांज गांव में सामने आया है.

यहां करीब 2 से 3 साल के हाथी के शावक का शव मिला है. इस हाथी के शावक की भी मौत हरपस वायरस से बताया गया है. वन विभाग (Forest department) ने हाथी के शावक का पोस्टमार्टम (post mortem) कर के उसको जंगल में ही दफना दिया (buried in the forest). शावक का बिसरा जांच के लिए लैब (Lab) भेजा गया है.

सूरजपुर में हाथियों की मौत

पशु चिकित्सकों की मानें तो हरपस वायरस (herpes virus) बहुत ही खतरनाक है. यह 7 साल से कम उम्र के हाथी के बच्चों में फैलता है. 24 सितंबर को इसी वायरस की चपेट में आने से तमोर पिंगला अभ्यारण के रेस्क्यू सेंटर (rescue center) में 2 हाथी के शावकों की मौत हो गई.

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सुरक्षा के सारे मानदंड अपनाने के बाद भी हो रही हैं मौतें

एहतियातन रेस्क्यू सेंटर (rescue center) के आसपास के जंगलों को सेनीटाइज (sanitize) किया गया. ताकि वायरस अन्य हाथियों में ना फैल सके. आज फिर से इस वायरस के चपेट में आने से एक शावक की मौत के बाद वन विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं. इस क्षेत्र में करीब 50 हाथियों का दल अलग-अलग विचरण कर रहा है. इनमें 10 से ज्यादा शावक हैं.

इस घटना के बाद उन सभी शावकों की जिंदगी पर भी खतरा मंडराने लगा है. देखने वाली बात होगी कि वन विभाग (Forest department) इस खतरनाक वायरस से हाथियों के शावक को बचाने के लिए क्या प्रयास करता है?

सूरजपुरः हाथियों के बच्चे में फैलने वाला हरपस वायरस सूरजपुर जिले के हाथियों के बच्चे पर कहर बनकर टूट रहा है. पिछले 1 महीने में इस खतरनाक वायरस ने तीन हाथियों के शावकों की जान ले ली है. ताजा मामला सूरजपुर के ओड़गी वन परिक्षेत्र (Surajpur Odgi Forest Zone) के जांज गांव में सामने आया है.

यहां करीब 2 से 3 साल के हाथी के शावक का शव मिला है. इस हाथी के शावक की भी मौत हरपस वायरस से बताया गया है. वन विभाग (Forest department) ने हाथी के शावक का पोस्टमार्टम (post mortem) कर के उसको जंगल में ही दफना दिया (buried in the forest). शावक का बिसरा जांच के लिए लैब (Lab) भेजा गया है.

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पशु चिकित्सकों की मानें तो हरपस वायरस (herpes virus) बहुत ही खतरनाक है. यह 7 साल से कम उम्र के हाथी के बच्चों में फैलता है. 24 सितंबर को इसी वायरस की चपेट में आने से तमोर पिंगला अभ्यारण के रेस्क्यू सेंटर (rescue center) में 2 हाथी के शावकों की मौत हो गई.

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इस घटना के बाद उन सभी शावकों की जिंदगी पर भी खतरा मंडराने लगा है. देखने वाली बात होगी कि वन विभाग (Forest department) इस खतरनाक वायरस से हाथियों के शावक को बचाने के लिए क्या प्रयास करता है?

Last Updated : Oct 19, 2021, 10:35 PM IST
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