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'अब अंबिकापुर में संविदा और नियमित डॉक्टरों को मिलेगी एक समान सैलरी' - डॉक्टरों की कमी बरकरार

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी बरकरार है, जिसके बाद प्रशासन डॉक्टरों की कमी से निजात के लिए संविदा डॉक्टरों की वेतन में वृद्धि की गई है.

नियमित डॉक्टरों के बराबर वेतन मिलेगा संविदा डॉक्टरों को
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Published : Sep 21, 2019, 10:49 PM IST

सरगुजा : अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी अब प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन के लिए भी मुसीबत बनते जा रहा है. डॉक्टरों की कमी से पिछले साल भी इसे जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था. वहीं इस बार भी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी बरकरार है.

नियमित डॉक्टरों के बराबर वेतन मिलेगा संविदा डॉक्टरों को

दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत इमरजेंसी डॉक्टरों की कमी है. कई बार डॉक्टरों की भर्ती निकाली गई, लेकिन किसी ने ज्वॉइनिंग नहीं की. अगर ज्वॉइन किया, तो सैलरी को देखकर रिजाइन कर दिया, जिसको गंभीरता से देखते हुए जिला प्रशासन ने डॉक्टरों के वेतन में बढ़ोतरी की है.

डीएमफ की राशि से देंगे वेतन
मामले में कलेक्टर सारांश मित्तर का कहना है कि अब डीएमफ की राशि को डॉक्टरों के वेतनमान के लिए उपयोग किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि डीएमफ की तकरीबन 2 करोड़ से ज्यादा की राशि है, जिसको डॉक्टरों के वेतन के लिए उपयोग किया जाएगा. इससे डॉक्टरों की कमी का संकट खत्म हो सकेगा.

निरीक्षण के लिए पहुंचेगी MCI की टीम
वहीं कुछ ही दिनों में MCI की टीम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निरीक्षण करने आने वाली है. ऐसे में यदि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जल्द ही डॉक्टरों की कमी के साथ दूसरे फैकल्टी पूरी नहीं होती है, तो आशंका है कि आने वाले दिनों में फिर से मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित किया जा सकता है.

सरगुजा : अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी अब प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन के लिए भी मुसीबत बनते जा रहा है. डॉक्टरों की कमी से पिछले साल भी इसे जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था. वहीं इस बार भी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी बरकरार है.

नियमित डॉक्टरों के बराबर वेतन मिलेगा संविदा डॉक्टरों को

दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत इमरजेंसी डॉक्टरों की कमी है. कई बार डॉक्टरों की भर्ती निकाली गई, लेकिन किसी ने ज्वॉइनिंग नहीं की. अगर ज्वॉइन किया, तो सैलरी को देखकर रिजाइन कर दिया, जिसको गंभीरता से देखते हुए जिला प्रशासन ने डॉक्टरों के वेतन में बढ़ोतरी की है.

डीएमफ की राशि से देंगे वेतन
मामले में कलेक्टर सारांश मित्तर का कहना है कि अब डीएमफ की राशि को डॉक्टरों के वेतनमान के लिए उपयोग किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि डीएमफ की तकरीबन 2 करोड़ से ज्यादा की राशि है, जिसको डॉक्टरों के वेतन के लिए उपयोग किया जाएगा. इससे डॉक्टरों की कमी का संकट खत्म हो सकेगा.

निरीक्षण के लिए पहुंचेगी MCI की टीम
वहीं कुछ ही दिनों में MCI की टीम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निरीक्षण करने आने वाली है. ऐसे में यदि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जल्द ही डॉक्टरों की कमी के साथ दूसरे फैकल्टी पूरी नहीं होती है, तो आशंका है कि आने वाले दिनों में फिर से मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित किया जा सकता है.

Intro:सरगुजा : जिले के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी अब प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन के लिए भी मुसीबत बनती जा रही है, पिछले वर्ष मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था और इसके पीछे बड़ा कारण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को माना जा रहा था। इस बार भी अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है ऐसे में अब डॉक्टरों की व्यवस्था के लिए डीएमएफ की राशि के जरिए उन्हें वेतन वृद्धि कर देने की तैयारी की जा रही है, प्रशासन को उम्मीद है कि इस नए वेतनमान से डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में उपस्थित हो सकेंगे और बड़ी समस्या से निजात मिल सकेगी।

Body:दरअसल अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, समेत इमरजेंसी डॉक्टरों की कमी बनी हुई है, कई बार प्रयास किए गए हैं मगर अब तक यहां डॉक्टर ज्वाइन कर नहीं रहे, इसके पीछे बड़ा कारण डॉक्टरों को दिया जाने वाला वेतन को माना जा रहा है। ऐसे में अब जिला प्रशासन ने डॉक्टरों के वेतन में वृद्धि कर डॉक्टरों को यहां रोकने की मुहिम शुरू की है कलेक्टर सारांश मित्त्तर का कहना है कि डीएमफ की राशि का उपयोग डॉक्टरों के वेतनमान के लिए किया जाएगा जिला प्रशासन भी मान रहा है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर की कमी है और लगातार प्रयासों के बाद भी डॉक्टर यहां नहीं पहुंच रहे जो यहाँ आ भी रहे हैं वह स्तीफा देकर चले जा रहे हैं ऐसे में करीब 2 करोड़ से ज्यादा की राशि में डीएमफ फंड से डॉक्टर के वेतन के लिए देने की योजना बनाई गई है जिला प्रशासन को उम्मीद है कि वेतन वृद्धि से डॉक्टर यहां ड्यूटी के लिए उपस्थित हो सकेंगे और लगातार बनी डॉक्टरों की कमी का संकट खत्म हो सकेगा अब कुछ ही दिनों में एमसीआई की टीम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निरीक्षण करने आने वाली है ऐसे में यदि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जल्द ही डॉक्टरों की कमी के साथ अन्य फैकल्टी पूरी नहीं होती तो आशंका है कि आने वाले दिनों में फिर से मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित किया जा सकता है।

बाईट01_सारांश मित्तर (कलेक्टर सरगुजा)

देश दीपक सरगुजाConclusion:
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