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गौठानों के औचक निरीक्षण में पहुंचे CEO, बोले- 'यहां के हाल हैं बेहाल'

सूरजपुर के कई गौठान रखरखाव के कारण जर्जर होते जा रहे हैं. इसी कड़ी में जनपद सीईओ ने गौठानों का निरीक्षण किया.

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Published : Oct 24, 2019, 12:54 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 10:09 PM IST

गौठानों के औचक निरीक्षण में पहुंचे CEO

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी के तहत प्रदेशभर में गौठान बनवाए गए हैं, लेकिन सूरजपुर जिले में देखरेख के अभाव में महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. इसी कड़ी में बुधवार को जनपद सीईओ गौठानों के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने सरपंच-सचिव को जमकर फटकार लगाई.

गौठानों के औचक निरीक्षण में पहुंचे CEO

दरअसल, जिले में कई गौठान बनाए गए हैं, जो मात्र 6 महीने में ही जर्जर हो चुके हैं. इतना ही नहीं यहां न तो मवेशियों के लिए चारा है और न ही पीने के लिए पानी रखा गया है. वहीं कई गौठानों में मवेशियों के लिए चारा न होने के कारण मवेसी मालिक अपने मवेशियों को गौठान नहीं भेज रहे हैं.

औचक निरीक्षण पर पहुंचे CEO
गौठान का औचक निरीक्षण के दौरान जनपद सीईओ ने बताया कि 'निरीक्षण में गायों की संख्या कम पाई गई है'. साथ ही उन्होंने कहा कि 'पीने के पानी में कीड़े-मकोड़े रेंग रहे हैं. चारागाह में चारा नहीं है, जिस पर सरपंच-सचिव को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की निर्देश दिए हैं'. उन्होंने कहा कि 'सरपंच-सचिव की मनमानी के कारण गौठानों के फंड की बंदरबांट हो रही है, जिससे गायों को चारा नहीं मिल रहा'.

गौठानों का हाल-बेहाल
बहरहाल यह मामला किसी एक गौठान का नहीं है, जिले के लगभग सभी गौठानों की स्थिति यही है. कागजों में तो सभी गौठान दुरुस्त दिख रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. अब देखने वाली बात होगी कि शासन-प्रशासन की आंखें कब खुलती हैं और कब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बाड़ी को सही रूप मिल पाएगा.

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी के तहत प्रदेशभर में गौठान बनवाए गए हैं, लेकिन सूरजपुर जिले में देखरेख के अभाव में महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. इसी कड़ी में बुधवार को जनपद सीईओ गौठानों के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने सरपंच-सचिव को जमकर फटकार लगाई.

गौठानों के औचक निरीक्षण में पहुंचे CEO

दरअसल, जिले में कई गौठान बनाए गए हैं, जो मात्र 6 महीने में ही जर्जर हो चुके हैं. इतना ही नहीं यहां न तो मवेशियों के लिए चारा है और न ही पीने के लिए पानी रखा गया है. वहीं कई गौठानों में मवेशियों के लिए चारा न होने के कारण मवेसी मालिक अपने मवेशियों को गौठान नहीं भेज रहे हैं.

औचक निरीक्षण पर पहुंचे CEO
गौठान का औचक निरीक्षण के दौरान जनपद सीईओ ने बताया कि 'निरीक्षण में गायों की संख्या कम पाई गई है'. साथ ही उन्होंने कहा कि 'पीने के पानी में कीड़े-मकोड़े रेंग रहे हैं. चारागाह में चारा नहीं है, जिस पर सरपंच-सचिव को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की निर्देश दिए हैं'. उन्होंने कहा कि 'सरपंच-सचिव की मनमानी के कारण गौठानों के फंड की बंदरबांट हो रही है, जिससे गायों को चारा नहीं मिल रहा'.

गौठानों का हाल-बेहाल
बहरहाल यह मामला किसी एक गौठान का नहीं है, जिले के लगभग सभी गौठानों की स्थिति यही है. कागजों में तो सभी गौठान दुरुस्त दिख रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. अब देखने वाली बात होगी कि शासन-प्रशासन की आंखें कब खुलती हैं और कब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बाड़ी को सही रूप मिल पाएगा.

Intro:जिले के कई गौथानो मैं रखरखाव के कारण मवेशी नहीं आ रहे हैं कई गठान रखरखाव के अभाव में जर्जर होते जा रहे हैं


Body:शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा घुरवा बारी जिले में दम तोड़ रही है दरअसल जिले कई गौठान मात्र 6 महीने में ही जर्जर हो चुके हैं ना तो मवेशियों के लिए चारा है और ना ही पीने के लिए पानी देखा जा रहा है कि कई गठान में मवेशियों के लिए चारा ना होने के कारण ओवैसी मालिक अपने मवेशियों को गोठा नहीं भेज रहे हैं वही सीईओ जनपद ने गौठान का औचक निरीक्षण किया जहां उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान गायों की संख्या काम है तथा पीने के पानी में कीड़े मकोड़े रेंग रहे हैं कथा चारागाह में चारा नहीं है जिस पर सरपंच सचिव को फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द दुरुस्त करने की चेतावनी दी वही जर्जर हुए गठान को भी जल्द दुरुस्त करा कर मवेशी मालिक से का कर ज्यादा से ज्यादा मवेशी रखने की बात कहे दरअसल सरपंच सचिव के मनमानी के कारण गौठान फंड का वंडर वाट कर लिया जाता है जिसके कारण मवेशियों के चारे उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं


Conclusion:बाहर हाल यह मामला किसी एक गठान का नहीं है जिले के लगभग सभी घोटालों की स्थिति यही है कागजों में तो सभी गौठान दुरुस्त दिख रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है अब देखने वाली बात होगी कि शासन प्रशासन की आंखें कब खुलती है और कब शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा घुरवा बारी को सही रूप मिल पाएगा

बाईट - एसके गुप्ता,,,, सीईओ,,,, जनपद पंचायत सूरजपुर
Last Updated : Oct 24, 2019, 10:09 PM IST
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