सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी के तहत प्रदेशभर में गौठान बनवाए गए हैं, लेकिन सूरजपुर जिले में देखरेख के अभाव में महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. इसी कड़ी में बुधवार को जनपद सीईओ गौठानों के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने सरपंच-सचिव को जमकर फटकार लगाई.
दरअसल, जिले में कई गौठान बनाए गए हैं, जो मात्र 6 महीने में ही जर्जर हो चुके हैं. इतना ही नहीं यहां न तो मवेशियों के लिए चारा है और न ही पीने के लिए पानी रखा गया है. वहीं कई गौठानों में मवेशियों के लिए चारा न होने के कारण मवेसी मालिक अपने मवेशियों को गौठान नहीं भेज रहे हैं.
औचक निरीक्षण पर पहुंचे CEO
गौठान का औचक निरीक्षण के दौरान जनपद सीईओ ने बताया कि 'निरीक्षण में गायों की संख्या कम पाई गई है'. साथ ही उन्होंने कहा कि 'पीने के पानी में कीड़े-मकोड़े रेंग रहे हैं. चारागाह में चारा नहीं है, जिस पर सरपंच-सचिव को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की निर्देश दिए हैं'. उन्होंने कहा कि 'सरपंच-सचिव की मनमानी के कारण गौठानों के फंड की बंदरबांट हो रही है, जिससे गायों को चारा नहीं मिल रहा'.
गौठानों का हाल-बेहाल
बहरहाल यह मामला किसी एक गौठान का नहीं है, जिले के लगभग सभी गौठानों की स्थिति यही है. कागजों में तो सभी गौठान दुरुस्त दिख रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. अब देखने वाली बात होगी कि शासन-प्रशासन की आंखें कब खुलती हैं और कब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बाड़ी को सही रूप मिल पाएगा.