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मैनेजर खा गया करोड़ों की फसल और सब्जी, माथा पीट रहे किसान - surajpur news

सूरजपुर के भैयाथान ब्लॉक में साल 2018 और 2019 में जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक में 997 किसानों के खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के एक करोड़ 34 लाख रुपये आए थे. जबकि सहकारी बैंक मैनेजर जगदीश कुशवाहा ने फर्जी तरीके से इस राशि की निकासी कर ली. किसानों को जब यह पता चला तो इसकी शिकायत की. लेकिन अब तक न इनके पैसे मिले न ही आरोपी पर कार्रवाई ही हुई है.

angry farmer
आक्रोशित किसान
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Published : Sep 23, 2021, 6:18 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 6:53 PM IST

सूरजपुर : सूरजपुर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) में फर्जी तरीके से किसानों के करोड़ों रुपये निकाल लिये जाने का मामला सामने आया है. सहकारी बैंक मैनेजर (co-operative bank manager) के साथ मिलकर कुछ लोगों ने करीब 1000 किसानों के बैंक खाते से करोड़ों रुपये निकाल लिये हैं. किसानों को इसकी जानकारी मिलने के बाद अब वे जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

आक्रोशित किसान

सूरजपुर के भैयाथान ब्लॉक का है मामला

दरअसल यह पूरा मामला सूरजपुर जिले के भैयाथान ब्लॉक का है. यहां साल 2018 और 2019 में जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक में 997 किसानों के खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत एक करोड़ 34 लाख रुपये आए थे. लेकिन सहकारी बैंक मैनेजर जगदीश कुशवाहा ने फर्जी तरीके से इन पैसों की निकासी कर ली. जब इसकी जानकारी किसानों को हुई तो उन्होंने बैंक में इसकी शिकायत की. लेकिन न तो इन किसानों के पैसे वापस मिले और न ही बैंक मैनेजर पर कोई कार्रवाई ही हुई. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की और अब वे पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

किसानों ने 6 माह पूर्व की थी शिकायत, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

लेकिन सवाल यह है कि किसानों ने इस पूरे मामले की शिकायत करीब 6 महीने पूर्व की थी. बावजूद इसके आरोपियों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई अबतक नहीं की गई है. जानकारों का कहना है कि इतना बड़ा घोटाला कुछ ही दिनों में नहीं हुआ है. इसका ताना-बाना साल 2018 से ही बुना जा रहा था. 2018 में 667 किसानों के खाते से 85 लाख 51 हजार रुपये निकाले गए थे. पूरे मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई न होने पर आरोपियों का मनोबल बढ़ा और फिर से साल 2019 में 353 किसानों के खाते से 33 लाख 25 हजार रुपये की निकासी कर ली गई. अब इन किसानों पर चौतरफा मार पड़ रही है. एक ओर इनकी फसल बर्बाद हो चुकी है. नष्ट हुई फसल और सब्जी की राशि का गबन हो गया. अब ये किसान परिवार समेत दाने-दाने को मोहताज हैं.

आरोपी मैनेजर पर जल्द नहीं हुई कार्रवाई तो आंदोलन करेंगे किसान

आलम यह है कि ये किसान अब काफी आक्रोशित हो चुके हैं और जल्द कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की बात कर रहे हैं. वहीं किसानों को भाजपा का भी समर्थन मिल गया है. जबकि कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तात्कालिक बैंक मैनेजर को निलंबित कर पूरे मामले की जांच सहकारी विभाग और पुलिस से करा रहे हैं. उनके अनुसार जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी. जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी. किसानों के पैसे उनके खाते में वापस भेजे जाएंगे.

सूरजपुर : सूरजपुर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) में फर्जी तरीके से किसानों के करोड़ों रुपये निकाल लिये जाने का मामला सामने आया है. सहकारी बैंक मैनेजर (co-operative bank manager) के साथ मिलकर कुछ लोगों ने करीब 1000 किसानों के बैंक खाते से करोड़ों रुपये निकाल लिये हैं. किसानों को इसकी जानकारी मिलने के बाद अब वे जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

आक्रोशित किसान

सूरजपुर के भैयाथान ब्लॉक का है मामला

दरअसल यह पूरा मामला सूरजपुर जिले के भैयाथान ब्लॉक का है. यहां साल 2018 और 2019 में जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक में 997 किसानों के खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत एक करोड़ 34 लाख रुपये आए थे. लेकिन सहकारी बैंक मैनेजर जगदीश कुशवाहा ने फर्जी तरीके से इन पैसों की निकासी कर ली. जब इसकी जानकारी किसानों को हुई तो उन्होंने बैंक में इसकी शिकायत की. लेकिन न तो इन किसानों के पैसे वापस मिले और न ही बैंक मैनेजर पर कोई कार्रवाई ही हुई. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की और अब वे पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

किसानों ने 6 माह पूर्व की थी शिकायत, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

लेकिन सवाल यह है कि किसानों ने इस पूरे मामले की शिकायत करीब 6 महीने पूर्व की थी. बावजूद इसके आरोपियों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई अबतक नहीं की गई है. जानकारों का कहना है कि इतना बड़ा घोटाला कुछ ही दिनों में नहीं हुआ है. इसका ताना-बाना साल 2018 से ही बुना जा रहा था. 2018 में 667 किसानों के खाते से 85 लाख 51 हजार रुपये निकाले गए थे. पूरे मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई न होने पर आरोपियों का मनोबल बढ़ा और फिर से साल 2019 में 353 किसानों के खाते से 33 लाख 25 हजार रुपये की निकासी कर ली गई. अब इन किसानों पर चौतरफा मार पड़ रही है. एक ओर इनकी फसल बर्बाद हो चुकी है. नष्ट हुई फसल और सब्जी की राशि का गबन हो गया. अब ये किसान परिवार समेत दाने-दाने को मोहताज हैं.

आरोपी मैनेजर पर जल्द नहीं हुई कार्रवाई तो आंदोलन करेंगे किसान

आलम यह है कि ये किसान अब काफी आक्रोशित हो चुके हैं और जल्द कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की बात कर रहे हैं. वहीं किसानों को भाजपा का भी समर्थन मिल गया है. जबकि कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तात्कालिक बैंक मैनेजर को निलंबित कर पूरे मामले की जांच सहकारी विभाग और पुलिस से करा रहे हैं. उनके अनुसार जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी. जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी. किसानों के पैसे उनके खाते में वापस भेजे जाएंगे.

Last Updated : Sep 23, 2021, 6:53 PM IST
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