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सूरजपुर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुराहाल, डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा - सूरजपुर

सूरजपुर के जिला बनने से क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर खासी उम्मीदें थी, लेकिन सारे दावे खोखले साबित हुए. जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान हैं.

सूरजपुर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुराहाल
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Published : Sep 4, 2019, 8:41 AM IST

सूरजपुर : छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के दावे तो करती है, लेकिन सूरजपुर का जिला अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. अस्पताल डॉक्टरों की भारी कमी से जुझ रहा है. इससे मरीज परेशान हैं.

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा सूरजपुर जिला अस्पताल

अस्पताल में एक भी हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं, जिसका खामियाज क्षेत्र के मरीजों के उठाना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में रोजाना दूर-दराज के गांव से हजारों ग्रामीण इलाज कराने आते हैं. जिला गठन के बाद जिले के ग्रामीणों को आस थी कि जिला अस्पताल बनने से स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी और दूसरी जगह इलाज के लिए नहीं भटकना पड़ेगा, लेकिन अस्पताल के बदहाली का दौर खत्म नहीं हो रहा है.

हड्डी रोग विशेषज्ञ की मांग

चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीज भटकते नजर आते हैं. दुर्घटना के शिकार मरीज या हड्डी रोग से पीड़ित मरीज को डॉक्टर नहीं होने के कारण वापस लौटना पड़ता है. हड्डी रोग विशेषज्ञ की मांग क्षेत्रवासी कई वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन विभाग और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से मांग अब तक पूरी नहीं हुई.

पढ़ें : फर्जी नियुक्ति मामले में CMHO और लिपिक के खिलाफ FIR, PMO में हुई थी शिकायत

लंबी दूरी तय करनी पड़ती है

रहवासियों ने बताया कि 'दुर्घटना के बाद गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल लाया जाता है पर इलाज की व्यवस्था न होने के कारण दूसरे जिलों में रेफर कर दिया जाता है. मरीजों को इलाज के लिए अंबिकापुर या फिर कई किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है'.

मामले पर CMHO आरएस सिंह का कहना है कि 'बड़े अधिकारियों से बात कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा'

सूरजपुर : छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के दावे तो करती है, लेकिन सूरजपुर का जिला अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. अस्पताल डॉक्टरों की भारी कमी से जुझ रहा है. इससे मरीज परेशान हैं.

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा सूरजपुर जिला अस्पताल

अस्पताल में एक भी हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं, जिसका खामियाज क्षेत्र के मरीजों के उठाना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में रोजाना दूर-दराज के गांव से हजारों ग्रामीण इलाज कराने आते हैं. जिला गठन के बाद जिले के ग्रामीणों को आस थी कि जिला अस्पताल बनने से स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी और दूसरी जगह इलाज के लिए नहीं भटकना पड़ेगा, लेकिन अस्पताल के बदहाली का दौर खत्म नहीं हो रहा है.

हड्डी रोग विशेषज्ञ की मांग

चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीज भटकते नजर आते हैं. दुर्घटना के शिकार मरीज या हड्डी रोग से पीड़ित मरीज को डॉक्टर नहीं होने के कारण वापस लौटना पड़ता है. हड्डी रोग विशेषज्ञ की मांग क्षेत्रवासी कई वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन विभाग और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से मांग अब तक पूरी नहीं हुई.

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लंबी दूरी तय करनी पड़ती है

रहवासियों ने बताया कि 'दुर्घटना के बाद गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल लाया जाता है पर इलाज की व्यवस्था न होने के कारण दूसरे जिलों में रेफर कर दिया जाता है. मरीजों को इलाज के लिए अंबिकापुर या फिर कई किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है'.

मामले पर CMHO आरएस सिंह का कहना है कि 'बड़े अधिकारियों से बात कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा'

Intro:जिले में डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान है जाहे करो स्वास्थ्य मंत्री का क्षेत्र माना जाता है वही जिले में हड्डी रोग विशेषज्ञ का ना होना दुर्भाग्य की बात है


Body:सूरजपुर जिले के अस्पताल में रोजाना दूरदराज के गांव से हजारों ग्रामीण इलाज कराने आते हैं जिला गठन के बाद जिले के ग्रामीणों को आस थी कि जिला अस्पताल बनने से स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी और दूसरे जिले में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा लेकिन जिला बनने के 7 साल बाद भी जिला अस्पताल के बदहाली का दौर खत्म नहीं हो रहा है जहां अस्पताल में चिकित्सकों की मनमानी की शिकायत तो रोज आती है ऐसे में चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीज भटकते नजर आ रहे हैं जहां जिले में रोज दुर्घटना के मरीज या फिर हड्डी रोग से पीड़ित मरीज किसी के लिए भी चिकित्सक मौजूद नहीं होते हैं जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ की मांग क्षेत्रवासी कई वर्षों से कर रहे हैं लेकिन विभाग और जनप्रतिनिधि की उदासीनता साफ दिखाई दे रही है जिसके कारण जिले के मरीजों को अंबिकापुर या फिर कई किलोमीटर दूर तक का सफर तय कर इलाज के लिए दूसरे जिले में जाना पड़ता है देखा जाता है कि ज्यादातर मरीज दुर्घटना होने के बाद अस्पताल में आते हैं जो काफी गंभीर होते हैं तथा उन्हें अस्पताल में इलाज ना मिलने के कारण दूसरे जिलों में रेफर कर दिया जाता है जहां ज्यादातर मरीजों की रास्ते में ही मौत हो जाती है बावजूद इसके जिले में हड्डी रोग विशेषज्ञ ना होने के कारण जिले वासी काफी परेशान हैं


Conclusion:बाहरहाल इन अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि को यह समस्या दिखाई क्यों नहीं दे रही है यह तो समझ से परे है वही सीएमएचओ आर एस सिंह का कहना है कि बड़े अधिकारियों से बात कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा अब देखने वाली बात होगी कब तक यह अधिकारी इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेकर जिले को एक नई सौगात दे पाते हैं

बाईट - डॉक्टर आर एस सी,,,, सीएमएचओ सूरजपुर
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