सूरजपुर: विश्व बाल श्रमिक निषेध दिवस के मौके पर जिला के अधिकारियों ने शहर के 23 प्रतिष्ठानों में जाकर औचक निरीक्षण किया गया. कलेक्टर रवि शर्मा के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी मुक्तानंद खोटे के मार्गदर्शन में संयुक्त टीम बनाई थी, जिसने बाल मजदूरी को लेकर शहर के प्रतिष्ठानों में जाकर निरीक्षण किया. जहां से 4 बाल श्रमिकों को रिहा कराया है.
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सूरजपुर कलेक्टर रवि शर्मा के निर्देश पर टीम ने प्रतिष्ठानों में जाकर बाल श्रमिकों को न रखने के लिए सभी को समझाइश दी गई. औचक निरीक्षण के दौरान दल को 4 प्रतिष्ठानों 3 नाबालिग लड़की और लड़का मिला है, उन सभी शिवकर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया.
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इन विभागों के अधिकारी थे मौजूद
अधिकारियों ने बताया कि शहर के गैरेज, शोरूम, कपड़े की दुकान, होटल और अन्य दुकानों में निरीक्षण किया. इस दौरान सभी दुकानदारों को अपनी दुकान, प्रतिष्ठान के गेट पर बाल श्रमिक नहीं रखने के लिए पत्र चस्पा करने के निर्देश दिए गए. इस दौरान अधिकारियों ने दुकानदारों से कहा कि किसी भी दुकान में बाल श्रमिकों से काम कराते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. निरीक्षण के दौरान श्रम एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी भी शामिल थे.
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2002 में पहली बार 'अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस' मनाया गया
बता दें कि बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से बाल श्रम के विरोध में जागरुकता फैलाने के लिए साल 2002 में पहली बार 'अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस' मनाया गया था. तब से हर साल बाल श्रम के विरोध में 12 जून को यह दिवस मनाया जाता है.