सुकमा: कांग्रेस की सरकार जाते ही बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान में तेजी आ गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने जहां सरकार को अलर्ट किया है वहीं सरकार भी नक्सलियों के खात्मे के लिए लगातार कोशिश कर रही है. जवानों ने नक्सलियों को उनके गढ़ से बाहर निकालने के लिए जंगलों में कई कैंप भी बनाएं हैं. सरकार की मंशा है कि विकास के कामों में बस्तर में तेजी लाई जाए जिससे की नक्सलवाद हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो. जंगलों में लगातार हो रही सर्चिंग से नक्सली पहले ही बौखलाए हुए हैं.
घने जंगलों में बनाया जवानों ने बेस कैंप: बीते दिनों नक्सलवाद पर लगाम लगाने के लिए बस्तर में बड़ी बैठक भी हुई थी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बीएसएफ के स्थापना दिवस पर कहा था कि नक्सलवाद तेजी से कम होता जा रहा है. जवान जिस तेजी से माओवादियों को घेर रहे हैं उससे उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का खात्मा हो जाएगा. सुकमा एसपी किरण चव्हान ने कहा है कि पीएलजीए के एरिया में कैंप बनने से हम मजबूत हुए हैं. हार्डकोर नक्सलियों पर यहां से नजर रखी जा रही है. जवानों के बेस कैंप बनने हम अब उनको आसानी से टारगेट कर सकते हैं.
घने जंगलों में कैम्प की स्थापना होने से नक्सलियों की सबसे मजबूत विंग्स PLGA बटालियन के खिलाफ टारगेट करके ऑपरेशन तेज किया जायेगा. इस इलाके को नक्सलियों के PLGA बटालियन नंबर 1 का गढ़ कहा जाता है. क्षेत्र में कैम्प स्थापना में DRG, बस्तर फाइटर्स, कोबरा 206, 02 वाहिनी CRPF और जिला बल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है - किरण चव्हान, एसपी सुकमा
ग्रामीणों से बेहतर संबंध बनाना पहली प्राथमिकता: नक्सल प्रभावित इलाके में जवानों को निर्देश दिए गये हैं कि वो ग्रामीणों से बेहतर संबंध रखें. कई बार ग्रामीण नक्सलियों के खिलाफ कुछ जरुरी जानकारी भी देते हैं. अफसरों का कहना है कि जबतक ग्रामीणों का भरोसा नहीं जीता जाएगा तबतक इस लड़ाई में जीत मुश्किल है. विकास के कामों से हम उनका भरोसा जीत सकते हैं.