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लौटने लगी रौनक, यहां 13 साल के इंतजार के बाद खुला स्कूल

सोमवार की सुबह इनके लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई. नये शिक्षा शिक्षा सत्र के शुरू होने के साथ प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जगरगुण्डा में मिडिल और हाई स्कूल का शुभारंभ किया इसके साथ कन्या आश्रम शाला का भी उद्घाटन किया.

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Published : Jun 24, 2019, 11:56 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 1:41 PM IST

बच्चों के बीच कवासी लखमा

सुकमा: 13 साल बाद अब सुकमा के जगरगुंडा में रौनक लौटने लगी है. लोगों के चेहरों पर मुस्कान है. शासन-प्रशासन की मदद से एक बार फिर लोगों के चहरे खिल गए हैं. जगरगुण्डा में बंद पड़े प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं को फिर से खोला जा रहा है.

13 साल बाद खुले स्कूल

कन्या आश्रम शाला का किया उद्घाटन
सोमवार की सुबह इनके लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई. नये शिक्षा शिक्षा सत्र के शुरू होने के साथ प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जगरगुण्डा में मिडिल और हाई स्कूल का शुभारंभ किया इसके साथ कन्या आश्रम शाला का भी उद्घाटन किया. मौके पर मंत्री ने कहा कि इस गांव में खुशियां लाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि इस गांव के लोगों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की हर योजना को सबसे पहले वे यहां लाएंगे.

2006 में नक्सलियों ने मचाया था उत्पात
2006 में नक्सलियों के खिलाफ शुरू सलवा जुडूम अभियान के कारण नक्सलियों ने पूरे इलाके का सर्वनाश कर दिया था. इस लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान यहां बच्चों को उठाना पड़ा था. नक्सलियों ने यहां स्कूल भवनों को गिरा दिया था. जिसके बाद यहां स्कूल बंद कर दिए गए थे. जिसपर तत्कालीन सरकार ने जगरगुण्डा में संचालित स्कूल को वहां से 56 किलोमीटर दूर दोरनापाल में संचालित करने का फैसला किया. हालांकि 13 साल बाद सरकार एक बार फिर से यहां के स्कूलों को यहीं लगाने का फैसला किया है.

सुकमा: 13 साल बाद अब सुकमा के जगरगुंडा में रौनक लौटने लगी है. लोगों के चेहरों पर मुस्कान है. शासन-प्रशासन की मदद से एक बार फिर लोगों के चहरे खिल गए हैं. जगरगुण्डा में बंद पड़े प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं को फिर से खोला जा रहा है.

13 साल बाद खुले स्कूल

कन्या आश्रम शाला का किया उद्घाटन
सोमवार की सुबह इनके लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई. नये शिक्षा शिक्षा सत्र के शुरू होने के साथ प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जगरगुण्डा में मिडिल और हाई स्कूल का शुभारंभ किया इसके साथ कन्या आश्रम शाला का भी उद्घाटन किया. मौके पर मंत्री ने कहा कि इस गांव में खुशियां लाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि इस गांव के लोगों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की हर योजना को सबसे पहले वे यहां लाएंगे.

2006 में नक्सलियों ने मचाया था उत्पात
2006 में नक्सलियों के खिलाफ शुरू सलवा जुडूम अभियान के कारण नक्सलियों ने पूरे इलाके का सर्वनाश कर दिया था. इस लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान यहां बच्चों को उठाना पड़ा था. नक्सलियों ने यहां स्कूल भवनों को गिरा दिया था. जिसके बाद यहां स्कूल बंद कर दिए गए थे. जिसपर तत्कालीन सरकार ने जगरगुण्डा में संचालित स्कूल को वहां से 56 किलोमीटर दूर दोरनापाल में संचालित करने का फैसला किया. हालांकि 13 साल बाद सरकार एक बार फिर से यहां के स्कूलों को यहीं लगाने का फैसला किया है.

Intro:13 साल बाद जगरगुण्डा में स्कूलों का होगा संचालन, सलवा जुडूम के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा शालायें हो गई थी बंद

सुकमा. जिले का अत्यंत नक्सल प्रभावित इलाका जगरगुण्डा में अब रौनक लौटने लगी है। लोगों के चेहरों पर मुस्कान नजर आ रही है। और इस मुस्कुराहट के वे हकदार भी हैें। क्योंकि यहां के लोगों ने पूरे 13 वर्ष सलवा जुडूम की आंधी का वो मंजर देखा है जिसमें उनका सब कुछ बर्बाद हो गया है। शासन—प्रशासन की मदद सेे एक बार फिर लोगों के चहरे खिले हुए हैं। पूरे 13 साल बाद जगरगुण्डा में बंद पड़े प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं को दुबारा खोला गया है। लंबे समय से यहां के लोग इसकी मांग करते आये हैं।

सोमवार को नये शिक्षा सत्र में कांग्रेस की सरकार ने जगरगुण्डावासियों को एक नई सौगात दी है। प्राथमिक, माध्यमिक और हाईस्कूल अब गांव में ही संचालित होंगे। सोमवार को प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा समेत पूरा जिला प्रशासन जगरगुण्डा में मौजूद था। बंद शालाओं को पुन: संचालित करने कवासी लखमा ने जगरगुण्डा में मिडिल और हाई स्कूल का शुभारंभ किया तथा कन्या आश्रम शाला का उदघाटन किया।

स्कूलों और कन्या आश्रमों के शुभारंभ होने पर जगरगुण्डा में लोगों में अपार खुशी थी उन्हे लग रहा था कि अब हमारे खुशी के दिन आ गए लोग मेहसूस कर रहें थे कि तेरह साल पहले जैसा जगरगुण्डा था वैसा ही बनेगा। मंत्री और जिला प्रशासन के अधिकारियों को अपने बीच पाकर जगरगुण्डा के लोग रोमांचित उत्साह से भरे थे।



Body:वर्ष 2006 में माओवादियों के खिलाफ शुरू हुए शांति अभियान सलवा जुडूम ने पूरे इलाके का विनाश कर दिया। फोर्स और माओवादियों की लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का हुआ। शालाओं को माओवादियों ने ढहा दिये। शालायें बंद हो गई। इसके बाद सरकार ने जगरगुण्डा के शालाओं को 56 किमी दूर दोरनापाल में संचालित करने का फैसला किया गया। 13 साल तक जगरगुण्डा की शालायें अस्थाई रूप से दोरनापाल में संचालित किये जा रहे थे। इस व्यवस्था से परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। Conclusion:जगरगुण्डा होगा सुविधा सम्पन्न गांव—लखमा
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जगरगुण्डा को सुविधा सम्पन्न गांव बनाने के लिए सभी मिलजुलकर काम करें। 15 सालों में जगरगुण्डा को बर्बाद करने में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप जिम्मेदार हैं। कांग्रेस सरकार जगरगुण्डा को एक बार फिर पुराने जगरगुण्डा के रूप में विकसित करेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी हर सुविधा से गांव को सम्पन्न करेगी।
Last Updated : Jun 25, 2019, 1:41 PM IST
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