सुकमा: नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर तेलंगाना में कोरोना से नक्सली कमांडर कोरसा आयतू की मौत होने की (death of naxal commander) खबर का खंडन किया है. नक्सलियों का कहना है कि पीएलजीए के प्लाटून कमांडर गंगाल उर्फ कोरसा आयतू को बीमार होने के बाद गंभीर अवस्था में इलाज के लिए तेलंगाना के खम्मम अस्पताल भेजा गया था. तेलंगाना पुलिस ने 24 मई को उसे गिरफ्तार किया और प्रताड़ित किया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई है.
ग्रामीणों को नक्सली बताकर गिरफ्तारी की गई: नक्सली
नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि तीन आदीवासी ग्रामीण पोज्जाल सोड़ी, सिताल और जोगैया को गिरफ्तार कर नक्सली समर्थक और जन मिलिशिया सदस्य घोषित किया गया है. नक्सलियों ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि 27 मई को भद्राद्री कोत्तागुड़म जिले के एसपी सुनील दत्त ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर प्रेस को जानकारी दी है. बता दें कि तेलंगाना पुलिस ने दावा किया था कि नक्सली कमांडर गंगाल की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है. अब इसे नक्सलियों ने गलत बताया है.
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नक्सलियों का दावा संगठन में नहीं फैला कोरोना
पुलिस कह रही है कि कई नक्सली कैडर और बड़े लीडर कोरोना की चपेट में हैं, जबकि नक्सली प्रेस नोट में इससे साफ इनकार कर रहे हैं. नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस झूठ का सहारा ले रही है. नक्सलियों ने दावा किया है कि संगठन का कोई नेता और कार्यकर्ता कोरोना की चपेट में नहीं है. नक्सलियों ने गंगाल को मलेरिया और फिर टाइफाइड होने की बात लिखी है.
डरे हुए हैं नक्सली: एसपी सुनील दत्त
तेलंगाना के भद्राद्री कोत्तागुड़म एसपी सुनील दत्त ने नक्सलियों के दावों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों की बैठकों के कारण ग्रामीणों के बीच कोरोना संक्रमण फैला है. एसपी ने कहा कि ग्रामीणों में कोरोना फैलाने का आरोप लगने के डर से नक्सली घबराए हुए हैं. नक्सली कोरोना पीड़ित ग्रामीणों को बेहतर इलाज लेने भी नहीं दे रहे हैं.