सरगुजा: संभाग के लिए संजीवनी के रूप में स्थापित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. कोविड अस्पताल के आईसीयू में ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर शुरू से बरती जा रही लापरवाही ने आज एक महिला की जान ले ली. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आईसीयू में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद एक कोरोना संक्रमित महिला की मौत हो गई.
महिला की हालत गुरुवार की सुबह से ही काफी नाजुक थी, लेकिन इस तरह की लापरवाही की बात सामने आ रही है और लापरवाही का वीडियो भी कोविड वार्ड से वायरल हुआ है. इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है की महिला की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऐसी स्थिति के लिए आईसीयू में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद थे और महिला की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है.
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बुधवार को गंभीर अवस्था में महिला को कराया गया था भर्ती
बताया जा रहा है कि 55 वर्षीया महिला को बुधवार को गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था. महिला की हालत गंभीर थी और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और उनका इलाज भी आईसीयू में चल रहा था. कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के अनुसार गुरुवार की शाम लगभग 5.45 बजे अचानक सेन्ट्रल ऑक्सीजन सिस्टम के जम्बो सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म होने लगा और मशीन लो प्रेशर दिखाने लगा. जिसके बाद ऑक्सीजन की कमी के कारण आईसीयू में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गई और उनकी घबराहट बढ़ गई और 55 वर्षीया की शाम 6 बजे मौत हो गई. महिला की मौत के बाद कोरोना वार्ड में हड़कंप मच गया.
एक घंटे बाद बदला गया सिलेंडर
कोविड वार्ड के आईसीयू में ऑक्सीजन सप्लाई शाम 5.45 बजे खत्म हो गया. मरीजों के मुताबिक सप्लाई शाम 6.40 बजे दोबारा सप्लाई शुरु हो सकी. इस दौरान बाकी मरीज भी तड़पते रहे. अधिकारी खुद कह रहे है कि सेन्ट्रल सप्लाई लाइन के जम्बो सिलेंडर को बदलने में 30 से 40 मिनट का समय लगता है, लेकिन आज ऑक्सीजन सप्लाई शुरू होने में एक घंटे का समय लग गया.
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मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन कितना अहम है, इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है. मरीजों के लिए अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में जम्बो सिलेंडर भी मौजूद है और सेंट्रल सप्लाई लाइन के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई भी की जाती है. इन ऑक्सीजन सिलेंडर से नियमित रूप से ऑक्सीजन सप्लाई हो रहा है या नहीं या फिर सही प्रेशर से ऑक्सजीन सप्लाई हो रहा है या नहीं यह देखना अंदर मौजूद कर्मचारियों का काम है. ऑक्सीजन प्रेशर कम होने पर जल्द से जल्द सभी को बैकअप व्यवस्था देकर ऑक्सीजन सिलेंडर बदले जाने चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है. ऐसे में कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मरीज अपनी जान गवां रहे है.
स्वास्थ्य मंत्री हुए सख्त, होगी कार्रवाई
इस मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फोन पर ही अधिकारियों की क्लास लगा दी और मेडिकल कालेज के डीन को तत्काल जांच के आदेश दिए. उन्होंने कहा की अस्पताल में सेन्ट्रल सप्लाई लाइन में जम्बो सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है और अंदर बैकअप में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मौजूद रहते हैं. इसके बाद भी इस तरह की स्थिति निर्मित कैसे हुई इसकी जांच कराई जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि उन्होंने कई मरीजों से बात की है और उन्होंने भी बताया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटरअंदर मौजूद है. लेकिन उन्हें भी शिफ्ट नहीं किया गया. फिलहाल मामले में जांच के आदेश दे दिए गए है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर मरीज आईसीयू में बिना ऑक्सीजन के थे तो यह बहुत ही संवेदनशील स्थिति है और इसको हल्के में नहीं लिया जाएगा. ऐसी स्थिति नहीं निर्मित होनी चाहिए थी और भविष्य में भी ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए यह सुनिश्चित किया जाएगा.