सरगुजा: छत्तीसगढ़ का सरगुजा जिला नए प्रयोगों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अद्भुत कारनामों के लिए जाने जाते हैं. जिले के ग्राम सखौली में सार्वजनिक शौचालय में पोस्ट ऑफिस संचालित कर दिया गया. जैसे ही इस कारनामे के किस्से सोशल मीडिया पर वायरल हुए और जिला प्रशासन को इसकी भनक लगी. आनन फानन में दोबारा शौचालय के डाक घर में रंगरोगन कर उसे शौचालय का रूप दे दिया (Post office became toilet in Surguja) गया.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बना शौचालय: यह मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के ग्राम सखौली का है. यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 के तहत अब गांव में भी सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं. इसी क्रम में इस गांव के मुख्य चौराहे के पास में एक सार्वजनिक शौचालय बनाया गया था, लेकिन उस शौचालय में डाक घर संचालित किया जाने लगा.
डाकघर अचानक हुआ गायब: ग्रामीण विनोद बरवा बताते हैं, "दो दिन पहले शौचालय में कुछ बना हुआ नहीं था. पानी का साधन भी नहीं था. जैसे ही सूचना मिली कि इसकी शिकायत कलेक्टर से कर रहे हैं तो पता नहीं डाक घर कहां गया. पब्लिक परेशानी में है. अभी तक शौचालय जैसा भी नहीं लग रहा था. मगर अब शौचालय जैसा लग रहा है. डाकघर दो महीने से यहीं पर था. फिर पता चला अधिकारी लोग कहे हैं कि शौचालय में डाकघर काहे संचालित है. फिर डाकघर यहां से कहां गया पता नहीं."
शौचालय और डाकघर दोनों जरूरी: एक अन्य ग्रामीण प्रकाश केसरी बताते हैं, "यहां पर पहले सार्वजनिक शौचालय बना था फिर यहां डाकघर बन गया. अब इसी में शौचालय अपनी जगह में है."
अब किराये के अधूरे मकान में लग रहा डाकघर: शौचालय से तो डाक घर हटा दिया गया लेकिन डाकघर कहां गया? खोजते हुए ईटीवी भारत की टीम गांव के अन्य इलाके में पहुंची तो पता चला कि एक किराये के मकान में टेबल कुर्सी लगाकर पोस्ट मास्टर बैठे हुए हैं. अब वहीं से डाकघर का संचालन किया जा रहा है. इस एक कमरे के मकान में खिड़की भी नहीं लगी है. हालांकि पोस्टमास्टर कहते हैं कि कोई दिक्कत नहीं है, यहां काम चल जायेगा.
किराये के भवन में चल जाएगा काम: शौचालय में पोस्ट ऑफिस लगाने के और जगह बदलने के सवाल पर पोस्ट मास्टर ओम कुमार बताते हैं, "वहां से ट्रांसफर करके यहां लगाया जा रहा है. काम चल रहा है. इस भवन से काम चल जायेगा. भवन बड़ा है. बैठने उठने के लिए जगह है. डाक विभाग के अधिकारियों को खुद के भवन के लिए प्रस्ताव नहीं भेजे हैं. ग्राम पंचायत ने भवन बनाकर देने का आश्वासन दिया है."
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कब तक मिलेगा डाकघर को भवन: इस तरह का कारनामा ग्राम पंचायत ने किया था. गांव के शौचालय को पोस्ट ऑफिस संचालन के लिए दे दिया. जब मामला बिगड़ते देखा तो आनन फानन में शौचालय का रंगरोगन करा कर उसे दोबारा डाकघर से शौचालय बना दिया. ग्रामीण शौचालय भी चाहते हैं और डाक घर भी. अब देखना होगा कि कब तक ग्राम पंचायत डाक विभाग को भवन बनाकर दे पाती है.