सरगुजा: कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में दुखों की मार झेल रहे मजदूरों की दशा पूरा देश देख रहा है. देश के अलग-अलग कोनों से मजदूरों की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं. मजदूरों के संघर्ष की ज्यादातर तस्वीरें बेहद मार्मिक हैं. इसी बीच दूसरे राज्यों से छ्त्तीसगढ़ पहुंचने वाले मजदूरों ने राहत की सांस ली है.
जो मजदूर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल या साइकिल से करने को मजबूर थे, उन्हें ट्रकों में बिठाकर उनके गृहग्राम रवाना किया जा रहा है. अम्बिकापुर के बनारस चौक पर बीते कुछ दिनों से ट्रैफिक पुलिस मानवता का परिचय देते हुए मजदूरों की मदद कर रही है.
ट्रैफिक पुलिस यहां मजदूरों को पहले सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाती है और फिर समाजसेवी संगठनों के माध्यम से इन्हें भोजन कराती है. इसके बाद रास्ते के लिए खाने के पैकेट और पानी की बॉटल देकर ट्रकों के माध्यम से उनके घर भेजने का इंतजाम किया जाता है.
शहर के इस चौक से उत्तर प्रदेश जाने के लिए मुख्य सड़क गुजरती है, लिहाजा यहां से जाने वाले सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के हैं. वहीं कोयले के ट्रक भी लगातार सरगुजा या कोरबा से कोयला लेकर इस रास्ते से उत्तर प्रदेश के लिए निकलते हैं.
पढ़ें- SPECIAL: घर लौटे कुशल मेहनतकश, ठप हुआ ड्रीम प्रोजेक्ट्स का काम
मजदूरों की मदद के लिए जुटी पुलिस
पैदल या साइकिल से शहर में पहुंचे मजदूरों की मदद के लिए सरगुजा सतर्क है. ETV भारत की टीम जब मौके पर पहुंची, तो हमने देखा कि वहां बैठे करीब 50 मजदूरों को ट्रक में बिठाकर उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा था. उसी वक्त अचानक एक बस वहां से गुजरी.
मजदूरों को खाना और पानी दिया गया
लॉकडाउन में बस गुजरना आश्चर्य का विषय था और बस का आरटीओ परमिट भी आंध्र प्रदेश का था, लिहाजा अम्बिकापुर के ट्रैफिक पुलिस ने बस को रुकवा लिया. ड्राइवर से उसके आने-जाने की जानकारी पूछी और फिर पानी और खाने के पैकेट उस बस में रखवा दिए. वहीं सरगुजा में मजदूरों के लिए पुलिस और सामाजिक संगठन लगातार मदद के लिए जुटे हुए हैं.