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बारदाने के संकट के बीच सरगुजा में शुरू हुआ धान तिहार

सरगुजा धान खरीदी 2021 ( Surguja Paddy Purchase 2021) शरू होते ही किसानों में उत्साह देखा जा रहा है. धान खरीदी केंद्रों (Paddy Procurement Centers) में किसान पहुंचे हैं और उनका स्वागत किया गया. सरगुजा में इस बार दस हजार किसान बढ़ गए है.

surguja paddy tihar
सरगुजा में शुरू हुआ धान तिहार
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Published : Dec 1, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: सरगुजा धान खरीदी 2021 ( Surguja Paddy Purchase 2021) शरू होते ही किसानों में उत्साह देखा जा रहा है. धान खरीदी केंद्रों (Paddy Procurement Centers) में किसान पहुंचे हैं और पहले दिन समितियों में आये किसानों का सम्मान समिति के द्वारा किया गया. इस दौरान हमने किसानों और जन प्रतिनिधियों से बात की है, जिसमें बारदाने की कमी होने की आशंका जताई जा रही है.

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Paddy Purchase 2021: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 2021 की शुरुआत, 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य

1 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी के लिए बारदानों की व्यवस्था करना प्रशासन के किए एक बड़ी चुनौती है. पिछले साल की तरह इस बार भी प्रशासन के पास निर्धारित लक्ष्य की तुलना में बारदाने उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. अब तक समितियों में सिर्फ 25 से 30 दिनों की धान खरीदी के लिए ही बारदाना मिल सका है. हालांकि प्रशासन का दावा है कि उनके पास फिलहाल पर्याप्त मात्रा में बारदाने उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त किसानों, सोसायटी और मंडियों के बारदाने में भी खरीदी किए जाने की योजना है, लेकिन किसानों की संख्या के साथ ही रकबा में बेतहाशा वृद्धि के बाद बारदाना उपलब्ध कराना कठिन कार्य साबित हो सकता है.

सरगुजा के आंकड़ों पर नजर डालें तो सरगुजा में इस साल लगभग 50 लाख बारदानों की जरुरत है, लेकिन फिलहाल प्रशासन के पास 27 लाख बारदाने ही उपलब्ध है. ऐसे में इतने कम बारदानों में खरीदी करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. हालांकि प्रशासन का दावा है कि पिछले वर्ष भी सरगुजा में बारदानों की कमी नहीं हुई थी और इस बार भी बारदानों की कमी नहीं होने दी जाएगी.

पांच प्रकार के बारदानों से खरीदी

बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण इस बार पांच प्रकार के बारदानों से खरीदी की जाएगी. इसमें मार्कफेड के जूट के बोरे के साथ ही पीडीएस दुकानों, मिलर्स, किसानों और एचडीपी के जूट के बोरों से खरीदी की जाएगी. प्रशासन का कहना है कि पीडीएस दुकानों से बोरे संग्रहण का कार्य चल रहा है. इसके साथ किसानों के 20 से 30 प्रतिशत बारदानों में धान की खरीदी की जानी है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रशासन उपलब्ध बारदानों के अतिरिक्त इन बारदानों से डेढ़ माह तक आसानी से धान की खरीदी कर लेगा लेकिन अब देखना यह है कि धान खरीदी के समय कितने किसानों को बारदाने समय पर उपलब्ध कराए जाते हैं.

मिलर्स से मिले 50 % बारदाने

धान खरीदी के लिए प्रशासन द्वारा जिलभर के मिलर्स से भी बारदाने मांगे गए हैं. इन बारदानों में भी धान की खरीदी की जाएगी, लेकिन अब तक प्रशासन को 57 प्रतिशत ही बारदानें मिल सकें हैं. हालांकि कलेक्टर द्वारा पिछले दिनों मिलर्स की बैठक लेकर उन्हें सख्त निर्देश दिया गया था कि वे अपने बारदानों का सत्यापन कराए. सत्यापन के दौरान टीम उपयोग में आने वाले बारदानों का फिजिकल वेरिफिकेशन कर उनकी एंट्री कर लेगी. जिसके बाद उनका उपयोग खरीदी में किया जाएगा, लेकिन फिलहाल मिलर्स की ओर से सम्पूर्ण सत्यापन नहीं कराया गया है.

सरगुजा में बढ़ गए दस हजार किसान

सरगुजा में पिछले वर्ष की तुलना इस बार किसानों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. पिछले साल की तुलना इस बार 10511 किसान बढ़ गए हैं. विगत वर्ष 38417 किसानों ने पंजीयन कराया था लेकिन 35795 किसान ही धान बेच पाए थे. इस बार भी 48,928 किसानों ने पंजीयन कराया है. ऐसे में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 25 हजार 333 टन अधिक धान उपार्जन का अनुमान है. पिछले वर्ष 181108 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. जबकि इस बार 2 लाख 6645 मीट्रिक टन उपार्जन का अनुमानित लक्ष्य है.

सरगुजा: सरगुजा धान खरीदी 2021 ( Surguja Paddy Purchase 2021) शरू होते ही किसानों में उत्साह देखा जा रहा है. धान खरीदी केंद्रों (Paddy Procurement Centers) में किसान पहुंचे हैं और पहले दिन समितियों में आये किसानों का सम्मान समिति के द्वारा किया गया. इस दौरान हमने किसानों और जन प्रतिनिधियों से बात की है, जिसमें बारदाने की कमी होने की आशंका जताई जा रही है.

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Paddy Purchase 2021: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 2021 की शुरुआत, 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य

1 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी के लिए बारदानों की व्यवस्था करना प्रशासन के किए एक बड़ी चुनौती है. पिछले साल की तरह इस बार भी प्रशासन के पास निर्धारित लक्ष्य की तुलना में बारदाने उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. अब तक समितियों में सिर्फ 25 से 30 दिनों की धान खरीदी के लिए ही बारदाना मिल सका है. हालांकि प्रशासन का दावा है कि उनके पास फिलहाल पर्याप्त मात्रा में बारदाने उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त किसानों, सोसायटी और मंडियों के बारदाने में भी खरीदी किए जाने की योजना है, लेकिन किसानों की संख्या के साथ ही रकबा में बेतहाशा वृद्धि के बाद बारदाना उपलब्ध कराना कठिन कार्य साबित हो सकता है.

सरगुजा के आंकड़ों पर नजर डालें तो सरगुजा में इस साल लगभग 50 लाख बारदानों की जरुरत है, लेकिन फिलहाल प्रशासन के पास 27 लाख बारदाने ही उपलब्ध है. ऐसे में इतने कम बारदानों में खरीदी करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. हालांकि प्रशासन का दावा है कि पिछले वर्ष भी सरगुजा में बारदानों की कमी नहीं हुई थी और इस बार भी बारदानों की कमी नहीं होने दी जाएगी.

पांच प्रकार के बारदानों से खरीदी

बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण इस बार पांच प्रकार के बारदानों से खरीदी की जाएगी. इसमें मार्कफेड के जूट के बोरे के साथ ही पीडीएस दुकानों, मिलर्स, किसानों और एचडीपी के जूट के बोरों से खरीदी की जाएगी. प्रशासन का कहना है कि पीडीएस दुकानों से बोरे संग्रहण का कार्य चल रहा है. इसके साथ किसानों के 20 से 30 प्रतिशत बारदानों में धान की खरीदी की जानी है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रशासन उपलब्ध बारदानों के अतिरिक्त इन बारदानों से डेढ़ माह तक आसानी से धान की खरीदी कर लेगा लेकिन अब देखना यह है कि धान खरीदी के समय कितने किसानों को बारदाने समय पर उपलब्ध कराए जाते हैं.

मिलर्स से मिले 50 % बारदाने

धान खरीदी के लिए प्रशासन द्वारा जिलभर के मिलर्स से भी बारदाने मांगे गए हैं. इन बारदानों में भी धान की खरीदी की जाएगी, लेकिन अब तक प्रशासन को 57 प्रतिशत ही बारदानें मिल सकें हैं. हालांकि कलेक्टर द्वारा पिछले दिनों मिलर्स की बैठक लेकर उन्हें सख्त निर्देश दिया गया था कि वे अपने बारदानों का सत्यापन कराए. सत्यापन के दौरान टीम उपयोग में आने वाले बारदानों का फिजिकल वेरिफिकेशन कर उनकी एंट्री कर लेगी. जिसके बाद उनका उपयोग खरीदी में किया जाएगा, लेकिन फिलहाल मिलर्स की ओर से सम्पूर्ण सत्यापन नहीं कराया गया है.

सरगुजा में बढ़ गए दस हजार किसान

सरगुजा में पिछले वर्ष की तुलना इस बार किसानों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. पिछले साल की तुलना इस बार 10511 किसान बढ़ गए हैं. विगत वर्ष 38417 किसानों ने पंजीयन कराया था लेकिन 35795 किसान ही धान बेच पाए थे. इस बार भी 48,928 किसानों ने पंजीयन कराया है. ऐसे में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 25 हजार 333 टन अधिक धान उपार्जन का अनुमान है. पिछले वर्ष 181108 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. जबकि इस बार 2 लाख 6645 मीट्रिक टन उपार्जन का अनुमानित लक्ष्य है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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