सरगुजा: देश के सारे कैफे भूल जाइए और इस कैफे का नाम रट लीजिए. यहां आपको ऑर्डर पर बिल नहीं बल्कि कचरा जमा करना होगा. नाश्ता का रेट है आधा किलो पॉलीथिन और खाने का एक किलो. सफाई को शहर ने सेवा से जोड़ दिया है. थोड़ी मेहनत स्वच्छता को दान कीजिए और यहां पर आकर खाना खाइए. आपकी हैरानी और बढ़े इससे पहले हम आपको अंबिकापुर के गार्बेज कैफे के बारे में बता ही देते हैं.
- ये है अंबिकापुर का नगर निगम. इस नगर निगम को यूं ही बेस्ट प्रैक्टिसनर का अवार्ड नहीं मिला है. इसके थिंक टैंक की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. नगर निगम ने एक ऐसा आइडिया जनरेट किया है जिससे न केवल शहर में पॉलीथिन के साथ-साथ कचरा साफ होगा बल्कि आमदनी भी होगी. वैसे इस पहल से गरीबों को खाना भी मिल जाएगा. ऐसा देश में पहली बार हो रहा है और जरूरतमंद भी खुश हैं.
- 2015 से स्वच्छ भारत मिशन के लिए शुरू की गई सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए कचरे को अलग-अलग तरीके से बेच कर मुनाफा कमाना और महिलाओं को स्व रोजगार से जोड़ने के काम में तो नगर निगम अंबिकापुर ने पूरे देश को अपना लोहा मनवाया है, लेकिन एक बार फिर इनके दिमाग से निकले इस आइडिया ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
- इस कैफे को शहर के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के सेंटर में ही संचालित किया जाएगा. नगर निगम ने इस प्रस्ताव को पास कर लिया है और जल्द ही इसे शुरू भी कर दिया जाएगा.
- इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले पॉलीथिन इकट्ठा करने वाले शख्स को पॉलीथिन को नगर निगम के सेग्रिगेशन सेंटर में पहुंचाना होगा.
- वहां पॉलीथिन का वजन करने के बाद एक कूपन जारी किया जाएगा. यह कूपन एक किलो या आधा किलो के मापदंड के आधार पर अलग-अलग दिया जाएगा.
- कूपन को लेकर हितग्राही को अंबिकापुर के नए बस स्टैंड के आश्रय गृह में डेवलप किये जा रहे गार्बेज कैफे में ले जाना होगा और वहां पर इन्हें कूपन के अनुसार भोजन या नाश्ता मुफ्त में दिया जाएगा.
- खाने की जिम्मेदारी उन महिलाओं को दी गई है, जो पहले से ही बस स्टैंड के आश्रय गृह में कैंटीन चला रही हैं और ताजा गरम भोजन बेच कर आजीविका चला रही हैं.
- कूपन के बदले फ्री में खाना देने पर प्रत्येक कूपन की दर से निगार निगम खाने के पैसे का भुगतान समूह की महिलाओं को करेगा, इसके लिए नगर निगम ने 6 लाख की राशि स्वीकृत की है. आगे जरूरत के मुताबिक राशि को बढ़ाया जाएगा.
- शुरुआती दौर में इंतजाम के लिए यह पैसे लगने हैं क्योंकि जो पॉलीथिन नगर निगम के सेग्रिगेशन सेंटर तक पहुंचेगा उसे भी नगर निगम बाजार में बेच कर कमाई करेगा. लिहाजा मुफ्त में दिए जाने वाले खाने का खर्चा उसी पॉलीथिन से कवर कर लिया जाएगा, लेकिन पैसों की वजह से योजना के संचालन में कोई दिक्कत न आए इस वजह से 6 लाख की स्वीकृति दी गई है.
- अंबिकापुर नगर निगम का ये प्लान कई योजनाओं से बेहतर लगता है. सफाई, सेवा और स्वाभिमान तीनों का कॉम्बिनेशन. कचरा अपनी जगह पहुंचेगा तो सफाई होगी. कचरा लाने वाले के पास अगर पेट भरने के पैसे नहीं को उसका पेट भरेगा और कोई भूखा नहीं सोएगा. औ र यहां काम करने वाली महिलाओं का स्वाभिमान भी बना रहेगा. देश के लिए मिसाल बनने वाले अंबिकापुर नगर निगम को ETV भारत की तरफ से भी ढेर सारी सफाई वाली बधाई.