ETV Bharat / spiritual

Kharmas 2024: इस दिन से शुरू हो रहा खरमास, करें जगत के पालनहार की आराधना, कष्ट होंगे दूर - KHARMAS 2024

खरमास को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है. इस दौरान सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित होते हैं.

Kharmas 2024
खरमास (ETV Bharat Graphics)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2024, 6:10 AM IST

हैदराबादः सूर्य जब बृहस्पति राशि से निकलकर धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इस पूरे काल खंड (समय) को हिंदू पंचांग में खरमास के नाम से जाना जाता है. साल में खरमास 2 बार पड़ता है. जानकारी के मुताबिक हिंदू धर्म में खरमास को अशुभ माना जाता है क्योंकि इस एक महीने के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है. अर्थात शादी-विवाह, नये रिश्ते के लिए बात चलाना, तिलक, मुंडन, नये परियोजना या घर निर्माण के लिए भूमि पूजन, गृह-प्रवेश करने से बचना चाहिए.

एक माह तक रहेगा खरमास
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इस बार सूर्यदेव 15 दिसंबर 2024 को रात 10 बजकर 19 मिनट पर घनु राशि में गोचर करेंगे. इसी के साथ ही खरमास प्रारंभ होगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्य खरमास का समापन होगा. कुल मिलाकर एक महीने यानी 14 जनवरी 2025 तक खरमास रहेगा. इस दौरान सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. दूसरी ओर खरमास के दौरान पूजा-पाठ अत्यधिक फलदायी माना जाता है. खासकर भगवान विष्णु की उपासना, सूर्यदेव का पूजन, तुलसी पूजन बेहतर माना जाता है.

खरमास से पहले निपटाएं शुभ काम
15 दिसंबर से खरमास लगेगा. लेकिन इससे पहले शादी-विवाह व अन्य शुभ कार्य के लिए कई शुभ दिन मौजूद हैं. विभिन्न पंचांग के अनुसार 5 दिसंबर, 9 दिसंबर, 10 दिसंबर, 11 दिसंबर और 14 दिसंबर को विवाह के लिए मुहूर्त है. जानकार पंडित से सलाह कर वर-वधु के राशि व पंचांग में लग्न के आधार पर शादी विवाह का आयोजन किया जा सकता है. इस अलावा जनेऊ संस्कार, बच्चे का अन्नप्राशन, नामकरण संस्कार, कान छिदवाना (कान छेदन), वाहन खरीद, गृह प्रवेश के लिए भी इस दौरान कई शुभ मौजूद है.

इस एक महीने के दौरान जातक जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की आराधना करें. इससे तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलेगी और सारे कष्ट दूर होंगे.

ये भी पढ़ें

Makar Sankranti : 14 या 15 जनवरी, जानें कब है मकर संक्रांति 2025

महाकुंभ 2025 : कितने सालों पर होता है आयोजन, क्या है निर्धारित होने की प्रक्रिया, जानें सबकुछ

हैदराबादः सूर्य जब बृहस्पति राशि से निकलकर धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इस पूरे काल खंड (समय) को हिंदू पंचांग में खरमास के नाम से जाना जाता है. साल में खरमास 2 बार पड़ता है. जानकारी के मुताबिक हिंदू धर्म में खरमास को अशुभ माना जाता है क्योंकि इस एक महीने के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है. अर्थात शादी-विवाह, नये रिश्ते के लिए बात चलाना, तिलक, मुंडन, नये परियोजना या घर निर्माण के लिए भूमि पूजन, गृह-प्रवेश करने से बचना चाहिए.

एक माह तक रहेगा खरमास
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इस बार सूर्यदेव 15 दिसंबर 2024 को रात 10 बजकर 19 मिनट पर घनु राशि में गोचर करेंगे. इसी के साथ ही खरमास प्रारंभ होगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्य खरमास का समापन होगा. कुल मिलाकर एक महीने यानी 14 जनवरी 2025 तक खरमास रहेगा. इस दौरान सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. दूसरी ओर खरमास के दौरान पूजा-पाठ अत्यधिक फलदायी माना जाता है. खासकर भगवान विष्णु की उपासना, सूर्यदेव का पूजन, तुलसी पूजन बेहतर माना जाता है.

खरमास से पहले निपटाएं शुभ काम
15 दिसंबर से खरमास लगेगा. लेकिन इससे पहले शादी-विवाह व अन्य शुभ कार्य के लिए कई शुभ दिन मौजूद हैं. विभिन्न पंचांग के अनुसार 5 दिसंबर, 9 दिसंबर, 10 दिसंबर, 11 दिसंबर और 14 दिसंबर को विवाह के लिए मुहूर्त है. जानकार पंडित से सलाह कर वर-वधु के राशि व पंचांग में लग्न के आधार पर शादी विवाह का आयोजन किया जा सकता है. इस अलावा जनेऊ संस्कार, बच्चे का अन्नप्राशन, नामकरण संस्कार, कान छिदवाना (कान छेदन), वाहन खरीद, गृह प्रवेश के लिए भी इस दौरान कई शुभ मौजूद है.

इस एक महीने के दौरान जातक जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की आराधना करें. इससे तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलेगी और सारे कष्ट दूर होंगे.

ये भी पढ़ें

Makar Sankranti : 14 या 15 जनवरी, जानें कब है मकर संक्रांति 2025

महाकुंभ 2025 : कितने सालों पर होता है आयोजन, क्या है निर्धारित होने की प्रक्रिया, जानें सबकुछ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.