सरगुजा: स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले और उनके निवास से कुछ ही दूरी पर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. बार-बार समझाइश और सख्त निर्देशों में बाद भी अस्पताल की अव्यवस्थाओं का खामियाजा गंभीर बिमारियों से ग्रसित मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. लाइट गोल होने के कारण मेडिकल कॉलेज की बिजली आपूर्ति बंद रही और वैकल्पिक व्यवस्था के लिए रखा जेनरेटर ने भी जवाब दे दिया. जिसकी वजह से कई मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पाया.
अव्यवस्था के कारण एक बड़ी दुर्घटना होते-होते रह गई. शुक्रवार को एक मरीज को ऑपरेशन के लिए ओटी टेबल पर लिटाया जा चुका था और उसे एनेस्थेसिया का डोज देने की तैयारी भी की जा रही थी, उसी समय लाइट गोल हो गई. यदि एनेस्थेसिया देने के बाद कहीं लाइट जाती तो डाक्टरों की फजीहत हो जाती और मरीज भी मुसीबत में पड़ सकते थे. बहरहाल, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 6 घंटे तक बिजली आपूर्ति बंद रहने के कारण मरीजों के ऑपरेशन को ही टाल दिया गया.
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दरअसल, गांधी चौक के पास पेड़ गिरने से शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली आपूर्ति बंद थी और इसका असर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर भी पड़ा. खराबी के कारण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी सुबह 8 बजे से लाइट गोल हो गई थी. बताया जा रहा है कि जिस समय लाइट गोल हुई उस समय मरीजों के ऑपरेशन किए जाने थे. मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओटी में एक आंत की बीमारी से ग्रसित बुजुर्ग को ऑपरेशन के लिए ओटी टेबल पर लिटाया जा चुका था और डॉक्टर उसे एनेस्थेसिया का डोज देने वाले थे लेकिन लाइट गोल हो गई. लाइट गोल होने के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुबह 8 बजे से लेकर 1 बजे तक कई मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो पाए.
जेनरेटर ने भी दिया जवाब
हैरान करने वाली बात है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अस्पताल प्रबंधन ने जनरेटर की व्यवस्था भी की है. लेकिन जब बिजली आपूर्ति बाधित हुई तो जेनरेटर ने भी जवाब दे दिया. घंटों मरम्मत के बाद भी जेनरेटर शुरू नहीं हुआ. अस्पताल अधीक्षक डॉ. लखन सिंह का कहना है कि सुबह से अस्पताल में लाइट गोल थी और जेनरेटर ट्रिप कर गया था. चार ऑपरेशन होने थे, लाइट गोल होने की जानकारी मिलने के बाद सुधार कार्य कराया गया लेकिन दूसरा ऑपरेशन थिएटर होने के बाद भी डॉक्टरों ने ऑपरेशन क्यों नहीं किया इसकी जांच कराई जाएगी.