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केंद्रीय जेल अंबिकापुर में क्यों हो रही कैदियों की मौत, जानिए वजह !

केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में बंद कैदियों की संख्या जेल क्षमता से अधिक है. यहां महज एक महिला डॉक्टर पर 2400 कैदियों के स्वास्थ्य का भार है. यही कारण है कि यहां अक्सर कैदियों की मौत इलाज के अभाव से हो रही (Cause of Death of Prisoners in Surguja Jail) है.

Prisoners die in Central Jail Ambikapur
केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में कैदियों की मौत
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Published : Jun 5, 2022, 4:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में कैदियों की मौत का सिलसिला जारी है. यहां के कैदियों की मौत का मुख्य कारण यहां की व्यवस्था है. दरअसल, इस जेल में कैदियों की क्षमता हजार के आस-पास है. लेकिन इस जेल में तकरीबन 2400 कैदी रह रहे हैं. इन सभी कैदियों की चिकित्सा के लिए महज एक ही डॉक्टर है. यही कारण है कि यहां कैदियों को सही उपचार न मिलने के कारण मौत को गले लगाना पड़ (Cause of Death of Prisoners in Surguja Jail)रहा है.

दरअसल, केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में संभाग के पांच जेलों से कैदी लाये जाते हैं. इस जेल में 1020 लोगों को रखने की क्षमता है. जबकि यहां वर्तमान में लगभग दोगुने से भी अधिक यानी की 2400 कैदी हैं. बड़ी बात यह है कि इस जेल में मात्र एक महिला डॉक्टर है. ऐसे में एक डॉक्टर से 2400 लोगों का इलाज करा पाना संभव नही है. परिणाम स्वरुप कैदियों की मौत हो रही है. बीते 15 दिनों में यहां 4 कैदियों की मौत हुई है.

केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में क्यों हो रही कैदियों की मौत ?

क्षमता से अधिक कैदी: जेल में क्षमता से अधिक कैदी का होना आम बात है. तेजी से बढ़ते अपराध के कारण जेलों में कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जबकि उतनी तेजी से बैरक का निर्माण कर पाना सम्भव नहीं है. लिहाजा जेलों में कैदी क्षमता से अधिक रहते हैं. अम्बिकापुर केंद्रीय जेल की बात करें तो यहां 1020 की क्षमता वाली जेल में 2400 बंदी रखे गये हैं.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ का जेल कैदियों की छीन रहा है सांसें !

लगातार हो रही मौतें: केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में मौत का सिलसिला जारी है. आये दिन यहां कैदियों की मौत की सूचना आती रहती है. बीते 15 दिनों की बात करें तो 4 बंदियों की मौत हो गई है. अब मौत के कारणों को पता लगाने मजिस्ट्रेटियल जांच हो रही है. हालांकि जेल में होने वाली हर मौत की जांच ऐसे ही होती है. लेकिन फौरी तौर पर जो दिख रहा है, उसमें अव्यवस्था ही मौत का कारण प्रतीत हो रही है.

महज एक महिला डॉक्टर पर पूरा भार:अम्बिकापुर केंद्रीय जेल की क्षमता 1020 बंदियो को रखने की है. जेल में वर्तमान में लगभग 2400 बंदी हैं. ओवरलोड का आलम संख्या से ही देखा जा सकता है. सबसे बड़ी और अजीब बात यह है कि इन 2400 लोगों के इलाज के लिए सिर्फ एक महिला डॉक्टर पदस्थ हैं. ऐसे में एक अकेली महिला डॉक्टर कैसे इतने कैदियों के स्वास्थ्य जांच का भार उठा सकती है.

जेल अधीक्षक का बयान: समय-समय पर स्वास्थ्य कैम्प लगाया जाता है. जेल में नए बैरक की स्वीकृति हुई है. जल्द की जेल की कैपेसिटी 1600 बंदियों की हो जाएगी. एक ही महिला डॉक्टर पदस्थ है. गर्मी के मौसम में बीमारी बढ़ती है. संभाग की पांच जेल से बंदी यहां लाकर रखे जाते हैं. डॉक्टर की पदस्थापना के लिए पत्र लिखा गया है.

स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: बिना डॉक्टर के 2400 लोगों का इलाज आखिर कैसे संभव है. एक ही महिला डॉक्टर किस-किस को देखेगी. पुरुषों की बहुत सी बीमारियां ऐसी होती है, जिनकी जांच एक महिला डॉक्टर के लिये सम्भव नहीं हो पाता. लिहाजा शासन को जेल में बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था की ओर ध्यान देना चाहिए.

सरगुजा: केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में कैदियों की मौत का सिलसिला जारी है. यहां के कैदियों की मौत का मुख्य कारण यहां की व्यवस्था है. दरअसल, इस जेल में कैदियों की क्षमता हजार के आस-पास है. लेकिन इस जेल में तकरीबन 2400 कैदी रह रहे हैं. इन सभी कैदियों की चिकित्सा के लिए महज एक ही डॉक्टर है. यही कारण है कि यहां कैदियों को सही उपचार न मिलने के कारण मौत को गले लगाना पड़ (Cause of Death of Prisoners in Surguja Jail)रहा है.

दरअसल, केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में संभाग के पांच जेलों से कैदी लाये जाते हैं. इस जेल में 1020 लोगों को रखने की क्षमता है. जबकि यहां वर्तमान में लगभग दोगुने से भी अधिक यानी की 2400 कैदी हैं. बड़ी बात यह है कि इस जेल में मात्र एक महिला डॉक्टर है. ऐसे में एक डॉक्टर से 2400 लोगों का इलाज करा पाना संभव नही है. परिणाम स्वरुप कैदियों की मौत हो रही है. बीते 15 दिनों में यहां 4 कैदियों की मौत हुई है.

केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में क्यों हो रही कैदियों की मौत ?

क्षमता से अधिक कैदी: जेल में क्षमता से अधिक कैदी का होना आम बात है. तेजी से बढ़ते अपराध के कारण जेलों में कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जबकि उतनी तेजी से बैरक का निर्माण कर पाना सम्भव नहीं है. लिहाजा जेलों में कैदी क्षमता से अधिक रहते हैं. अम्बिकापुर केंद्रीय जेल की बात करें तो यहां 1020 की क्षमता वाली जेल में 2400 बंदी रखे गये हैं.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ का जेल कैदियों की छीन रहा है सांसें !

लगातार हो रही मौतें: केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में मौत का सिलसिला जारी है. आये दिन यहां कैदियों की मौत की सूचना आती रहती है. बीते 15 दिनों की बात करें तो 4 बंदियों की मौत हो गई है. अब मौत के कारणों को पता लगाने मजिस्ट्रेटियल जांच हो रही है. हालांकि जेल में होने वाली हर मौत की जांच ऐसे ही होती है. लेकिन फौरी तौर पर जो दिख रहा है, उसमें अव्यवस्था ही मौत का कारण प्रतीत हो रही है.

महज एक महिला डॉक्टर पर पूरा भार:अम्बिकापुर केंद्रीय जेल की क्षमता 1020 बंदियो को रखने की है. जेल में वर्तमान में लगभग 2400 बंदी हैं. ओवरलोड का आलम संख्या से ही देखा जा सकता है. सबसे बड़ी और अजीब बात यह है कि इन 2400 लोगों के इलाज के लिए सिर्फ एक महिला डॉक्टर पदस्थ हैं. ऐसे में एक अकेली महिला डॉक्टर कैसे इतने कैदियों के स्वास्थ्य जांच का भार उठा सकती है.

जेल अधीक्षक का बयान: समय-समय पर स्वास्थ्य कैम्प लगाया जाता है. जेल में नए बैरक की स्वीकृति हुई है. जल्द की जेल की कैपेसिटी 1600 बंदियों की हो जाएगी. एक ही महिला डॉक्टर पदस्थ है. गर्मी के मौसम में बीमारी बढ़ती है. संभाग की पांच जेल से बंदी यहां लाकर रखे जाते हैं. डॉक्टर की पदस्थापना के लिए पत्र लिखा गया है.

स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: बिना डॉक्टर के 2400 लोगों का इलाज आखिर कैसे संभव है. एक ही महिला डॉक्टर किस-किस को देखेगी. पुरुषों की बहुत सी बीमारियां ऐसी होती है, जिनकी जांच एक महिला डॉक्टर के लिये सम्भव नहीं हो पाता. लिहाजा शासन को जेल में बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था की ओर ध्यान देना चाहिए.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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