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पंकज की मौत से बीजेपी-कांग्रेस दोनों दुखी, बीजेपी ने कहा-गरीबों पर अत्याचार, कांग्रेस बता रही निजी क्षति

सरगुजा में पुलिस हिरासत में मौत पर छत्तीसगढ़ में जमकर सियासत हो रही है. बीजेपी इसे गरीबों के साथ अन्याय बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे निजी क्षति बता रही है. बताया जा रहा है कि मृतक पंकज छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री अमरजीत भगत के भाई का दामाद था. मामले में सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं, वहीं बीजेपी का भी मानना है कि जांच तक वे चुप रहेंगे, लेकिन बीजेपी नेताओं का यहां आना नहीं रूक रहा है.

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Published : Jul 29, 2019, 12:33 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अमरजीत भगत और रेणुका सिंह

सरगुजा: किसी की मौत पर सियासत किस हद तक हो सकती है, ये इस समय सरगुजा में देखने को मिल रहा है. यहां सभी राजनीतिक पार्टी पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना रखते हुए इस लड़ाई को मृतक के परिवार की लड़ाई बता रही है. पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में पहले युवा मोर्चा फिर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अब वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री रेणुका सिंह भी इस मामले में सरगुजा पहुंची और पंकज बेक की हत्या का आरोप सीधे पुलिस पर लगा रही हैं.

पंकज की मौत से बीजेपी-कांग्रेस दोनों दुखी

रेणुका सिंह सांसद और मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने उसी चिर परिचित अंदाज में दिखीं जिस शैली के लिए वो जानी जाती थी. उन्होंने इस बार सीधा हमला किया है और छत्तीसगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

मंत्री के भाई का दामाद था पंकज
कांग्रेस पर सरकार और पुलिस को बचाने का आरोप भले लग रहे हों, लेकिन एक बड़ा सच सामने निकलकर ये आया है कि मृतक पंकज बेक से कांग्रेस का गहरा नाता है. पंकज बेक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और उनकी कैबिनेट में मंत्री अमरजीत भगत के भाई का दामाद था. यहीं वजह है कि शनिवार को अमरजीत भगत तेज बुखार में भी मृतक पंकज के घर पहुंचे थे.

'दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई'
पंकज के परिवार से मिलने के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच चल रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर वे पंकज के परिवार से मिलने आये हैं. हालांकि इस दौरान मंत्री जी ने मृतक के परिजन को 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग पर कहा कि बात पैसे की नहीं है, पैसे से किसी की जिंदगी वापस नहीं आती है और किसी की जान की तुलना पैसे से नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कांग्रेस सरकार सजग है और इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है.

'पुलिस और सरकार जिम्मेदार'
पंकज के परिजन से मिलने के बाद अमरजीत भगत ने सरगुजा में ही विश्राम गृह में जनजातीय मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और तमाम बड़े अधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की. बैठक सरगुजा आईजी, एसपी, सूरजपुर एसपी, सरगुजा कलेक्टर सहित जिले के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे. बैठक खत्म होते ही रेणुका सिंह मीडिया के सामने आईं और पुलिस पर सीधा प्रहार करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. रेणुका सिंह ने सरकार और पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से पुलिस हिरासत में एक आदिवासी युवक की हत्या की गई. जितनी क्रूरता युवक के साथ की गई, उतनी क्रूरता नक्सली भी नहीं करते हैं.

सरगुजा: किसी की मौत पर सियासत किस हद तक हो सकती है, ये इस समय सरगुजा में देखने को मिल रहा है. यहां सभी राजनीतिक पार्टी पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना रखते हुए इस लड़ाई को मृतक के परिवार की लड़ाई बता रही है. पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में पहले युवा मोर्चा फिर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अब वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री रेणुका सिंह भी इस मामले में सरगुजा पहुंची और पंकज बेक की हत्या का आरोप सीधे पुलिस पर लगा रही हैं.

पंकज की मौत से बीजेपी-कांग्रेस दोनों दुखी

रेणुका सिंह सांसद और मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने उसी चिर परिचित अंदाज में दिखीं जिस शैली के लिए वो जानी जाती थी. उन्होंने इस बार सीधा हमला किया है और छत्तीसगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

मंत्री के भाई का दामाद था पंकज
कांग्रेस पर सरकार और पुलिस को बचाने का आरोप भले लग रहे हों, लेकिन एक बड़ा सच सामने निकलकर ये आया है कि मृतक पंकज बेक से कांग्रेस का गहरा नाता है. पंकज बेक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और उनकी कैबिनेट में मंत्री अमरजीत भगत के भाई का दामाद था. यहीं वजह है कि शनिवार को अमरजीत भगत तेज बुखार में भी मृतक पंकज के घर पहुंचे थे.

'दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई'
पंकज के परिवार से मिलने के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच चल रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर वे पंकज के परिवार से मिलने आये हैं. हालांकि इस दौरान मंत्री जी ने मृतक के परिजन को 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग पर कहा कि बात पैसे की नहीं है, पैसे से किसी की जिंदगी वापस नहीं आती है और किसी की जान की तुलना पैसे से नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कांग्रेस सरकार सजग है और इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है.

'पुलिस और सरकार जिम्मेदार'
पंकज के परिजन से मिलने के बाद अमरजीत भगत ने सरगुजा में ही विश्राम गृह में जनजातीय मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और तमाम बड़े अधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की. बैठक सरगुजा आईजी, एसपी, सूरजपुर एसपी, सरगुजा कलेक्टर सहित जिले के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे. बैठक खत्म होते ही रेणुका सिंह मीडिया के सामने आईं और पुलिस पर सीधा प्रहार करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. रेणुका सिंह ने सरकार और पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से पुलिस हिरासत में एक आदिवासी युवक की हत्या की गई. जितनी क्रूरता युवक के साथ की गई, उतनी क्रूरता नक्सली भी नहीं करते हैं.

Intro:सरगुज़ा : पुलिस अभिरक्षा में रहते हुये संदेही का फरार होना और फिर उसकी लाश फांसी पर लटकी हुई मिलना.. भाजपा का सड़क पर प्रदर्शन शव के अंतिम संस्कार को रोके रखना.. फिर थाना प्रभारी सहित 3 सब इंस्पेक्टर एक आरक्षक और एक ड्राइवर पर निलंबन की कार्रवाई और फिर इस मामले ने लिया सियासी रंग.. भाजपा ने कांग्रेस सरकार के बल्ले से स्लिप हुई इस बाल को लपक लिया और अब इस बॉल पर सियासी ताना बाना बन रही है.. मौत पर सियासत किस हद तक की जा सकती है ये इस समय सरगुज़ा मे देखने को मिल रहा है.. हालाकी भाजपा पीड़ित परिवार को प्रति संवेदना रखते हुए इस लड़ाई को मृतक के परिवार की लड़ाई बता रही है.. पहले युवा मोर्चा फिर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अब वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री रेणुका सिंह भी इस मामले में पहुंच चुकी हैं.. और पंकज बेक की हत्या किए जाने का सीधा आरोप पुलिस पर लगा रही हैं.. रेणुका सिंह सांसद और मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने उसी चिर परिचित अंदाज में दिखीं जिस शैली के लिए वो जानी जाती थी.. उन्होंने इस बार सीधा हमला किया है.. और बिना लाग लपेट के छत्तीसगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं..

हालाकी भले की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को और सरकार पर पुलिस को बचाने के आरोप लग रहे हों लेकिन एक बड़ा सच ये है की मृतक पंकज बेक से कांग्रेस सरकार का गहरा नाता है.. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और उनकी सरकार के मंत्री अमरजीत भगत के भाई का दामाद था पंकज लिहाजा मंत्री अमरजीत भगत को पंकज के परिवार से सहानुभूति होना स्वाभाविक है, आज शनिवार को अमरजीत भगत तेज बुखार और में मृतक पंकज के घर पहुंचे और वहां से आने के बाद उन्होंने मीडिया से मुलाकात की.. इस दौरान अमरजीत काफी दुखी थे.. और उन्होने कहा की दोषी कोई भी हो बक्सा नही जाएगा..

"मामले की न्यायिक जांच चल रही है दोषियों पर कार्रवाई होगी.. उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मैं यहां आया हूँ और पूरी सरकार पीड़ित परिवार के साथ है, 50 लाख मुआवजे की मांग पर अमरजीत ने कहा की पैसे की बात मैं नही करता पैसे से किसी की जिंदगी वापस नही आएगी और जान की तुलना पैसे से नही की जा सकती.. घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सरकार कतिबध्य है और इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है"

स्थानीय उच्च विश्रामगृह में देर शाम अमरजीत भगत पंकज के घर सलका से लौटे थे और वहां उन्होंने यह बात मीडिया के सामने कही.. इसके बाद देर रात इसी विश्रामगृह में जनजातीय मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह पहुंची लगभग एक घंटे से अधिक समय तक अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक चली बैठक में सरगुज़ा आईजी, एसपी, सूरजपुर एसपी, सरगुज़ा कलेक्टर सहित कई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहे, बैठक समाप्त हुई और फिर मंत्री रेणुका सिंह मीडिया से मुखातिब हुईं और रेणुका सिंह ने पुलिस पर सीधा प्रहार किया सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए

"रेणुका सिंह ने कहा की मुझे जैसे ही जानकारी मिली मैंने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से बात की आईजी से बात की आज यहां आईजी थे एसपी थे मैंने युवक के फ़ोटो उन्हें दिखाए जिस तह से एक बेगुनाह युवक को पुलिस कस्टडी में मारा गया है, नक्सली भी ऐसी पिटाई नही करते, मैंने तो साफ साफ उन लोगो से कहा की मुझको न्याय चाहिए मेरे संसदीय क्षेत्र में एक गरीब आदिवासी के साथ ऐसा हुआ है , मैंने तो साफ साफ कहा कोई किंतु परंतु नही कहानी साफ है सजा चाहिए, जांच का इंतजार तो करना ही पड़ेगा लेकिन मैंने कहा की कहानी एकदम स्पष्ट है, आप लोग गोल मोल बात करने से मामला दबने वाला नही है आप लोग पुलिस को बचाने का प्रयास भी मत करिएगा, इस मामले में मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिली और उन्हें लिखित में आवेदन दिया साथ ही सारे डॉक्युमेंट्स भी दिखाए हैं, आगे रेणुका सिंह और भी आक्रामक हुईं और न्यायिक जांच के मामले में उन्होंने पुलिस को हत्यारा करार दिया उन्होंने कहा की मैं भारत सरकार की मंत्री होने के बाद यह कह रही हूँ मैं लिख के दे रही हूँ की ये हत्या है..





Body:अलबत्ता पूरी भाजपा इस मामले में जमकर उद्दोलित है..कांग्रेस खेमे में गम का माहौल है, क्योंकी सरकार और पुलिस दोनों उनकी और इधर मृतक पंकज भी उनके मंत्री अमरजीत का अपना है, फिलहाल मौत पर सियासत जारी है.. सियासी बयानबाज़ी के इस दौर में देर रात हम क्षेत्र की सांसद और केंद्रीय मंत्री से एक सवाल का जवाब लेने गए थे की जबलपुर- अम्बिकापुर एक्सप्रेस को एक महीने के लिए बंद किया गया है, और इसी महीने त्योहारों की बौछार है, सीमित ट्रेन इस लाइन में होने की वजह से पहले ही ट्रेन में भीड़ बहोत रहती हैं वहीं इस ट्रेन के बंद हो जाने से गरीब लोगों का बड़ा नुकसान होगा, रक्षाबंधन में कई भाई बहन इस ट्रेन के बन्द होने की वजह से नही मिल पाएंगे.? लेकिन मैडम ने इस सवाल के जवाब को टालते हुए कहा की "आज तो मैं पंकज की बात करने आई हूँ, ट्रेन की चिंता हम करेंगे "

धीरे से इतना कह कर मंत्री रेणुका सिंह फिर वापस उसी मुद्दे पर आ गईं की जिसकी चर्चा वो शुरू से कर रही थी, लेकिन सरगुज़ा के गरीबों के लिए जीवन दायनी स्वरूप जबलपुर अम्बिकापुर ट्रेन के मामले में उन्होंने दिलचस्पी नही दिखाई, पर क्यों एक परिवार की इतनी चिंता करने वाली मंत्री को पूरे क्षेत्र की जनता से जुड़े मुद्दे को उन्होंने गंभीरता से नही लिया।



Conclusion:अब बात करते हैं पंकज बेक की मौत के मामले में विपक्ष में बैठी भाजपा और सत्तासीन कांग्रेस की भाजपा लगातार इस मुद्दे को गर्म रखना चाहती है, और तमाम तरह की कवायद कर रही है, लेकिन सवाल यह है की भाजपा की आखिर मांग क्या है.? क्योंकी करवाई का जो भी तरीका होता है वो सरकार के आदेश पर पुलिस अधिकारियों ने कर दिया है, संदेही पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया, मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए, और खुद केंद्रीय मंत्री कह रही हैं की जांच का इंतजार करेंगे, जब जांच हो रही है और इंतजार ही करना है तो इतनी हाय तौबा किसलिए.. न्यायिक जांच से बड़ी जांच की मांग भी भाजपा नही कर रही है, फिर किसी की मौत के मामले को सियासी रंग में बार बार क्यों डुबोया जा रहा है।

बहरहाल इसका जवाब खुद नेता और सरगुज़ा के लोग बखूबी जान सकते हैं, लेकिन जब मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं तो सभी को न्याय पालिका के सम्मान में जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिये।

बाईट01_रेणुका सिंह (जनजातीय कार्य मंत्री भारत सरकार)

बाईट02_अमरजीत भगत (मंत्री छ ग शासन)

नोट-इस खबर में अमरजीत भगत की बाईट और विजुअल रिपोर्टर एप्स से जा रहे हैं इसी स्लग से
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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