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SPECIAL: देश सेवा पर निकले 35 नव आरक्षक, कभी थे हार्ड कोर नक्सली

कहते हैं सुबह का भूला शाम को वापस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते. कुछ ऐसे ही भूले मुख्य धारा में लौटे, खाकी वर्दी पहनी और अब देश सेवा का संकल्प ले चुके हैं.

35 new constables are in country service who were once hardcore Naxalites
35 नव आरक्षक, जो कभी थे हार्ड कोर नक्सली
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Published : Feb 19, 2020, 11:26 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: जिले के मैनपाट में स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में 140 आरक्षकों ने 13 महीने का विशेष प्रशिक्षण लिया. इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें से 35 ऐसे नव आरक्षक हैं, जो कभी हार्डकोर नक्सली हुआ करते थे. सरकार के नक्सल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ा और अब ये न सिर्फ मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं बल्कि खाकी वर्दी पहन कर देश व राज्य की सेवा का संकल्प भी ले चुके हैं.

नक्सलवाद का रास्ता छोड़, देश सेवा पर निकले 35 जवान

मैनपाट पीटीएस के 5वें प्रशिक्षण सत्र में कुल 140 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया और इन 140 में से 35 ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जो पहले हार्डकोर नक्सली हुआ करते थे. लेकिन जब उन्हें समझ आया की नक्सली उन्हें और उनके आदिवासी साथियों को गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं, तो इन लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बनाया. ETV भारत ने इन नव आरक्षकों से बातचीत भी की जो पहले नक्सली हुआ करते थे. इस बात चीत में उन लोगों ने अपना दर्द और नए जीवन में आए बदलाव के बारे में बात की.

35 new constables are in country service who were once hardcore Naxalites
परेड के शामिल होते जवान

दी जाती है कड़ी ट्रेनिंग

13 महीने की कड़ी ट्रेनिंग में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में ना सिर्फ फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती है बल्कि आरक्षकों के बौद्धिक विकास के लिए विभिन्न सामाजिक विषयों की पढ़ाई भी कराई जाती है. 13 महीने में इन विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आरक्षक को विशेष सम्मान दिया जाता है.

35 new constables are in country service who were once hardcore Naxalites
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आरक्षक को मिला विशेष सम्मान

इन्हें मिला पुरस्कार

पुलिस प्रशिक्षण केंद्र मैनपाट के पांचवे दीक्षांत समारोह के अवसर पर 13 महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रथम पंक्ति के नव आरक्षक में पुलिस और समाज विषय के लिए सिद्धार्थ पाठक, प्रशासन एवं संगठन कानून विषय के लिए रोशन कुमार ठाकुर, पुलिस प्रक्रिया के लिए मुस्कान दुबे, पुलिस विज्ञान सत्र का सर्वोत्तम प्रशिक्षणार्थी के लिए रोशन कुमार राठौर, अपराध शास्त्र आतंकवाद कंप्यूटर साइबर क्राइम तथा अंग्रेजी भाषा छत्तीसगढ़ के शहीद विषय के लिए पंकज पटेल, डोरली भाषा अनुशासन के लिए मुन्ना राणा, मकेस्ट्री फायरिंग के लिए मिथलेश साहू, आउटडोर परेड सहायक परेड कमांडर मनोहर लाल निषाद, परेड कमांडर के लिए आशीष निश्चल तिर्की को सम्मानित किया गया. सम्मान पाने वाले यह वह पुलिसकर्मी हैं जिन्होंने 13 महीने के कठिन प्रशिक्षण के दौरान इन विषयों में अतिरिक्त उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.

35 new constables are in country service who were once hardcore Naxalites
परेड के भाग लेते नव आरक्षक

इस लक्ष्य के साथ कराया जाता है प्रशिक्षण

प्रदेश भर के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में नव आरक्षकों को अलग अलग तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है और यह प्रशिक्षण पुलिस भर्ती के बाद विभाग के द्वारा समय समय पर कराया जाता है. प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षणार्थियों को 13 महीने तक कठिन परीक्षण से गुजरना होता है, ताकी वो समाज मे होने वाली विषम परिस्थितियों से निपटने में सक्षम बन सकें. इसके साथ ही यहां बौद्धिक विकास के लिए पुलिस और समाज से जुड़े विषयों की पढ़ाई भी कराई जाती है, जिससे ये लोग पुलिस और समाज के बीच बेहतर समन्वय बनाने में सफल रहें और बेहतर पुलिसिंग को अंजाम दे सकें.

सरगुजा: जिले के मैनपाट में स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में 140 आरक्षकों ने 13 महीने का विशेष प्रशिक्षण लिया. इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें से 35 ऐसे नव आरक्षक हैं, जो कभी हार्डकोर नक्सली हुआ करते थे. सरकार के नक्सल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ा और अब ये न सिर्फ मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं बल्कि खाकी वर्दी पहन कर देश व राज्य की सेवा का संकल्प भी ले चुके हैं.

नक्सलवाद का रास्ता छोड़, देश सेवा पर निकले 35 जवान

मैनपाट पीटीएस के 5वें प्रशिक्षण सत्र में कुल 140 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया और इन 140 में से 35 ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जो पहले हार्डकोर नक्सली हुआ करते थे. लेकिन जब उन्हें समझ आया की नक्सली उन्हें और उनके आदिवासी साथियों को गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं, तो इन लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बनाया. ETV भारत ने इन नव आरक्षकों से बातचीत भी की जो पहले नक्सली हुआ करते थे. इस बात चीत में उन लोगों ने अपना दर्द और नए जीवन में आए बदलाव के बारे में बात की.

35 new constables are in country service who were once hardcore Naxalites
परेड के शामिल होते जवान

दी जाती है कड़ी ट्रेनिंग

13 महीने की कड़ी ट्रेनिंग में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में ना सिर्फ फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती है बल्कि आरक्षकों के बौद्धिक विकास के लिए विभिन्न सामाजिक विषयों की पढ़ाई भी कराई जाती है. 13 महीने में इन विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आरक्षक को विशेष सम्मान दिया जाता है.

35 new constables are in country service who were once hardcore Naxalites
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आरक्षक को मिला विशेष सम्मान

इन्हें मिला पुरस्कार

पुलिस प्रशिक्षण केंद्र मैनपाट के पांचवे दीक्षांत समारोह के अवसर पर 13 महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रथम पंक्ति के नव आरक्षक में पुलिस और समाज विषय के लिए सिद्धार्थ पाठक, प्रशासन एवं संगठन कानून विषय के लिए रोशन कुमार ठाकुर, पुलिस प्रक्रिया के लिए मुस्कान दुबे, पुलिस विज्ञान सत्र का सर्वोत्तम प्रशिक्षणार्थी के लिए रोशन कुमार राठौर, अपराध शास्त्र आतंकवाद कंप्यूटर साइबर क्राइम तथा अंग्रेजी भाषा छत्तीसगढ़ के शहीद विषय के लिए पंकज पटेल, डोरली भाषा अनुशासन के लिए मुन्ना राणा, मकेस्ट्री फायरिंग के लिए मिथलेश साहू, आउटडोर परेड सहायक परेड कमांडर मनोहर लाल निषाद, परेड कमांडर के लिए आशीष निश्चल तिर्की को सम्मानित किया गया. सम्मान पाने वाले यह वह पुलिसकर्मी हैं जिन्होंने 13 महीने के कठिन प्रशिक्षण के दौरान इन विषयों में अतिरिक्त उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.

35 new constables are in country service who were once hardcore Naxalites
परेड के भाग लेते नव आरक्षक

इस लक्ष्य के साथ कराया जाता है प्रशिक्षण

प्रदेश भर के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में नव आरक्षकों को अलग अलग तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है और यह प्रशिक्षण पुलिस भर्ती के बाद विभाग के द्वारा समय समय पर कराया जाता है. प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षणार्थियों को 13 महीने तक कठिन परीक्षण से गुजरना होता है, ताकी वो समाज मे होने वाली विषम परिस्थितियों से निपटने में सक्षम बन सकें. इसके साथ ही यहां बौद्धिक विकास के लिए पुलिस और समाज से जुड़े विषयों की पढ़ाई भी कराई जाती है, जिससे ये लोग पुलिस और समाज के बीच बेहतर समन्वय बनाने में सफल रहें और बेहतर पुलिसिंग को अंजाम दे सकें.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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