सरगुजा: छत्तीसगढ़ से तमिलनाडु ले जाई जा रही लड़कियों से भरी बस को पुलिस ने पकड़ा है. बस में प्रदेश की लगभग 25 लड़कियां सवार थीं, जिनका कहना है कि किसी कंपनी में काम करती हैं और कंपनी ने उन्हें लाने के लिए बस भेजी है. लेकिन इस पूरे मामले को मानव तस्करी से भी जोड़कर देखा जा रहा है. पुलिस फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि पूरे केस की तफ्तीश कराई जा रही है और युवतियों के परिजन से सम्पर्क किया जा रहा है. उनके दस्तावेज मंगवाए गए हैं .ऐसे में पुलिस की जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.
मंगलवार देर शाम मणिपुर चौकी पुलिस को सूचना मिली थी कि एक बस में बड़ी संख्या में लड़कियां बैठी हैं, उन्हें क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित कर ले जाया जा रहा है. एसपी के नेतृत्व में एक टीम ने खरसिया रोड और बिलासपुर चौक के बीच रिंग रोड पर तमिलनाडु परमिट की बस को रोका. उसकी जांच करने के साथ ही बस में बैठी युवतियों से पूछताछ की. बस में 25 युवतियां सवार थीं, जिनकी उम्र 18 से 20 साल के बीच है.
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इन युवतियों का कहना है कि वे तमिलनाडु की एक कंपनी में काम करती हैं और तीन साल तक उन्होंने तमिलनाडु में काम किया, लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन में उन्हें वापस घर लौटना पड़ा था. अब कंपनी ने दोबारा उन्हें लाने के लिए बस भेजी है. इस बस में सरगुजा संभाग के साथ प्रदेश के अगल-अगल जिलों की लड़कियां भी शामिल हैं. जब पुलिस ने उनसे कंपनी के बारे में दस्तावेज मांगे, तो ड्राइवर और युवतियों के पास कोई दस्तावेज नहीं था.
दस्तावेज नहीं होने से मामला संदिग्ध
लड़कियां बालिग हैं या नहीं उनके पास इसके भी दस्तावेज नहीं है. ऐसे में यह पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है. फिलहाल, पुलिस इन लड़कियों के परिजन से सम्पर्क करने की कोशिश कर रही है. ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि युवतियों को किस उद्देश्य से तमिलनाडु ले जाया जा रहा था.
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एसपी ने बताया कि बस में युवतियों को तमिलनाडु ले जाए जाने की सूचना पर टीम को भेजा गया था. हम पूरे मामले की तफ्तीश कर रहे हैं और उनके परिजन से सम्पर्क किया जा रहा है. अभी जांच जारी है और जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ होगी.